नई दिल्ली: उन लाखों नौकरीपेशा लोगों के लिए एक बड़ी खुशखबरी आ सकती है, जिनकी सैलरी से ईपीएफ (Employees’ Provident Fund) का योगदान कटता है। ‘ईपीएस-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति’ ने सरकार से न्यूनतम मासिक पेंशन को बढ़ाने की मांग की है। समिति ने श्रम मंत्रालय को 15 दिनों का अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो देशव्यापी आंदोलन किया जाएगा।
मांगें और चेतावनियाँ
समिति ने अपनी मांग में न्यूनतम पेंशन को 1,000 रुपये से बढ़ाकर 7,500 रुपये करने की बात कही है। उनका कहना है कि मौजूदा पेंशन राशि बहुत कम है और इससे पेंशनभोगियों को जीवनयापन में कठिनाई होती है। इसके अलावा, चिकित्सा सुविधाओं की कमी के कारण पेंशनभोगियों की मृत्यु दर भी बढ़ रही है। समिति ने केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव को एक पत्र लिखकर यह चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो वे रेल और सड़क परिवहन को ठप करने समेत सामूहिक अनशन जैसे आंदोलन करेंगे।
EPS-95 क्या है?
ईपीएस-95 (Employees’ Pension Scheme 1995) की शुरुआत 1995 में हुई थी, और इसे EPFO द्वारा संचालित किया जाता है। इस योजना में छह करोड़ से अधिक अंशधारक और 75 लाख पेंशनभोगी लाभार्थी हैं। वर्तमान में इस योजना के तहत न्यूनतम 1,000 रुपये की पेंशन सुनिश्चित है। इसके अलावा, इस योजना में खाताधारक की मृत्यु के पश्चात उनके जीवनसाथी और बच्चों को भी पेंशन की सुरक्षा मिलती है।
आंदोलन की चेतावनी
समिति ने अपने पत्र में यह भी कहा है कि अगर 15 दिनों के भीतर पेंशन राशि में वृद्धि नहीं की गई, तो वे देशव्यापी आंदोलन करेंगे। इस आंदोलन में रेल और सड़क परिवहन को बंद करने की योजना भी शामिल है। समिति ने सुप्रीम कोर्ट के 2016 और 2022 के फैसलों का हवाला देते हुए वास्तविक वेतन पर पेंशन भुगतान और महंगाई भत्ता घोषित करने की भी मांग की है।
यदि सरकार इस मांग को मान लेती है, तो लाखों पेंशनभोगियों को बड़ी राहत मिल सकती है, और उनकी पेंशन राशि में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है। अब देखना यह है कि सरकार इस पर क्या कदम उठाती है और पेंशनभोगियों को कब तक इसका लाभ मिलता है।
सरकार हमारेही पैसोपर हमे पेन्शन बढाकर क्यो नही दे रही हम लोगोका सबसे बडा योगदान देशकी प्रगति मे है हमने संपूर्ण नोकरी कालातीत मे सबसे ज्यादा अंशदान सरकारको दिया है. हमे दो वक्त का दोनोको खाना और औषध ले सके इतनी पेन्शन सरकार नही दे रही, जिन्होने कभी सरकारको नया पैसा योगदान नही दिया उनको सरकार पंधरा हजार तक पाच सालके बाद बाट रही क्या यही है सबका साथ सबका विकास है.
Why Government is not taking it honestly and on priority… it’s question of millions of senior citizens who retired after serving for long time and fighting for the valid right.
seriously government should look into the matter immediately now it’s already very late many of our colleagues have passed away waiting for the outcome of efforts put in by us.