EPS 95: अधिकांश भावी पेंशनर्स को 2140 रुपये मिलेगी ईपीएस 95 न्यूनतम पेंशन…पेंशन वृद्धि की सिफारिशों के बाद भी नहीं उठाए गए ठोस कदम

कर्मचारी पेंशन योजना 1995 के तहत पेंशन राशि अपर्याप्त है, जिससे पेंशनभोगियों को वित्तीय कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। बजटीय सहायता और पेंशन वृद्धि की सिफारिशों के बावजूद, सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है, जिससे निराशा बढ़ी है।

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Written by Rohit Kumar

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EPS 95: अधिकांश भावी पेंशनर्स को 2140 रुपये मिलेगी ईपीएस 95 न्यूनतम पेंशन

कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (EPS-95) के तहत पेंशन की मौजूदा स्थिति पेंशनभोगियों के लिए निराशा का कारण बन गई है। मात्र 1000 रुपये की मासिक पेंशन से परिवार का खर्च चलाना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। केंद्रीय बजट में उम्मीद थी कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कुछ ऐसे कदम उठाएंगी, जिससे पेंशनभोगियों को राहत मिल सके। पेंशन आंदोलन के नेताओं ने दो बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी और उन्हें आश्वासन भी मिला था, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई बदलाव नहीं हुआ।

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सरकार और EPFO पर टिप्पणी

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) और मोदी सरकार के खिलाफ विभिन्न प्रकार की टिप्पणियां की जा रही हैं। EPS-95 न्यूनतम पेंशन को लेकर पेंशनभोगी रामकृष्ण पिल्लई ने राज्य सभा में सरकार के जवाब को हैरान करने वाला बताया है। उन्होंने कहा कि पुराने कर्मचारियों के लिए बजटीय सहायता के साथ न्यूनतम पेंशन में वृद्धि की कोई योजना नहीं है।

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पेंशन योग्य वेतन सीमा

पेंशन योग्य वेतन सीमा 6500 रुपये थी, जिसके अनुसार अधिकांश पेंशनभोगियों को मात्र 2140 रुपये प्रति माह की न्यूनतम पेंशन मिलती है। इसका अर्थ है कि 2000 रुपये की न्यूनतम पेंशन देने के लिए अतिरिक्त बजटीय सहायता केवल 31 अगस्त 2014 तक सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों तक ही सीमित होगी। यह स्थिति सरकार को स्पष्ट रूप से समझाई जानी चाहिए।

बजटीय सहायता की सिफारिश

2018 में उच्चस्तरीय समिति (HPC) ने बजटीय सहायता के साथ 2000 रुपये प्रति माह की न्यूनतम पेंशन की सिफारिश की थी, लेकिन इस सिफारिश पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। पेंशनभोगियों का मानना है कि सरकार ने इस महत्वपूर्ण मुद्दे को नजरअंदाज कर दिया है।

युवा कर्मचारियों का भविष्य

बता दें, इस मामले पर ब्रह्माजी राव वसंथाराव ने EPS-95 पेंशन के मुद्दे पर खुलकर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि फुर्सत के कर्मचारी कहीं भी लोकप्रिय नहीं हैं और सरकार की नजर में सारे बूढ़े बोझ बन गए हैं। उनके अनुसार, जब एक 25 वर्षीय युवक नौकरी शुरू करता है, तो उसकी पहली महीने की सैलरी सरकार के EPFO खाते में जमा होती है। यह राशि 40 साल तक सरकार के पास रहती है, जब तक वह कर्मचारी रिटायर नहीं होता। यह एक प्रकार से सरकार के लिए सबसे स्मार्ट बजट है, जहां वे इस राशि का उपयोग कर सकते हैं।

निष्कर्ष

कर्मचारी पेंशन योजना 1995 के तहत मिलने वाली न्यूनतम पेंशन पेंशनभोगियों के लिए निराशाजनक है। पेंशनभोगियों को उचित समर्थन और वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने के लिए सरकार को इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। बजटीय सहायता के माध्यम से न्यूनतम पेंशन में वृद्धि की सिफारिशों को लागू करना आवश्यक है ताकि पेंशनभोगियों को वित्तीय स्थिरता मिल सके और वे सम्मानपूर्वक जीवनयापन कर सकें।

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9 thoughts on “EPS 95: अधिकांश भावी पेंशनर्स को 2140 रुपये मिलेगी ईपीएस 95 न्यूनतम पेंशन…पेंशन वृद्धि की सिफारिशों के बाद भी नहीं उठाए गए ठोस कदम”

  1. Senior citizens of private sector are asking for the money which they kept as a pension source for their own future. This money doesn’t belong to the government as it not invested by the government. In 2024 how can one survive with Rs 1000/-. The company employers should also back this purpose in order to get justice to their old ex workers.

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  2. NDA government is not having extra budget for EPF 95 pensioners. Whereas various government schemes are running. How all these money are coming from? We at this old age unable to survive in this 1000/₹. Basically our problems are so acute that not to be discussed but fill in the heart.
    Request to the rulling government give us a space to servive.

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  3. सरकार को सबका साथ चाहिए पर सबका विकास नहीं चाहिए गवर्नमेंट कर्मचारियों को इतनी हाई पेंशन कहां से दी जाती है और प्राइवेट कर्मचारियों के लिए फंड कहां से गायब हो जाता है रिटायरमेंट के बाद तो सब एक जैसे हो जाते हैं
    सरकार को यदि सबका साथ और सबका विकास चाहिए तब सबको एक ही नजर से देखना पड़ेगा सरकारी कर्मचारियों से प्राइवेट कर्मचारियों की संख्या कम नहीं

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