सरकार ने EPS-95 (कर्मचारी पेंशन योजना) पेंशनधारकों के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की है। इस बदलाव के तहत पेंशन योग्य वेतन की अधिकतम सीमा को बढ़ाने की योजना बनाई गई है, जिससे कर्मचारियों की मासिक पेंशन में वृद्धि होगी।
मौजूदा समय में EPS-95 पेंशन योजना के तहत पेंशन योग्य वेतन की अधिकतम सीमा ₹15,000 है। लेकिन नए प्रस्ताव के अनुसार, इसे बढ़ाकर ₹25,000 करने की योजना है, जिससे कर्मचारियों की मासिक पेंशन में ₹12,500 तक की बढ़ोतरी हो सकती है।
EPS-95 पेंशन योजना की मौजूदा स्थिति
EPS-95 पेंशन योजना एक महत्वपूर्ण पेंशन योजना है, जिसे 1995 में संगठित क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए शुरू किया गया था। यह योजना EPFO द्वारा संचालित की जाती है और इसका लाभ उन्हीं कर्मचारियों को मिलता है, जिन्होंने कम से कम 10 वर्षों तक सेवा की हो।
पेंशन योजना के तहत, कर्मचारी के वेतन का 12% उसके पीएफ खाते में जाता है, जबकि नियोक्ता भी समान मात्रा में योगदान करता है। इस योगदान का एक हिस्सा, जो 8.33% होता है, पेंशन फंड में जमा होता है, जिससे कर्मचारी की पेंशन राशि तय होती है।
पेंशन वृद्धि की गणना कैसे की जाएगी?
मौजूदा नियमों के अनुसार, पेंशन की गणना कर्मचारी के अंतिम 60 महीनों के औसत वेतन पर की जाती है। उदाहरण के लिए, अगर आपकी मासिक सैलरी ₹15,000 है और आपने 35 साल तक सेवा की है, तो आपकी मासिक पेंशन ₹7,500 होगी। गणना का फॉर्मूला कुछ इस प्रकार है:
- मासिक पेंशन = पेंशन योग्य वेतन X सेवा अवधि / 70
लेकिन अगर पेंशन योग्य वेतन को बढ़ाकर ₹25,000 किया जाता है, तो आपकी पेंशन भी बढ़कर ₹12,500 हो जाएगी। यह बदलाव कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जिन्होंने लंबी अवधि तक सेवा की है।
उच्च पेंशन योजना की आवश्यकता क्यों?
कई श्रमिक संघों ने यह मांग की है कि पेंशन योग्य वेतन की अधिकतम सीमा को ₹15,000 से बढ़ाकर ₹25,000 किया जाए। ऐसा इसलिए क्योंकि वर्तमान आर्थिक स्थिति में ₹15,000 की सीमा कर्मचारियों की जरूरतों को पूरा करने में असमर्थ है। इस प्रस्ताव को वित्त मंत्रालय के पास भेजा गया है, जहां इस पर विचार किया जा रहा है। अगर इसे मंजूरी मिलती है, तो लाखों पेंशनधारकों को इसका सीधा लाभ मिलेगा।
निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए भी राहत
EPS-95 पेंशन योजना के तहत न केवल सरकारी कर्मचारी बल्कि निजी क्षेत्र के कर्मचारी भी पेंशन के हकदार होते हैं। अगर आपने किसी प्राइवेट कंपनी में काम किया है और आपका पीएफ कटता है, तो आप भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। यह योजना संगठित क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए है, और इसमें शामिल होने के लिए कर्मचारी को 10 वर्षों तक नौकरी करनी होती है। रिटायरमेंट के बाद, 58 वर्ष की आयु पूरी होने पर पेंशन मिलनी शुरू हो जाती है।
मौजूदा पेंशन में अधिकतम सीमा
अगर मौजूदा नियमों के अनुसार देखा जाए, तो ₹15,000 की पेंशन योग्य वेतन सीमा के तहत अधिकतम पेंशन ₹7,500 होती है। हालांकि, इस पेंशन को बढ़ाने के प्रस्ताव के बाद, अगर वेतन सीमा ₹25,000 कर दी जाती है, तो पेंशन ₹12,500 हो जाएगी। यह बदलाव कर्मचारियों के लिए आर्थिक रूप से फायदेमंद साबित हो सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो अपनी नौकरी की सेवा अवधि को पूरा कर चुके हैं।
EPFO द्वारा पेंशन में बदलाव की प्रक्रिया
EPFO (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) ने फिलहाल उच्च पेंशन योजना की गणना की प्रक्रिया की घोषणा नहीं की है। पेंशन गणना की प्रक्रिया में परिवर्तन आने पर अधिक जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। वर्तमान में, कर्मचारी और नियोक्ता दोनों की ओर से योगदान के आधार पर पेंशन तय होती है, और इसे बढ़ाने के लिए EPFO नई गाइडलाइंस जारी कर सकता है।
EPS-95 के तहत कुछ अहम नियम
- पेंशन का हकदार कौन है?
कर्मचारी जो EPFO में योगदान देते हैं और 10 साल की सेवा पूरी कर चुके हैं, वे पेंशन के हकदार होते हैं। हालांकि, पेंशन का लाभ 58 साल की उम्र पूरी करने के बाद ही मिलेगा। 50 साल की उम्र के बाद भी पेंशन ली जा सकती है, लेकिन इसके लिए पेंशन में कटौती होगी। - पेंशन से पहले नौकरी छोड़ने पर क्या होगा?
अगर कोई कर्मचारी 50 साल से कम उम्र में नौकरी छोड़ता है, तो उसे पेंशन के लिए 58 साल तक इंतजार करना होगा। अगर नौकरी की सेवा अवधि 10 साल से कम है, तो पेंशन फंड का पूरा पैसा निकाला जा सकता है।
EPS-95 पेंशन योजना के तहत पेंशन योग्य वेतन में बढ़ोतरी का प्रस्ताव कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकता है। इससे न केवल उनकी मासिक पेंशन में वृद्धि होगी, बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी।