क्या कांग्रेस बढ़ाएगी EPS 95 न्यूनतम पेंशन? रिकॉर्ड पर उठ रहे सवाल!
1000 रुपए पेंशन में जी रहे लाखों लोगों की आवाज़ बन रही है तेज़। मोदी सरकार के फैसले पर सबकी निगाहें! जानें क्यों पेंशनभोगी दे रहे हैं तीखे बयान और क्या सरकार जल्द करेगी बड़ा ऐलान।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन
1000 रुपए पेंशन में जी रहे लाखों लोगों की आवाज़ बन रही है तेज़। मोदी सरकार के फैसले पर सबकी निगाहें! जानें क्यों पेंशनभोगी दे रहे हैं तीखे बयान और क्या सरकार जल्द करेगी बड़ा ऐलान।
EPFO पेंशनभोगियों ने मोदी सरकार से न्यूनतम पेंशन 1000 रुपए से बढ़ाकर 7500 रुपए करने की मांग की है, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर व्यापक चर्चा और निराशा व्यक्त की जा रही है।
कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (EPS 95) के तहत पेंशनधारकों को मामूली पेंशन मिल रही है, जो अपर्याप्त है। पेंशनधारक न्यूनतम पेंशन वृद्धि, अंशदान बढ़ोतरी और सेवा अवधि घटाने जैसे सुधारों की मांग कर रहे हैं। सरकारी हस्तक्षेप की आवश्यकता है।
महाराष्ट्र के सांसद छत्रपति साहू महाराज ने लोकसभा में EPS 95 न्यूनतम पेंशन बढ़ाकर 9,000 रुपये करने की मांग की, पेंशन को महंगाई सूचकांक से जोड़ने और सरकार से पेंशनभोगियों की वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया।
कानपुर में राष्ट्रीय संघर्ष समिति की मासिक बैठक में ईपीएस 95 पेंशन धारकों ने न्यूनतम पेंशन ₹5000 तक बढ़ाने की चार सूत्रीय मांग उठाई। बैठक में आगामी आंदोलन की तैयारी और 31 जुलाई 2024 को जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन की योजना बनाई गई, जिसमें अधिक संख्या में पेंशन धारकों की भागीदारी की अपील की गई।
ईपीएस 95 के तहत पेंशनभोगियों की मांगें बढ़ीं, सरकार की चुप्पी से नाराजगी। महंगाई और जीवन यापन के दबाव के बीच, क्या बजट 2025 लाएगा राहत?
कर्मचारी पेंशन स्कीम के तहत यदि कोई कर्मचारी ईपीएफओ में निवेश के 10 वर्ष पूरे होने से पहले नौकरी छोड़ देते हैं तो वह पेंशन योजना प्रमाण पत्र (Scheme Certificate) के लिए अप्लाई कर सकते हैं। इससे वह भविष्य में नई जगह नौकरी के लिए अपने सर्टिफिकेट को सरेंडर करके दोबारा ईपीएफओ में निवेश कर सकते हैं।
भारत सरकार ने कर्मचारी पेंशन योजना (EPS-1995) में संशोधन किया है जिससे 6 महीने से कम सेवा वाले सदस्यों को भी निकासी लाभ प्राप्त हो सकेगा। इस संशोधन से हर वर्ष 7 लाख से अधिक सदस्य लाभान्वित होंगे।
EPS 95 पेंशन धारकों के लिए एक और अच्छी खबर आई है। NSC कर्नाटक की टीम ने श्रम राज्य मंत्री सुश्री शोभा कंदलापल्ली से मुलाकात की और न्यूनतम पेंशन को ₹7,500 तक बढ़ाने की मांग की।
EPS-95 पेंशनभोगियों की मांगों के बावजूद, सरकार ने अब तक उनकी मांगों को पूरी तरह से स्वीकार नहीं किया है।