वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने हाल ही में बताया कि पुरानी पेंशन व्यवस्था को वित्तीय कारणों से जारी रखना संभव नहीं है, और यह उन नागरिकों के लिए हानिकारक होगा जो सरकारी नौकरी में नहीं हैं। इसके अलावा, उन्होंने नई पेंशन प्रणाली (NPS) के संदर्भ में राज्य सरकारों और कर्मचारी संगठनों के साथ की गई प्रगतिशील चर्चाओं का भी उल्लेख किया।
एनपीएस में सुधार की दिशा
सोमनाथन ने बताया कि एनपीएस पर बनी समिति का काम अभी पूरा नहीं हुआ है। समिति कर्मचारियों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए विभिन्न मुद्दों पर विचार कर रही है। इनमें शामिल हैं:
- पेंशन की स्थिरता: कर्मचारी चाहते हैं कि पेंशन का एक निश्चित हिस्सा सुनिश्चित हो, ताकि शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव का असर न हो।
- महंगाई भत्ता (DA): सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाली पेंशन में महंगाई से निपटने के लिए डीए जैसी व्यवस्था की मांग की जा रही है।
- न्यूनतम पेंशन: 30 साल की सेवा पूरी न करने वाले कर्मचारियों के लिए न्यूनतम पेंशन की व्यवस्था की जरूरत है।
रोजगार सृजन और कौशल विकास
वित्त सचिव ने बताया कि सरकार रोजगार सृजन और कौशल विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। बजट में 1,000 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (ITI) को आधुनिक बनाने की योजना है, जिसमें आधुनिक मशीनरी और कामकाज के तरीकों को शामिल किया जाएगा। इसके अलावा, एक करोड़ युवाओं को कंपनियों में प्रशिक्षण देने और 20 लाख युवाओं को आईटीआई में प्रशिक्षण देने की घोषणा की गई है।
बजट 2024 में रोजगार और पूंजीगत निवेश
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश बजट 2024 में संगठित क्षेत्र में आने वाले नए कामगारों के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के माध्यम से तीन योजनाओं की घोषणा की गई है। इन योजनाओं के लिए 1.07 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिससे अगले पांच साल में 2.90 लाख लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है।
खाद्य महंगाई और मौद्रिक नीति
आर्थिक समीक्षा में खाद्य महंगाई को मौद्रिक नीति से अलग करने पर चर्चा की गई है। सोमनाथन ने कहा कि यह एक सोचने योग्य मुद्दा है और इस पर अर्थशास्त्रियों की विभिन्न राय हैं। खाद्य पदार्थों की ऊंची कीमतें प्रायः आपूर्ति की समस्या के कारण होती हैं, इसलिए महंगाई का लक्ष्य तय करने पर विचार किया जाना चाहिए।
निष्कर्ष
वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने बजट 2024 में पुरानी पेंशन व्यवस्था की वित्तीय अक्षमता को स्पष्ट करते हुए NPS में सुधार की योजना प्रस्तुत की है। साथ ही, रोजगार सृजन और कौशल विकास पर जोर दिया गया है, जो देश की युवा पीढ़ी के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। इस बजट में ‘विकसित भारत’ के लिए रोजगार सृजन, पूंजीगत निवेश और उच्च प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम उठाए गए हैं।