पेंशन राज्य मंत्री, डॉ. जितेंद्र सिंह, ने हाल ही में दिल्ली में अपने आवास पर मीडिया के साथ बातचीत की, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल की उपलब्धियों और आगामी योजनाओं को साझा किया। इस दौरान, ईपीएस 95 पेंशन, पारिवारिक पेंशन, और विधवा पेंशन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई।
पेंशनभोगी कल्याण में सुधार
मंत्री जी ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी की सरकार वरिष्ठ नागरिकों की चिंताओं के प्रति गहरी संवेदनशीलता रखती है। सरकार ने पेंशन अदालतों की शुरुआत की है और महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में कई पहल की हैं, खासकर अविवाहित, तलाकशुदा बेटियों और विधवाओं को पेंशन के माध्यम से सहारा देने का प्रयास किया गया है।
नए सुधार और पहल
डॉ. सिंह ने यह भी बताया कि मोदी सरकार ने केंद्रीय भर्ती और शैक्षणिक संस्थानों की प्रवेश परीक्षाओं में बेईमानी से निपटने के लिए ‘सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित तरीकों की रोकथाम) कानून 2024’ लागू किया है, जिसके तहत शून्य सहिष्णुता की नीति अपनाई गई है। इसके अलावा, उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों के कौशल और क्षमता निर्माण पर भी जोर दिया है, जिससे शासन में महत्वपूर्ण सुधार संभव हो सके।
पारदर्शिता और जवाबदेही
आगे बढ़ते हुए, मंत्री जी ने पारदर्शिता और जवाबदेही की सरकारी प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि शासन में मानवीय दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है, और इसी कारण शिकायत निवारण के बाद मानवीय फीडबैक मॉडल को अपनाया गया है।
इन उपायों के साथ, मोदी सरकार की नीतिगत पहलें और सुधारात्मक कदम भारतीय पेंशन प्रणाली को और अधिक इनक्लूसिव और सशक्त बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं, जिससे वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं को उचित सहायता और संरक्षण प्रदान किया जा सके।