एंप्लॉय प्रोविडेंट फंड (EPF) ने डेथ क्लेम के लिए नए नियम जारी किए हैं, जिससे प्रक्रिया में सरलता आएगी। EPF ने फिजिकल क्लैम सेटलमेंट के डिटेल्स को स्पष्ट करते हुए एक सर्कुलर जारी किया है। इसके अनुसार, EPF सदस्यों की मृत्यु के मामलों में आधार को जोड़ने और ऑथेंटिकेट करने में फील्ड ऑफिसर्स को आने वाली दिक्कतों को देखते हुए नए नियम लागू किए गए हैं।
नए नियमों की आवश्यकता
EPF के अनुसार, सदस्य की मृत्यु के बाद आधार डिटेल्स को ठीक नहीं किया जा सकता है, जिससे पेमेंट में देरी हो रही थी। इस समस्या का समाधान करने के लिए EPF ने आधार को जोड़ने के बिना फिजिकल क्लैम की अनुमति देने का निर्णय लिया है। हालांकि, यह केवल ई-फ़ाइल में फील्ड ऑफिसर्स की परमिशन के साथ ही किया जा सकता है और उन मामलों में लागू होगा जहां सदस्य की डिटेल्स UAN में सही है, लेकिन आधार डेटाबेस में गलत है।
फील्ड ऑफिसर्स की समस्याएं
फील्ड ऑफिसर्स को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता था, जैसे कि आधार में गलत डिटेल्स, UIDAI डेटाबेस से आधार में तकनीकी दिक्कतें और इनएक्टिव आधार। इन समस्याओं को ध्यान में रखते हुए, अब सभी मृत्यु मामलों में आधार को जोड़े बिना फिजिकल क्लैम को टेम्परेरी रूप से स्वीकार करने का निर्णय लिया गया है।
प्रक्रिया की पारदर्शिता और सुरक्षा
EPF ने धोखाधड़ी रोकने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। OIEC (ऑफिसर इंचार्ज) द्वारा मृतक की सदस्यता और दावेदारों की जांच की जाएगी। यदि आधार के बिना किसी सदस्य की मृत्यु हो जाती है, तो उस व्यक्ति का डेटा आधार सिस्टम में रखा जाएगा और जेडी फॉर्म पर हस्ताक्षर करने की अनुमति दी जाएगी।
परिवार के सदस्यों के लिए नई सुविधा
अगर मृतक सदस्य ने कभी अपना आधार नहीं दर्ज कराया था, तो उसके परिवार के किसी एक सदस्य को जेडी को अपना आधार जमा करने की अनुमति दी जा सकती है। यह कदम मृतक के परिवार को सहायता प्रदान करने और प्रक्रिया को आसान बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
EPF के नए नियम डेथ क्लेम की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से बनाए गए हैं। आधार से जुड़ी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए, EPF ने फिजिकल क्लैम को अनुमति देकर सदस्यों और उनके परिवारों को राहत प्रदान की है।