PF से पैसा निकालने पर कब लगेगा टैक्स और कब नहीं? जानें पूरा नियम

जानें कब PF से निकाले पैसे पर लगेगा टैक्स और कब मिलेगा पूरा पैसा टैक्स फ्री, EPFO के नियमों की डिटेल जिसमें TDS, PAN लिंक और खास परिस्थितियों में मिलने वाली छूट की पूरी जानकारी शामिल है।

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Written by Rohit Kumar

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PF से पैसा निकालने पर कब लगेगा टैक्स और कब नहीं? जानें पूरा नियम
PF से पैसा निकालने पर कब लगेगा टैक्स और कब नहीं? जानें पूरा नियम

PF से पैसा निकालने पर टैक्स कब देना पड़ता है, ये ज्यादातर नौकरीपेशा लोग जानना चाहते हैं। कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) न सिर्फ बचत का जरिया है, बल्कि रिटायरमेंट प्लानिंग का भी अहम हिस्सा माना जाता है। EPFO अपने योगदानकर्ताओं को ब्याज भी देता है, जो मौजूदा समय में 8.15% है। अब सवाल ये है कि क्या PF से निकाले गए पैसों पर टैक्स लगता है? आइए इसे विस्तार से समझते हैं।

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5 साल बाद निकासी है टैक्स फ्री

अगर आपके PF अकाउंट को खोले हुए 5 साल से ज्यादा का समय बीत चुका है, तो अकाउंट से निकाली जाने वाली राशि पर कोई टैक्स नहीं लगता। इसका मतलब यह हुआ कि लंबे समय तक अकाउंट एक्टिव रहने के बाद निकासी पूरी तरह टैक्स फ्री होती है।

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5 साल से पहले निकासी पर टैक्स नियम

अगर 5 साल पूरे होने से पहले आप PF की रकम निकालते हैं, तो उस पर टैक्स लागू होता है। इस स्थिति में निकासी को अर्ली विदड्रॉल माना जाता है और उस पर टीडीएस (TDS) काटा जाता है। इसके अलावा अगर आपका PAN कार्ड PF खाते से लिंक है तो 10% TDS लागू होगा। और वहीं PAN लिंक न होने पर TDS की दर बढ़कर 20% तक हो जाती है।

किन परिस्थितियों में नहीं लगेगा टैक्स?

कुछ विशेष मामलों में, 5 साल पूरे होने से पहले निकासी करने पर भी टैक्स नहीं देना पड़ता। और यदि स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्या के कारण नौकरी छोड़नी पड़े, तो निकासी टैक्स फ्री होती है। अगर कंपनी बंद हो जाए और कर्मचारी को PF निकालना पड़े, उस पर भी टैक्स नहीं लगता। नौकरी बदलने की स्थिति में यदि आप पुराने PF खाते को नई कंपनी के PF खाते में ट्रांसफर करते हैं, तो यह भी टैक्स फ्री माना जाता है।

घर या प्लॉट खरीदने के लिए PF से एडवांस

EPFO ने PF से हाउसिंग से जुड़ी सुविधाओं के लिए एडवांस निकासी की अनुमति दी है।

  • सदस्यता के कम से कम 5 साल पूरे होना जरूरी है।
  • खाते में कम से कम 1000 रुपये ब्याज सहित जमा होना चाहिए।
  • एडवांस की राशि की सीमा, आपकी सैलरी (24 महीने तक का वेतन + डीए), PF खाते का बैलेंस और प्रॉपर्टी की वास्तविक कीमत—इनमें से जो कम हो, उतनी ही मिल सकती है।

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सैलरी से PF कटौती का फॉर्मूला

कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 12% हिस्सा EPF में जाता है। नियोक्ता (Employer) भी बराबर योगदान करता है, लेकिन उसका हिस्सा दो भागों में होता है-

  1. 8.33% EPS (कर्मचारी पेंशन योजना) में जाता है।
  2. 3.67% EPF खाते में जमा होता है।

क्यों सलाह दी जाती है रिटायरमेंट तक इंतजार करने की?

विशेषज्ञ कहते हैं कि PF अकाउंट को रिटायरमेंट प्लान की तरह ही लेना चाहिए। अगर आप पैसे को लंबे समय तक PF में जमा रहने देते हैं, तो एक साथ में मोटी रकम आपको रिटायरमेंट के बाद मिलती है। और साथ ही इस पर मिलने वाला ब्याज और टैक्स फ्री निकासी इसे एक विश्वसनीय वित्तीय सुरक्षा का साधन बना देती है।

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