EPFO Minimum Pension: 4 और 5 अगस्त को जंतर-मंतर पर पेंशनर्स देंगे धरना, पेंशनरों से दिल्ली आंदोलन में भाग लेने की अपील!

EPFO पेंशनर्स ने 4 और 5 अगस्त को दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है। पेंशन में बढ़ोतरी और सुधार की मांग को लेकर हजारों पेंशनर्स जुटेंगे। दिल्ली आंदोलन में भाग लेने के लिए पेंशनरों से अपील! क्या यह आंदोलन सरकार को झुकने पर मजबूर करेगा? जानें पूरी जानकारी!

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Written by Rohit Kumar

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EPFO Minimum Pension: 4 और 5 अगस्त को जंतर-मंतर पर पेंशनर्स देंगे धरना, पेंशनरों से दिल्ली आंदोलन में भाग लेने की अपील!
EPFO Minimum Pension: 4 और 5 अगस्त को जंतर-मंतर पर पेंशनर्स देंगे धरना, पेंशनरों से दिल्ली आंदोलन में भाग लेने की अपील!

हल्द्वानी, 22 जुलाई 2025 राष्ट्रीय सेवानिवृत्त संघर्ष समिति ने सभी सेवानिवृत्त कर्मचारियों से अपील की है, कि वे आगामी 4 और 5 अगस्त को दिल्ली के जंतर-मंतर पर होने वाले धरने में हिस्सा लें। यह धरना पेंशन में बढ़ोतरी, न्यूनतम पेंशन, महंगाई भत्ता बढ़ाने और सेवानिवृत्त कर्मचारियों से जुड़े अन्य मुद्दों को लेकर किया जा रहा है। समिति का कहना है कि यह आंदोलन उन कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा के लिए है, जो सेवानिवृत्ति के बाद अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में मुश्किलों का सामना कर रहे हैं।

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सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए अधिक अधिकारों की मांग

राष्ट्रीय सेवानिवृत्त संघर्ष समिति का कहना है कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन, जो उनके पूरे जीवन की मेहनत का नतीजा है, आज की महंगाई के मुकाबले बहुत कम है। समिति के नेताओं ने कहा कि महंगाई बढ़ने के बावजूद पेंशन में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है, जिससे सेवानिवृत्त कर्मचारियों को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उनका कहना है कि जो कर्मचारी दशकों तक देश की सेवा में रहे हैं, उन्हें उनका उचित सम्मान मिलना चाहिए।

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इस आंदोलन का उद्देश्य केवल पेंशन की बढ़ोतरी ही नहीं है, बल्कि न्यूनतम पेंशन की भी मांग की जा रही है। समिति का कहना है कि सरकारी कर्मचारी सेवानिवृत्त होने के बाद बिना किसी चिंता के अपने जीवन के बाकी सालों को जीने के हकदार हैं, लेकिन मौजूदा हालात में ऐसा संभव नहीं हो पा रहा है।

महंगाई का असर और सेवानिवृत्त कर्मचारियों का संघर्ष

महंगाई का बढ़ना सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए एक बड़ी समस्या बन चुका है। रोजमर्रा की आवश्यकताओं के बढ़ते खर्चों के कारण उनकी पेंशन अब अपर्याप्त हो चुकी है। समिति का मानना है कि पेंशन में समय-समय पर बढ़ोतरी जरूरी है ताकि सेवानिवृत्त कर्मचारी महंगाई के दौर में अपने जीवन के अंतिम समय को आराम से जी सकें।

समिति के अध्यक्ष ने कहा, “हमारा आंदोलन सिर्फ पेंशन की बढ़ोतरी तक सीमित नहीं है, बल्कि हम चाहते हैं कि सरकार उन सभी समस्याओं पर ध्यान दे जिनसे सेवानिवृत्त कर्मचारियों की जिंदगी प्रभावित हो रही है। हमारी मांगों में न्यूनतम पेंशन की भी शामिल है, ताकि कोई सेवानिवृत्त कर्मचारी आर्थिक कठिनाइयों का सामना न करे।”

जंतर-मंतर पर होने वाली इस विरोध सभा का उद्देश्य

4 और 5 अगस्त को दिल्ली के जंतर-मंतर पर होने वाला यह धरना बड़े पैमाने पर आयोजित होने की उम्मीद है। समिति ने सभी सेवानिवृत्त कर्मचारियों से अपील की है कि वे इस विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में शामिल होकर अपने अधिकारों की रक्षा के लिए अपनी आवाज उठाएं। यह धरना पेंशन बढ़ोतरी, न्यूनतम पेंशन और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर सरकार का ध्यान आकर्षित करने का एक प्रयास है।

समिति का कहना है कि इस धरने के जरिए सरकार के सामने सेवानिवृत्त कर्मचारियों की समस्याएं रखी जाएंगी। साथ ही, यह आंदोलन यह भी बताएगा कि अगर कर्मचारियों की समस्याओं का हल नहीं निकाला गया तो भविष्य में ऐसे और भी आंदोलन हो सकते हैं।

सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए एकजुटता की जरूरत

समिति ने अपनी अपील में यह भी कहा है कि अगर सेवानिवृत्त कर्मचारी एकजुट होकर इस आंदोलन में भाग लेंगे तो उनकी आवाज ज्यादा ताकतवर होगी। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार से कई बार बातचीत की गई है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। ऐसे में धरना और प्रदर्शन ही एकमात्र तरीका रह गया है जिससे इन कर्मचारियों की समस्याओं को उठाया जा सके।

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इस धरने का मुख्य उद्देश्य सरकार को यह बताना है कि सेवानिवृत्त कर्मचारी भी समाज का अहम हिस्सा हैं और उन्हें उनके योगदान का पूरा सम्मान मिलना चाहिए।

धरने में शामिल होने की अपील

राष्ट्रीय सेवानिवृत्त संघर्ष समिति ने सभी सेवानिवृत्त कर्मचारियों से अपील की है कि वे 4 और 5 अगस्त को दिल्ली के जंतर-मंतर पर आकर इस आंदोलन को सफल बनाने में अपना योगदान दें। समिति का कहना है कि इस धरने से सरकार को एक मजबूत संदेश जाएगा और उसे सेवानिवृत्त कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान करना होगा।

धरना स्थल पर होने वाली गतिविधियों और आंदोलनों के जरिए समिति उम्मीद करती है कि सरकार सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए पेंशन बढ़ाने और अन्य संबंधित मुद्दों पर जल्द कार्रवाई करेगी।

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