कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) और उसके अंतर्गत चलने वाली कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (EPS 95) के संदर्भ में पेंशनभोगियों ने हाल ही में गहरी निराशा और चिंता व्यक्त की है। उनकी नाराजगी का मुख्य कारण उनसे किए गए वादों और उम्मीदों का पूरा न होना है।
पेंशन फॉर्मूले में बदलाव की मांग
बता दें, इस बारे में पेंशनभोगी रामकृष्ण पिल्लई ने सोशल मीडिया पर लिखा कि चूंकि EPF एक अंशदायी पेंशन योजना है, इसलिए पेंशन की राशि को पेंशनभोगियों द्वारा किए गए कुल योगदान के अनुपात में होना चाहिए, न कि उनके अंतिम पेंशन योग्य वेतन के आधार पर। इससे पेंशन की विषमताओं को कम किया जा सकता है और सभी सदस्यों के लिए न्यायसंगत पेंशन सुनिश्चित हो सकती है।
पेंशनर्स की उपेक्षा
EPS 95 पेंशन राष्ट्रीय संघर्ष समिति के रायपुर अध्यक्ष अनिल कुमार नमदेव के अनुसार, आम बजट में पेंशनभोगियों की उपेक्षा स्पष्ट दिखाई देती है। उन्होंने बजट को ‘खास बजट’ कहा, जो केवल अमीरों के हित में होता है और आम आदमी के लिए महज एक दिखावटी व्यवस्था बनकर रह गया है।
जनप्रतिनिधियों पर गुस्सा
पेंशनभोगियों का कहना है कि हमारे जनप्रतिनिधि, जो अधिकांशतः करोड़पति या अरबपति हैं, उन्हें आम आदमी की समस्याओं की समझ नहीं है। उनके लिए, बजट का मतलब केवल अपनी संपत्ति और स्थिति को मजबूत करना होता है, न कि आम जनता के हितों की रक्षा करना।
निष्कर्ष
EPFO और EPS 95 के तहत पेंशनभोगियों की उम्मीदें और निराशाएँ एक महत्वपूर्ण चर्चा का विषय हैं। यह स्थिति न केवल उनके वित्तीय सुरक्षा के प्रश्न को उठाती है बल्कि यह भी दर्शाती है कि समाज के एक बड़े हिस्से की आवश्यकताएं और अपेक्षाएं किस प्रकार से अनदेखी की जा रही हैं। पेंशन फॉर्मूले में संशोधन और बजटीय प्रक्रियाओं में समावेशिता लाने की आवश्यकता है, ताकि सभी वर्गों के हितों का समान रूप से ध्यान रखा जा सके।
how government changed the view before 2014 .
Bjp said 1000 rs not sufficient
after 2014 Bjp in power, they do not work , After the decision of Supreme Court in favor of pensioners , epfo with the help of government only one thing do TOLERANCE the higher pension
EPF-95 pension->no interest by modi government.
पेंशनरों को भी राहत दीजिए मोदी जी वे भी देश के नागरिक और आपके मतदाता भी है और उन्हें भी जीने का हक है और उनके भी विकास की आवश्यकता है
Bjp Sarkar chor he….vo lene me Samaj te he….dene me Nahi dege….chor Sarkar he…..
Government is not interested in minimum 7500/-₹ for EPF 95,then we
senior citizen are also not interested in
giving our valuable decision in coming
state election.
श्रावणबाल पेंशन 1500 रु और कामगार पेंशन 1000 रु हालाकी कामगार की राशि संगठण के पास जमा होनेके बावजुद 1000 रु देकर अपमानजन्य है
Eps95 me jo contribution kiya hai vo paisa vapas dedo koi or dhandha karege
E.P.F.O. should give total amount deposit for pension, we are getting the interest of our total amount cut by our employer.
EPF 95 bjp is not interested bjp sarkar in impossible