
EPF स्टाफ अगर भविष्य निधि अकाउंट से पैसे निकलना चाहते हैं, तो उन सभी की जानकारी के लिए बता दे कि, अब EPFO (Employees’ Provident Fund Organisation) से पैसे निकलने के लिए किसी भी तरह के डॉक्यूमेंट की जरुरत नहीं पड़ेगी। वैसे तो यह बदलाब पहले से शुरू हो चुका है, लेकिन अब केंद्र सरकार ने इस बारे में संसद में विशेष जानकारी दी है। अब EPF सदस्य सिर्फ एक सेल्फ डिक्लरेशन के आधार पर अपने अकाउंट से पैसे निकाल सकेंगे, जो उन्हें जरुरत के हिसाब से कड़ी दस्तावेजी प्रक्रिया से राहत देगा।
EPFO से पैसे निकालने के लिए अब क्या है नया नियम?
EPFO के इस फैसले से सभी कर्मचारियों को काफी राहत मिली है। पहले EPF से पैसे निकालने के लिए कई तरह के दस्तावेजों जैसे मेडिकल सर्टिफिकेट, शादी का प्रमाण पत्र, शिक्षा से संबंधित दस्तावेज, या घर खरीदने के लिए जरूरी कागजात की आवश्यकता होती थी। लेकिन अब इन सभी दस्तावेजों की कोई जरूरत नहीं है। इसके बदले, EPF सदस्य सिर्फ एक सेल्फ डिक्लरेशन यानी खुद की घोषणा के आधार पर पैसे निकाल सकेंगे। यह घोषणा कोई भी सदस्य अपनी आवश्यकता के अनुसार करेगा, चाहे वह एजुकेशन, शादी, घर खरीदने, बीमारी या इमरजेंसी जैसे कारणों से पैसे निकालना चाहता हो।
सरकार का यह कदम क्यों उठाया गया?
लोकसभा में इस मुद्दे पर सवाल उठाया गया था, जिसमें सांसदों ने पूछा था कि EPFO ने क्यों कर्मचारियों को सिर्फ अपनी घोषणा पर भरोसा करना शुरू किया है? इस सवाल के जवाब में सरकार ने कहा कि यह कदम प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी और भरोसेमंद बनाने के लिए उठाया गया है। सरकार ने यह सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि कर्मचारी बिना किसी जटिलता के अपने PF अकाउंट से पैसे निकाल सकें। इससे सिस्टम में पारदर्शिता आएगी और कर्मचारी बिना किसी डर या परेशानी के अपने पैसे निकाल सकेंगे।
2017 में शुरू हुई थी यह प्रक्रिया
सरकार ने बताया कि 2017 में कंपोजिट क्लेम फॉर्म की शुरुआत की गई थी, जिसने EPFO की प्रक्रिया को और भी आसान बना दिया था। इसके जरिए EPFO ने आंशिक और अंतिम निकासी की प्रक्रिया को सरल किया और डॉक्यूमेंट की आवश्यकता को समाप्त कर दिया। इस नए नियम के तहत EPF सदस्य अब सिर्फ अपनी घोषणा के आधार पर पैसे निकाल सकते हैं, जो कि पहले से लागू हो चुका है और इसे और भी अधिक प्रचलित किया गया है।
बैंकों से जुड़ी समस्याएं भी होंगी हल
EPFO के इस नए बदलाव से बैंक से संबंधित समस्याएं भी हल हो जाएंगी। पहले कई बार EPF दावे खारिज हो जाते थे, क्योंकि सदस्य बैंक पासबुक या चेक की खराब क्वालिटी वाली फोटो अपलोड करते थे। अब इस समस्या को भी खत्म कर दिया गया है। 3 अप्रैल 2025 से चेक या पासबुक की इमेज अपलोड करने की आवश्यकता हटा दी जाएगी। इससे केवाईसी (KYC) और बैंक अकाउंट वेरिफिकेशन में आने वाली दिक्कतों में भी काफी कमी आएगी।
अब तक 1.9 करोड़ से ज्यादा EPF सदस्यों को मिला फायदा
सरकार ने बताया कि 22 जुलाई 2025 तक 1.9 करोड़ से ज्यादा EPF सदस्य इस नए बदलाव से लाभान्वित हो चुके हैं। EPFO के इस फैसले से इन कर्मचारियों के लिए प्रक्रिया और भी सरल हो गई है, और उन्हें किसी भी तरह की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ रहा। यह कदम EPFO दावों को आसान, पारदर्शी और भरोसेमंद बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है।
EPFO का यह नया फैसला क्या साबित करता है?
EPFO द्वारा लिया गया यह कदम कर्मचारियों के हित में एक बड़ा सुधार है। अब तक EPF खातों से पैसे निकालने में अक्सर कर्मचारियों को डॉक्यूमेंट्स की समस्याओं का सामना करना पड़ता था, लेकिन इस नए नियम के आने से कर्मचारियों के लिए यह प्रक्रिया और भी सरल हो गई है। EPFO ने इसे सिर्फ प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए नहीं, बल्कि कर्मचारियों की परेशानी को दूर करने के लिए भी किया है। इस फैसले के बाद कर्मचारियों को किसी भी तरह के अतिरिक्त कागजात जमा करने की जरूरत नहीं होगी, और वे बिना किसी परेशानी के अपनी आवश्यकताओं के हिसाब से EPF से पैसे निकाल सकेंगे।
भविष्य में क्या बदलाव हो सकते हैं?
EPFO द्वारा की गई यह पहल कर्मचारियों के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो रही है। भविष्य में भी इस तरह के सुधारों की उम्मीद जताई जा रही है, जिससे EPF सदस्य और भी बेहतर सेवा का लाभ उठा सकें। सरकार और EPFO द्वारा लगातार इस क्षेत्र में सुधार किए जा रहे हैं, ताकि कर्मचारियों को किसी भी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े। इस तरह के कदम भविष्य में EPF के दावों को और भी अधिक विश्वसनीय और पारदर्शी बना सकते हैं।