कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (Employees’ Pension Scheme 1995) के तहत पेंशनर्स ने पेंशन राशि को 1000 रुपये से बढ़ाकर 7500 रुपये करने की मांग की है। यह मांग सोशल मीडिया पर रामकृष्ण पिल्लई द्वारा पोस्ट किए गए एक संदेश में उठाई गई है। उन्होंने चंद्रकांत भालेराव को संबोधित करते हुए EPS 95 के मुद्दों पर सरकार और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की मौजूदा नीतियों पर सवाल उठाए हैं।
सरकार और NPS के योगदान पर टिप्पणी
रामकृष्ण पिल्लई ने अपने पोस्ट में कहा कि केंद्र सरकार ने 31 दिसंबर 2003 के बाद शामिल हुए सरकारी कर्मचारियों को पेंशन देने से इनकार कर दिया है। इसके बजाय, सरकार ने राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) में योगदान बढ़ाकर 14% कर दिया है। NPS में, कर्मचारी और सरकार दोनों का योगदान पेंशन का आधार बनता है।
EPS और EPF में योगदान की स्थिति
EPS 1995 के तहत, नियोक्ता कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में वेतन का 10% योगदान करते हैं। इस योगदान में से केवल 8.33% ही EPS में जाता है, जो कि अधिकतम 417/541/1250 रुपये तक सीमित है। शेष राशि EPF में रहती है और इसे सेवानिवृत्ति के समय कर्मचारी को वापस कर दिया जाता है।
उच्च पेंशन की मांग और चुनौतियां
पेंशनभोगियों का कहना है कि इतने कम योगदान के साथ उच्च पेंशन देना संभव नहीं है। उन्होंने सुझाव दिया कि या तो नियोक्ता और सरकार का योगदान बढ़ाया जाए या कर्मचारियों द्वारा अतिरिक्त योगदान किया जाए। यह मांग विशेष रूप से उन पेंशनभोगियों के लिए महत्वपूर्ण है, जो अपनी सेवानिवृत्ति के बाद आर्थिक कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं।
पेंशनभोगियों की चिंताएं
रामकृष्ण पिल्लई के अनुसार, EPS 95 के तहत मौजूदा पेंशन राशि अपर्याप्त है और इससे पेंशनभोगियों की जरूरतें पूरी नहीं हो पातीं। उन्होंने कहा कि EPFO और सरकार को इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और पेंशन राशि में वृद्धि करनी चाहिए ताकि पेंशनभोगियों को बेहतर आर्थिक सुरक्षा मिल सके।
EPS 1995 के पेंशनभोगियों की मांगें और चिंताएं महत्वपूर्ण हैं और इन पर ध्यान देने की आवश्यकता है। EPFO और सरकार को इस पर विचार करना चाहिए कि कैसे पेंशन राशि को बढ़ाया जा सकता है और पेंशनभोगियों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाया जा सकता है। पेंशनभोगियों के सुझाव और उनकी समस्याओं का समाधान करना सरकार और EPFO की प्राथमिकता होनी चाहिए।
PF deptt. को हमे हमारा काॅर्पस वापस माँगनेका अॉप्शन देना चाहिये।
Monthly old age pension-more thanRs 3000/-
in many states. . It is also a government scheme. So govt. should consider…..
A family manage it’s livelihood within Rs1000/- . Govt should think….
All EPS members are not Company CEO & didn’t got attractive returns in their service
Period.. So very pathetic……. .. .
जब सरकारी कर्मचारी को सरकार ५०००० या उससे अधिक पेंशन दे सकती हैं तो प्राइवेट कर्मचारी को क्यों नहीं।वास्तव में यही लोग जरूरतमंद है ध्यान देना चाहिए।