सीटू जिला संयोजन समिति के संयोजक और बीएसपी सेवा निवृत्त एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन के उपाध्यक्ष एम एस शांत कुमार ने सेल (SAIL) में वेतन समझौते में हुई देरी पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि यह समझौता 1 जनवरी 2017 से लागू होना था, लेकिन आर्थिक लाभ 1 अप्रैल 2020 से लागू किया गया। इससे जनवरी 2017 से मार्च 2020 तक के एरियर से कर्मचारी वंचित रह गए हैं।
आर्थिक तौर पर महत्वपूर्ण
शांत कुमार ने बताया कि 39 माह का एरियर न केवल वर्तमान में कार्यरत कर्मियों के लिए बल्कि उन सेवानिवृत्त कर्मियों और उनके परिजनों के लिए भी महत्वपूर्ण है, जिनकी इस दौरान मृत्यु हो चुकी है। यह वेतन समझौता उनके लिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि:
- जनवरी 2017 के बाद सेवानिवृत्त हुए कर्मियों का अधिकार।
- बढ़े वेतनमान से ग्रैच्यूटी और सीपीएफ में वृद्धि।
- हायर पेंशन के लिए योगदान में वृद्धि।
- निधन हुए कर्मियों की पत्नियों को ईएफबीएस के अंतर्गत मिलने वाली राशि में वृद्धि।
सेल प्रबंधन से मांग
सेल प्रबंधन से मांग की गई है कि वे जनवरी 2017 के बाद निधन हुए कर्मियों की पत्नियों को ईएफबीएस के अंतर्गत मिलने वाली राशि को वेतन समझौते के आधार पर रिवाइज करें। इसके साथ ही, मेडिक्लेम प्रीमियम में 10-15% की बढ़ोतरी को देखते हुए, प्रबंधन से पूर्व कर्मचारियों को राहत देने की भी मांग की गई है।
हाल की घोषणाएँ
सेल ने हाल ही में घोषणा की है कि अप्रैल 2020 से अक्टूबर 2021 के बीच निधन हुए कर्मचारियों की पत्नियों को रिवाइज्ड बेसिक + डीए मिलेगा। इसके लिए संबंधित परिवारों को बीएसपी सेक्टर 5 कार्यालय से संपर्क करने का निर्देश दिया गया है।
वेतन समझौते में देरी और एरियर की अदायगी न होने से सेल भिलाई के सेवानिवृत्त कर्मचारी और उनके परिवारों में असंतोष बढ़ता जा रहा है। इस स्थिति को जल्द से जल्द सुलझाना आवश्यक है ताकि पूर्व कर्मचारियों को उनका हक मिल सके और वे आर्थिक रूप से सुरक्षित महसूस कर सकें।