EPS-95 Higher Pension News: सेफी ने की श्रम मंत्री से उच्च पेंशन पर हस्तक्षेप की मांग, EPFO कर रहा सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन

ईपीएस-95 उच्च पेंशन को लेकर सेल और ईपीएफओ के बीच विवाद बढ़ रहा है। सेफी ने श्रम मंत्री से हस्तक्षेप की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद उच्च पेंशन का लाभ नहीं मिल रहा, जिससे कर्मचारी असंतुष्ट हैं।

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Written by Rohit Kumar

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EPS 95 सेफी ने की श्रम मंत्री से उच्च पेंशन पर हस्तक्षेप की मांग, EPFO कर रहा सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन

भारतीय स्टील प्राधिकरण लिमिटेड (SAIL) और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के बीच EPS-95 उच्च पेंशन को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। कर्मचारियों और अधिकारियों को उच्च पेंशन से वंचित रखा गया है, जिससे पीएफ ट्रस्ट का मामला जोर पकड़ रहा है।

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स्टील एग्जीक्यूटिव फेडरेशन ऑफ इंडिया (SEFI) के चेयरमैन और बीएसपी ऑफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार बंछोर ने श्रम, रोजगार, युवा मामले और खेल मंत्री मनसुख मांडविया से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है। उनका कहना है कि इस मुद्दे का समाधान मंत्रालय से ही संभव है।

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सुप्रीम कोर्ट के आदेश और उसका क्रियान्वयन

सुप्रीम कोर्ट ने 4 नवंबर 2022 को आदेश दिया था कि 2014 के बाद सेवानिवृत्त और सेवारत कर्मचारियों को EPS-95 के तहत उच्च पेंशन का लाभ दिया जाए। इसके तहत कर्मचारियों ने ज्वाइंट ऑप्शन फॉर्म जमा किए और पेंशन का डिफ्रेंस अमाउंट भी EPFO को जमा किया। लेकिन EPFO ने पीएफ ट्रस्ट का हवाला देते हुए यह पैसा वापस कर दिया, जिससे कर्मचारी असंतुष्ट हैं।

उच्च पेंशन के मुद्दे पर देरी

EPFO ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को सभी क्षेत्रीय कार्यालयों में लागू नहीं किया है, जिससे 2014 के बाद सेवानिवृत्त और सेवारत कर्मचारियों को उच्च पेंशन का लाभ नहीं मिल पा रहा है। कोर्ट ने निर्देश दिया था कि जो सदस्य पहले विकल्प का उपयोग नहीं कर सके, उन्हें आदेश की तारीख से चार महीने के भीतर संशोधित योजना के तहत ऐसा करने की अनुमति दी जानी चाहिए। लेकिन, EPFO ने समय सीमा को बार-बार बढ़ाया है, जिससे कर्मचारियों में असंतोष बढ़ता जा रहा है।

EPFO के असंगत कार्यान्वयन

EPFO के क्षेत्रीय कार्यालयों द्वारा जारी पेंशन गणना फार्मूला सुप्रीम कोर्ट के आदेश और EPFO के स्वयं के परिपत्रों के विपरीत है। इससे शीर्ष अदालत के निर्देशों का उल्लंघन होता है। इसके अलावा, पेंशनभोगियों को अंतर राशि पर ब्याज का भुगतान करना पड़ता है, जबकि EPFO ब्याज के साथ पेंशन बकाया की भरपाई नहीं करता।

सेफी की मांगें

एनके बंछोर ने सेफी की ओर से कई अनुरोध किए हैं:

  • सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पूरी तरह पालन करते हुए पेंशन वृद्धि को बिना देरी के लागू करना।
  • पहले से जमा किए गए संयुक्त विकल्प आवेदनों का शीघ्र निपटान करना।
  • पेंशन गणना की सही विधि सुनिश्चित करना।
  • पेंशन वितरण में देरी के कारण बकाया पर ब्याज का भुगतान करना।

निष्कर्ष

EPS-95 उच्च पेंशन के मुद्दे पर सेफी और EPFO के बीच चल रही खींचतान सेवानिवृत्त और सेवारत कर्मचारियों के बीच चिंता और वित्तीय संकट पैदा कर रही है। केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया से हस्तक्षेप की उम्मीद की जा रही है, ताकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सही ढंग से पालन हो सके और कर्मचारियों को उच्च पेंशन का लाभ मिल सके। सेफी का मानना है कि कुशल मार्गदर्शन से यह समस्या जल्द ही हल हो जाएगी।

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