EPFO पेंशनभोगियों के लिए बड़ी खबर: न्यूनतम पेंशन बढ़ाकर 9,000 रुपये करने की तैयारी में सरकार

EPFO पेंशनभोगियों की न्यूनतम मासिक पेंशन को 1,000 रुपये से बढ़ाकर 9,000 रुपये करने पर विचार कर रही है। यह फैसला श्रम मंत्रालय की बैठक में लिया जा सकता है, जिससे पेंशनभोगियों को बड़ी राहत मिलेगी। पेंशन वृद्धि की मांग लंबे समय से की जा रही थी।

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Written by Rohit Kumar

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EPFO पेंशनभोगियों के लिए बड़ी खबर: न्यूनतम पेंशन बढ़ाकर 9,000 रुपये करने की तैयारी में सरकार

नई दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के लाखों पेंशनभोगियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी आ सकती है, क्योंकि सरकार न्यूनतम मासिक पेंशन को बढ़ाने की योजना पर विचार कर रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार, श्रम मंत्रालय की एक महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है, जिसमें यह फैसला लिया जा सकता है कि वर्तमान में 1,000 रुपये की न्यूनतम पेंशन को बढ़ाकर 9,000 रुपये कर दिया जाए।

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पेंशनभोगियों की लंबे समय से मांग

पेंशनभोगी लंबे समय से इस पेंशन बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं। वर्तमान में EPS-95 योजना के तहत कई पेंशनर्स को केवल 1,000 रुपये मासि​क जीवन यापन के लिए पर्याप्त नहीं है। मार्च 2021 में संसद की स्टैंडिंग कमिटी ने भी न्यूनतम पेंशन को 1,000 रुपये से बढ़ाकर 3,000 रुपये करने की सिफारिश की थी, लेकिन पेंशनभोगियों का मानना है कि उन्हें 9,000 रुपये तक की पेंशन मिलनी चाहिए ताकि वे इस योजना का सही मायने में लाभ उठा सकें।

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बैठक में चर्चा होने वाले महत्वपूर्ण मुद्दे

इस महत्वपूर्ण बैठक में दो प्रमुख मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है:

  1. न्यूनतम पेंशन में बढ़ोतरी: पेंशनभोगियों की मांग के अनुसार, न्यूनतम पेंशन को 9,000 रुपये करने पर विचार किया जाएगा।
  2. नई वेतन संहिता का कार्यान्वयन: इस बैठक में नई वेतन संहिता के कार्यान्वयन पर भी चर्चा की जाएगी, जिससे कई कर्मचारियों के वेतन ढांचे में बदलाव आ सकता है।

पेंशन की गणना पर भी विचार

एक अन्य सुझाव यह भी है कि पेंशन को कर्मचारी के सेवानिवृत्ति से ठीक पहले के अंतिम वेतन के आधार पर तय किया जाए। इस सुझाव पर भी श्रम मंत्रालय की बैठक में विचार किया जाएगा। यदि यह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया जाता है, तो यह पेंशनभोगियों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकती है।

पेंशनभोगियों के लिए राहत की उम्मीद

यह प्रस्ताव उन लाखों पेंशनभोगियों के लिए राहत की खबर ला सकता है, जो अपनी पेंशन पर निर्भर हैं। इस पेंशन वृद्धि से उनके जीवन स्तर में सुधार होगा। अब देखना होगा की श्रम मंत्रालय की बैठक में इस पर क्या निर्णय लिया जाता है।

सरकार के इस कदम से पेंशनभोगियों को निश्चित रूप से राहत मिलेगी, लेकिन अब देखना होगा कि इस योजना को कितनी जल्दी लागू किया जाता है और इसका असर कितने लोगों तक पहुंचता है।

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35 thoughts on “EPFO पेंशनभोगियों के लिए बड़ी खबर: न्यूनतम पेंशन बढ़ाकर 9,000 रुपये करने की तैयारी में सरकार”

  1. Private company retirement person ka kuch kijiye please Modi sir. Pension minimum Rs 10000/,VDA, medical facility dena chahiye government ko. Mangai ka mar khate khate pura life bitaya. Retirement person ka vi jine ki haque hai. Jitna pension milta hai ek admi ka 15 din ka khana nehi hota hai wife ko khana kaha se paise aiyega. Central Government ka pass koi jabab hai. All state me hona chahiye.

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  2. कई महिनों से इस विषय पर केंद्र सरकार और पी.एफ. के अधिकारियों को सिर्फ चर्चा कर समय बिताना आ रहा है।
    लेकिन जब केंद्र सरकार लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य (M.P.) की हर बार भत्थे और पेंशन बढाने की बात पर बहुत ही कम समय (यानी दिन और महिने) की अंतराल में पार्लमेंट में बहुमत से पारित हो जाता है। फिर वह फंड भारतीय कर देय लोगों का ही होता है…!!!
    अब यहां तो हर कामगार-कर्मचारीयोंने अपनी आमदनी का एक हिस्सा हर महीने इ.पी.एफ. में जमा किया है उसी फंड से उन को निवृत्ती के बाद मिलता है..!
    अब इसमें सरकार देरी कर क्या साबित कर सकती है..???
    मेरी तो मांग है की कल १५ अगस्त २०२४ को प्रधान मंत्रीजी द्वारा पेंशन बढ़ोतरी की घोषणा होना अनिवार्य है।
    आगे देखिए क्या होता है। उनकी आवाज़ हम पेंन्शनर के लिए सुनने योग्य रहती है..?? या फिर हमें ही उनको सुनने योग्य करना होगा।

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  3. जिन कर्मचारिओंने राज्य सरकार या केंद्र सरकार आधीन बोर्ड/निगम या कंपनी में अपनी लंबी सेवा प्रदान की कमसेकम सरकार को उनका तो ख्याल रखना चाहिए। उदाहरण स्वरूप मैं अपनी ही बात लिखूं तो मैं 09/2019 में 58 साल की आयु पर जब निवृत्त हुआ तब मेरी सेलरी 80,000 थी। निवृति के बाद मैं सीधा 3591/- के ईपीएस पेनशन पर आ गया जो मेरे दो व्यक्ति के लिए गुजारा करना बहुत कठिन है। बोर्ड निगमो के पेनशन भोगी को भी एक कारखाने के मजदूर की केटेगरी में ला दिया जाय ये अच्छी बात नही है। हमने जो काम किया सरकार के लिए ही किया और उनके ध्येय की पूर्ति के लिए सब कुछ छोड़कर काम किया तो हमारे काम की पेनशन के रूप में कद्र होनी ही चाहिए।

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  4. यह सरकार eps पेन्शन देना ही नही चाहती । बजेट मे कोई प्रॉव्हिजन है ही नही । पेन्शनर्स आंदोलन कर रहे है और यह संवेदनहीन सरकार , प्रधान मंत्री, अर्थमंत्री बहिरा और अंधा बननेकीं भूमिका लिए हुए है ।

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  5. मेरी तो मांग है की कल १५ अगस्त २०२४ को प्रधान मंत्रीजी द्वारा पेंशन बढ़ोतरी की घोषणा होना अनिवार्य है।
    आगे देखिए क्या होता है। उनकी आवाज़ हम पेंन्शनर के लिए सुनने योग्य रहती है..?? या फिर हमें ही उनको सुनने योग्य करना होगा।

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  6. ये मेरी सहमति प्राइवेट कम्पनियों के कर्मचारियों के लिए ही है ।
    प्राइवेट कम्पनियों के कर्मचारियों को भी न्यूनतम पेंशन ₹९००० मिलनी चाहिए।
    अपने प्रधानमंत्री मोदी जी से विशेष प्रार्थना है कि इस विषय पर उचित ध्यान दें।

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  7. सरकारी सेवानिवृत्त कर्मचारियों को निजी क्षेत्र में कार्यरत सेवानिवृत्ति कर्मचारियों की तुलना में मिलनेवाली पेंशन की असमानताएं उन्हे भूखमरी में जिने के लिए मजबूर कर देता है ,क्योंकि महंगाई सबों के लिए एकसमान है, ऐसा नहीं है कि 1000Rs पेंशन पानेवाले कम दाम में अपने सामान खरीदते हैं तो फिर ऐसी असमानताएं क्यों?

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