
पीएफ के करोड़ों सब्सक्राइबर्स के लिए यह खबर किसी राहत से कम नहीं है। ईपीएफओ-EPFO अब अपने मेंबर्स को यूपीआई-UPI के जरिए पीएफ निकालने की सुविधा देने की तैयारी कर रहा है। इससे लाखों कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि अब उन्हें पीएफ निकासी के लिए लंबी प्रक्रियाओं से नहीं गुजरना पड़ेगा।
सरकार इस नई व्यवस्था को जल्द ही लागू करने की योजना बना रही है, जिससे ईपीएफ-EPF सब्सक्राइबर्स के क्लेम को डिजिटल माध्यम से तेज़ी से प्रोसेस किया जा सके। रिपोर्ट्स के मुताबिक, नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया-NPCI और लेबर मिनिस्ट्री मिलकर इसे अगले 2-3 महीने में लॉन्च करने की योजना बना रहे हैं।
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UPI से PF निकालने का फायदा
सूत्रों के अनुसार, ईपीएफओ इस डिजिटल परिवर्तन को अपने मेंबर्स की सुविधा के लिए ला रहा है। ईपीएफ और यूपीआई के इंटीग्रेशन के बाद, मेंबर्स अपने पीएफ अकाउंट से सीधे डिजिटल वॉलेट या बैंक खाते में पैसा ट्रांसफर कर सकेंगे। लेबर मिनिस्ट्री, आरबीआई और प्रमुख बैंक इस बदलाव को लागू करने के लिए आवश्यक तकनीकी सुधारों पर काम कर रहे हैं।
इस सुविधा के लागू होने के बाद पीएफ निकासी में लगने वाला समय काफी कम हो जाएगा। अभी तक पीएफ निकालने की प्रक्रिया में कई बार हफ्तों का समय लग जाता था, लेकिन यूपीआई इंटीग्रेशन के बाद निकासी मिनटों में संभव हो सकेगी।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस कदम से रूरल एरिया में रहने वाले मेंबर्स को काफी सुविधा मिलेगी, क्योंकि उन्हें बैंक ब्रांच जाने की जरूरत नहीं होगी। वे अपने मोबाइल पर ही पीएफ निकासी कर सकेंगे।
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EPFO के निवेश नियमों में भी हो सकता है बदलाव
इसके अलावा, ईपीएफओ-EPFO अपने निवेश पोर्टफोलियो में भी कुछ बदलाव करने की योजना बना रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईपीएफओ डेट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश को 20% से घटाकर 10% करने की तैयारी कर रहा है। इसकी वजह पब्लिक सेक्टर बॉन्ड्स का कम रिटर्न और उनकी सीमित आपूर्ति बताई जा रही है।
इसके चलते, ईपीएफओ अब अधिक कॉरपोरेट बॉन्ड्स में निवेश कर सकता है, जो बेहतर रिटर्न देने में सक्षम होते हैं। इस बदलाव को नवंबर 2024 में ईपीएफओ के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज-CBT की बैठक में मंजूरी दी गई थी।
अगर यह बदलाव लागू होता है, तो ईपीएफओ के 7 करोड़ से ज्यादा मेंबर्स को इसका असर देखने को मिलेगा। बेहतर निवेश विकल्पों के जरिए रिटायरमेंट सेविंग्स पर रिटर्न को अधिक लाभकारी बनाया जा सकेगा।
डिजिटल ट्रांजैक्शन को मिलेगा बढ़ावा
इस नई सुविधा से डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम को भी मजबूती मिलेगी। यूपीआई के जरिए पीएफ निकासी की सुविधा शुरू होने से अधिक से अधिक लोग कैशलेस ट्रांजैक्शन को अपनाने के लिए प्रेरित होंगे। इससे न केवल पेमेंट सिस्टम में पारदर्शिता आएगी, बल्कि धोखाधड़ी के मामलों में भी कमी आएगी।
सरकार और ईपीएफओ यह सुनिश्चित करने में लगे हैं कि इस नई प्रणाली को पूरी तरह सुरक्षित और भरोसेमंद बनाया जाए। यूपीआई के जरिए पेमेंट ट्रांसफर में 2-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे किसी भी अनधिकृत ट्रांजैक्शन को रोका जा सके।
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आगे क्या होगा?
ईपीएफओ के इस डिजिटल परिवर्तन से मेंबर्स को तेजी से फंड ट्रांसफर का लाभ मिलेगा और उन्हें लंबी-चौड़ी कागजी प्रक्रियाओं से छुटकारा मिलेगा। आने वाले महीनों में इस योजना को लागू करने की पूरी तैयारी कर ली गई है। जैसे ही सरकार और नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया से हरी झंडी मिलेगी, यह सुविधा मेंबर्स के लिए उपलब्ध करा दी जाएगी।