
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के अंतर्गत कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) का लाभ उन कर्मचारियों को मिलता है, जिन्होंने कम से कम 10 वर्षों तक नौकरी की है। यह योजना निजी और सरकारी दोनों क्षेत्रों के कर्मचारियों के लिए एक सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बनाई गई है।
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EPS पेंशन की गणना कैसे होती है?
EPS पेंशन की गणना एक निर्धारित फॉर्मूले के आधार पर की जाती है। यदि कोई कर्मचारी 10 वर्षों तक EPS में योगदान करता है, तो वह पेंशन के लिए पात्र होता है। EPFO के नियमों के अनुसार, मासिक पेंशन की गणना इस फॉर्मूले से की जाती है:
मासिक पेंशन = (पेंशन योग्य सैलरी × पेंशन योग्य सेवा वर्ष) / 70
जहां ‘पेंशन योग्य सैलरी’ उस कर्मचारी के अंतिम 60 महीनों की औसत सैलरी होती है, और ‘पेंशन योग्य सेवा वर्ष’ EPS में उसके योगदान के कुल वर्षों को दर्शाता है।
10 साल की नौकरी के बाद कितनी मिलेगी पेंशन?
अगर किसी कर्मचारी की पेंशन योग्य सैलरी ₹15,000 है और उसने 10 साल की सेवा पूरी कर ली है, तो उसकी मासिक पेंशन की गणना इस प्रकार होगी:
(₹15,000 × 10) / 70 = ₹2,142.86
इसका मतलब यह हुआ कि 10 वर्षों तक EPS में योगदान करने वाले कर्मचारी को हर महीने लगभग ₹2,143 की पेंशन मिलेगी। हालांकि, यह राशि कर्मचारी की सैलरी और सेवा अवधि के आधार पर बदल सकती है।
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EPS पेंशन में क्या होगा बदलाव?
सरकार फिलहाल EPS के तहत मिलने वाली न्यूनतम पेंशन को ₹1,000 से बढ़ाकर ₹7,500 प्रति माह करने पर विचार कर रही है। यदि यह प्रस्ताव लागू होता है, तो EPS पेंशनभोगियों को बड़ा फायदा मिलेगा और उनके रिटायरमेंट के बाद की वित्तीय सुरक्षा और अधिक मजबूत हो जाएगी।
EPFO का नया सिस्टम: CPPS से होगा फायदा
EPFO ने हाल ही में सेंट्रलाइज्ड पेंशन पेमेंट सिस्टम (CPPS) लागू करने की घोषणा की है, जो 1 जनवरी 2025 से प्रभावी होगा। इस नए सिस्टम के तहत पेंशनभोगी किसी भी बैंक की किसी भी शाखा से अपनी पेंशन निकाल सकेंगे। यह सुविधा लगभग 78 लाख से अधिक पेंशनधारकों के लिए फायदेमंद साबित होगी।
EPS पेंशन लेने के लिए क्या जरूरी है?
EPS पेंशन का लाभ उठाने के लिए कर्मचारी को कम से कम 10 वर्षों तक योजना में योगदान करना आवश्यक है। यदि कोई कर्मचारी 10 साल से पहले नौकरी छोड़ देता है, तो वह पेंशन के लिए पात्र नहीं होता, लेकिन वह अपना पूरा EPS योगदान निकाल सकता है। 10 साल या उससे अधिक सेवा पूरी करने पर ही कर्मचारी को सेवानिवृत्ति के बाद मासिक पेंशन का लाभ मिलता है।
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