EPFO News: हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में चुनौती का सामना करने के बाद, मोदी सरकार ने अब देश के कर्मचारियों की भलाई पर ध्यान केंद्रित करना शुरू कर दिया है। आगामी विधानसभा चुनावों से पहले, विशेष रूप से महाराष्ट्र, जम्मू कश्मीर, हरियाणा, और झारखंड में, सरकार ने कर्मचारियों के हितों को प्राथमिकता में रखा है।
प्राइवेट कंपनियों में कार्यरत कर्मचारियों के लिए सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाने की तैयारी की है। वर्तमान में कर्मचारियों के पेंशन फंड के लिए निर्धारित वेतन सीमा ₹15,000 है, जिसे अब बढ़ाकर ₹21,000 करने का प्रस्ताव रखा गया है। यदि इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है, तो इसका सीधा लाभ लाखों कर्मचारियों को मिलेगा, जो भविष्य में अपनी पेंशन में अधिक योगदान कर पाएंगे।
EPFO और श्रम मंत्रालय की सिफारिशें
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) और श्रम मंत्रालय ने इस वेतन सीमा को बढ़ाने के प्रस्ताव को लेकर वित्त मंत्रालय को सिफारिश भेजी है। यह दावा किया जा रहा है कि अप्रैल 2024 में ही इस प्रस्ताव को औपचारिक रूप से भेजा गया था। वित्त मंत्रालय से मंजूरी मिलते ही इसका आदेश लागू कर दिया जाएगा।
यह कदम प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकता है, क्योंकि इससे उनके भविष्य के पेंशन फंड में योगदान में वृद्धि होगी और उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद आर्थिक सुरक्षा का एक बेहतर स्रोत मिल सकेगा।
वेतन सीमा बढ़ाने के संभावित फायदे
वर्तमान में प्राइवेट कंपनियों में पेंशन फंड के लिए वेतन सीमा ₹15,000 है। इसे बढ़ाकर ₹21,000 करने से न केवल अधिक कर्मचारी कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) और कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) के दायरे में आएंगे, बल्कि उनका पेंशन योगदान भी बढ़ जाएगा। इसका सीधा प्रभाव यह होगा कि रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को अधिक पेंशन प्राप्त होगी, जो उनके अंतिम जीवन में आर्थिक रूप से सहायता करेगी।
UPS की मंजूरी
इसके अलावा, मोदी सरकार ने 24 अगस्त को केंद्रीय कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को मंजूरी दी है। अब उम्मीद की जा रही है कि निजी कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारी भी इस नई पहल से लाभान्वित होंगे। यूनिफाइड पेंशन स्कीम से पेंशन में योगदान और लाभ में सुधार होने की संभावना है, जो सभी कर्मचारियों के लिए फायदेमंद साबित होगा।
मोदी सरकार के इस नए प्रस्ताव के तहत प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों की पेंशन सुरक्षा में बढ़ोतरी के प्रयास हो रहे हैं। यदि वेतन सीमा बढ़ाकर ₹21,000 कर दी जाती है, तो यह देश के लाखों कर्मचारियों के लिए एक सकारात्मक बदलाव साबित हो सकता है। इससे न केवल पेंशन फंड में अधिक अंशदान होगा, बल्कि रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को अधिक पेंशन भी मिलेगी।