बजट 2024 से पहले संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण (Contract Employees Regularization) की मांग पूरे देश में जोर पकड़ रही है। विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने सरकार पर दबाव डालना शुरू कर दिया है, और उम्मीद है कि इस बार बजट में उन्हें महत्वपूर्ण सौगात मिल सकती है।
बता दें, हाल ही में हाईकोर्ट ने संविदा कर्मचारियों के पक्ष में महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। आदेश में कहा गया कि 10 साल से अधिक समय से काम कर रहे संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जाए। इस फैसले के बाद से कर्मचारी संगठनों ने अपनी मांगों को और जोरदार तरीके से उठाना शुरू कर दिया है।
कर्मचारियों की स्थिति और मांगें
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष ने कहा है कि सरकारी विभागों में अधिकांश जिम्मेदारियाँ संविदा कर्मचारी निभा रहे हैं। वे बेहद ही कम वेतन में काम कर रहे हैं और इन सभी को नियमित किया जाना चाहिए। इसके साथ ही समान काम के लिए समान वेतन की भी मांग की गई है, जिससे उनकी वित्तीय स्थिति में सुधार हो सके।
सीएम पुष्कर सिंह धामी की कैबिनेट बैठक
इस मामले पर मिल रही खबरों के अनुसार, बीते दिनों सीएम पुष्कर सिंह धामी ने एक कैबिनेट बैठक बुलाई थी, जिसमें संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण का प्रस्ताव रखा गया था। बैठक में धामी सरकार के कई मंत्रियों ने सुझाव दिया कि 10 साल की सेवा पूरी कर चुके संविदा कर्मचारियों को 2013 की नीति के तहत नियमित किया जाए। हालांकि, इस पर अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। मुख्यमंत्री ने कार्मिक एवं न्याय विभाग को इस प्रस्ताव पर न्यायिक और विधिक परामर्श लेने के निर्देश दिए हैं।
हाईकोर्ट का आदेश और प्रतिक्रिया
यह महत्वपूर्ण है कि हाईकोर्ट ने एक विशेष याचिका के जवाब में 2013 की नीति से संबंधित रोक को समाप्त करते हुए, 2018 से पहले 10 वर्षों की सेवा कर चुके दैनिक वेतन भोगी, तदर्थ और संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण के आदेश दिए। इस निर्णय के अनुसार, कार्मिक विभाग ने प्रस्ताव को कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत किया।
निष्कर्ष
संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण को लेकर हालिया घटनाक्रम और हाईकोर्ट के फैसले से उम्मीद बढ़ी है कि सरकार बजट 2024 में इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा सकती है। कर्मचारियों और उनके संगठनों की मांगों को देखते हुए सरकार का रुख भी सकारात्मक लग रहा है। यदि यह प्रस्ताव पास होता है, तो संविदा कर्मचारियों के लिए यह एक बड़ी राहत होगी और उनके भविष्य को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
Sheva me
कर्मचारियों की मांग उचित है। पर केंद्र सरकार के अधीन केंद्रीय कार्यालय में कांटेक्ट कर्मचारी जो पिछले 15 से 20 साल से लगातार केंद्रीय कार्यालय में ऑपरेटिंग एंड मेंटिनेस का कार्य कर रहे हैं । केंद्र सरकार की तरफ से अभी तक उन कर्मचारियों के हित में कोई फैसला नहीं लिया गया। हम कर्मचारियों का आज भी शोषण हो रहा है।
Odisha state government me 1997 se work charged Rehabilitation Assistance seceme ka thuro 2024tak sebadana ka baad bhi nahi huaa hai