नई दिल्ली: EPS 95 पेंशन योजना की न्यूनतम पेंशन बढ़ोतरी का मुद्दा एक बार फिर संसद में जोर पकड़ रहा है। लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में सांसदों ने सरकार से पूछा कि वर्षों से लंबित इस मुद्दे पर अब तक कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठाया गया है।
24 जुलाई को लोकसभा में एनसीपी की सांसद सुप्रिया सुले ने इस विषय को उठाया। उन्होंने सरकार को याद दिलाया कि स्वर्गीय अरुण जेटली की भी यह ख्वाहिश थी कि EPS 95 के मुद्दे को हल किया जाए, लेकिन सरकार अब तक इस पर गंभीरता नहीं दिखा रही है। उन्होंने कहा, “EPS 95 एक प्रतिबद्धता थी जिसे सरकार ने किया था, लेकिन अब तक इस पर कुछ भी नहीं किया गया है।”
सुप्रिया सुले ने यह भी कहा कि पेंशनरों को अपने हक के लिए आंदोलन करना पड़ रहा है, जो कि बेहद दुखद है। “EPF के लाभार्थी बहुत ही कम पेंशन पा रहे हैं, जबकि उन्होंने 20 से 30 साल तक काम किया है,” उन्होंने सदन में जोर देकर कहा।
अगले ही दिन, 25 जुलाई को राज्यसभा में डीएमके के सांसद एम. सान मुगम ने भी इस मुद्दे को उठाया। उन्होंने पेंशनरों की समस्याओं को विस्तार से रखते हुए बताया कि वर्तमान में मिल रही पेंशन ऊंट के मुंह में जीरा के समान है। उन्होंने बताया कि कई पेंशनरों को गुजारा करने में कठिनाई हो रही है और सरकार को इस दिशा में तत्काल कदम उठाने चाहिए।
एम. सान मुगम ने यह भी बताया कि बहुत सारा फंड अनक्लेम्ड पड़ा है जिसका कोई वारिस नहीं है। इस फंड का उपयोग न्यूनतम पेंशन बढ़ाने के लिए किया जा सकता है, लेकिन सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि लेबर डिपार्टमेंट और फाइनेंस डिपार्टमेंट को मिलकर इस समस्या का समाधान करना चाहिए।
NAC के कमांडर अशोक रावत के नेतृत्व में लगातार महा जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है और विभिन्न नव निर्वाचित सांसदों से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपे जा रहे हैं। इसी कड़ी में, 31 जुलाई को दिल्ली के जंतर मंतर पर ध्यानाकर्षण आंदोलन भी होने वाला है, जिसमें विभिन्न राजनीतिक पार्टियों और सांसदों का समर्थन भी देखने को मिलेगा।
अब देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस बार पेंशनरों की मांगों पर क्या प्रतिक्रिया देती है। क्या सरकार पेंशनरों के हक में झुकने को तैयार होगी या अपने रुख पर कायम रहेगी, यह भविष्य ही बताएगा।
We are not submitted joint declaration on line in June 23 for higher pension because we (6-persons) on long leave.
Kindly advice how we can get higher pension pl.
सभीEpfo 95मॆम्बरॊकॊ
पॆन्सन7500 हुन चाहिए इसमें सरकार ध्यान दे
प्रधानमंत्री का चुनाव राष्ट्रीय स्तर पर होना चाहिए क्योंकि एक पार्टी का चुना प्रतिनिधि कभी निष्पक्ष नही हो सकता है अगर राष्ट्रीय स्तर पर प्रधानमंत्री बन जाये तो फिर देश में कोई भी अपशब्द का प्रयोग नही कर पायेगा और देश को अराजकता से बचाने में बहुत सहायक हो सकता है l
जय हिंद जय भारत
Sarkar ko abhi bhi is vishey mein sochna chahiye. Sarkar Budhapa Pension se bhi kam EPS Pensioners ko de rahi hai jabki inhone EPF mein apna contribution bhi diya hai. Yeh sab bhi Sr Citizens hain par Govt. Inhen Budhapa pension bhi nahin deti ki tum EPF ki pension le rahey ho. . Yeh to hamare contribution ka interest hai. Ismen bhi Govt ko problem hai. Iski wajah se Sr. Citizens ko milne wali Pension bhi Govt. nahin deti. Yeh gareep EPS pensioners ke saath ghor annyay hai. Sarkar kisanon ko kisan nidhi de sakti hai .buisnessman ke loan de sakti hai. Apne neta ko bhattey or pension de sakti hai par gareeb EPS Pensioners agar pension badhane ko kehte hain to in leaders or khud ko gareebon ki sarkar kehne walon ke kaan band ho jatey hain jabki Court bhi issey badhane ko keh chuka hai.Par yeh sarkar aankh band kar bethi hai. Sabhi EPS kamgar milkar ek ho kar awaj uthao. Pvt co. Mein kaam karne wale karamchari bhi ismen shamil ho nahin to kal tumhare saath bhi yahi hoga. Abhi nahin to kabhi nahin.
No words for this sarkar, they can not think that How Rs 2000/- eps 95 pension is sufficient for 2 seniers citizens ???human,this sarkar has no dimag for us jivan nirvah, how we manage our life that we know ,🥵🥵🥵🥵🥵
Gussa bhi bhahut aata, lekin hum majboor hey, umar ke hisab se ,negetive Ashirwad ( bad duva)
આજની આ સરકાર ને 10 વર્ષ પુરા કરી ત્રીજી ટર્મ માટે પણ સરકાર નું ગઠન કરી ચૂકી છે , છતાં પણ EPF પેન્શન માટે કોઈપણ હકારાત્મક પગલાં નથી લઈ રહી આ એક દુઃખદ વહીવટી પાસું છે.કેટલાય પેન્શન ના હક્કદાર મ્રુત્યુ પામી ગયા છે.શું સરકાર બધાજ પેન્શન ના હક્કદાર મ્રુત્યુ પામે તેની રાહ જુએ છે?
ફક્ત પાંચ વર્ષ કોઈપણ રાજકીય ચૂંટણી જીતનારા આ જીવન પેન્શન મેળવે છે, તેમાં વધારો પણ કરી દેવામાં આવે છે.,તો જે કર્મચારીઓ 40 વર્ષ જિંદગી ના કામ કરે છે તેમની સાથે આવો હળહળતો અન્યાય કેમ?
सरकार हम सभी सीनियर सिटीजन की जिंदगी के बारे में जानकार भी अंजन है।1000 -2000 महीने की पेंशन पाने बाले इस उम्र में कैसे अपनी गुजार रहे।हम लोगों ने भी प्राइवेट सेक्टर में काम करके देश और समाज के लिए अपना योगदान दिया है।
कोई भी सोचे कि इतनी मासिक पेंशन में अपना परिबार कैसे चलाएगा।
सही कहा आपने
Bilkul sahi kah rahen hain ₹1000-₹2000 mein aajkal mahangai ko dekhte hue kuchh bhi nahin hai l “Oont ke muhn mein jeera” ke baraabar hai vaise to azadi ke 75 saal baad bhi Kendra sarkar ,rajya sarkar aur private ka chakkar khatm hona chahiye kyunki desh ke unnati mein sabse jyada yogdan private companies aur schools aur colleges ka hai isliye sabke liye ek hi pension nirdhaarit ho yeh angrezon ki mansikta khatm kiya jaye
Very correct.there can not be a worst compensatory pension which is less than charity old age pension in certain cases.
Govt has mismanaged life long contributions of lacs of salaried persons who are lavishing in dire hardships at the fagend of their life.
The present govt is showing their lac of concern and closing the eye for which the pensioners are to come to Delhi and agitate from distant places of the country in the old age and suffer,and the govt is busy in their petty political meaningless games.
REGRET
Is se achha to ye hai ki sarkar apni aur employees ke contribution ko with interest retirement par ikTha
मेने कल ही एक निवृत कर्मचारी को देखा उनके घर बैठा था उनकी पत्नी का देहांत हो गया है पिछले 8 महीने से, और उसको खाना बनाने वाला कोई नहीं है तो 2 वक़्त टिफ़िन मंगवाते है तो एक टिफिन 90 रुपए मे मिलता है तो दो टिफिन के 180 रुपए हुए एक दिन के 180×30 =5400 रुपए तो 2 टाइम टिफिन के जाते है और उसकी पेंसन है 2200 रुपए… ये बुजुर्ग आदमी कैसे अपना जीवन व्यतीत करे… ऐसे अनगिनत उदहारण है हमारे पास आप ये आवाज़ सरकार तक पहोचाईए . मे गुजरात से
राहुल चौहान…
We should vote for party who give us the proper pension
जो इन्सानने अपनी उमरके 35,40साल प्रायव्हेट कपंनीमे काम करके देशकी अर्थव्यवस्थाको सुधारणे हरसाल इन्कमटॅक्स भरके अपना योगदान दिया है, ऊस इन्सानको अपना गुजारा करनेको एक हजार से ढाई हजार तक पेन्शन मिलरही जो बताने कोभी हमे शर्म आती है, लेकिन सरकारको थोडीभी शर्म नही. शेम शेम शेम
EPS 95 govt follow this is very important matter present time pension 1000 viksit bharat ki pahchan nahi honi chayey modi jee jarur rasta nikalengey jai hind
हमै ३१ जुलाई को होने वाले आंदोलन में सरकार को शर्मिंदा करना है । तो गले में पेंशनर की तख्ती लगाकर हाथ में कटोरा लेकर सभी सांसदों से भीख मांगते हुए बैठना है। तभी भी सभी सांसदों को व सरकार को शरम आयेगी।और इंटरनेशनल न्यूज बनेगी।और सरकार की अकड़ भी निकलेगी।कि इतनी कम पेशन है कि भीख मांगना पड़ रही है। बाकी आप सभी बुद्धजीवी है।यह एक सुझाव है।
राजयोनके आनेवाले विधानसभाके चुनाव मे हम वरिष्ठ नागरिक मोदी सरकार को फिरसे जोरदार धक्का देनेवाले है. बीजेपी के सभी उमीदवार गिरानेवाले हैं… जब तक सेंटर की बीजेपी सरकार हमारी eps 95 मे कोई बढोतरी नहीं करती तब तक हम बुढे लाचार लोग बीजेपी की हरणे की प्रार्थना करेंगे…
U R right sir.
वास्तव में ये सरकार हम पेंशनर्स को कीरा मकोड़ा समझती है जिसके होने न होने पर कोई फर्क नहीं parta । अपनी सैलरी सिर्फ मेज थपथपाने से ही बढ़ जाती है कार्यरत कर्मचारियों को दस साल बाद सैलरी बढ़ती है हमहरे केस में वोह भी नहीं हुआ 2007 के बाद आज तक वोह पे रिवीजन भी नहीं हुआ STC ke संदर्भ में। और ये जो तथाकथित पेंशन एक हजार से ढाई हजार तक दे रहे हैं उस में भी कोई रिवीजन पिछले पंद्रह साल में नहीं हुआ है। हम लोगों ने MP MLAs satar par sorkar ko yaad dilaya hai ki humhari bhi sudh lo Hema Malini Jaya भादुड़ी जैसे MPs ke dwara parantu hum कीड़े मकोड़े के लिए किसी के पास समय नहीं है और भी शर्मनाक बात है की दो साल पहले सुप्रीम कोर्ट ने आदेश पारित करके पेंशन बढ़ने के आदेश दे दिए है। इसकी अवहेलना करने में सारी मशीनरी लगी हुए है।एक मिनिट में ये वृद्धों की पेंशन मुफ्त बिजली पानी जैसी सुविधाओं की rewri बांट देते हैं। धिक्कार है ऐसे kumbhkarno को जो सेवा निवृत कर्मचारी को कुछ नहीं समझते हैं। का वर्षा जब कृषि सुखाने अर्थात हम में से हजारों लाखों के जाने के बाद कोई झुनझुना पकड़ने पर🙏🙏
हम वहा नहीं आ सकते… दिल्ली..
हमारी और से एक बैनर बनाओ उसमे सरकार से पूछो एक वक़्त टिफिन की किम्मत क्या है…?? कम से कम 100 रुपये है, 2 वक़्त के टिफिन 200 रुपए 30 दिन के 6000 सिर्फ खाने मे जाते है जिनकी पत्नियां और बच्चे साथ नहीं रहते, उसको 2000 के आसपास पेंसन देती है ये सरकार… आप जरूर आवाज़ उठाओ हम आपके साथ है… और ये बात विथ प्रूफ है..
There has to be some technical analysis and interpretation should come forward with facta and figure. Anything done blindly will not work.
एक मजदूर को भी आज 400 रु दिन मिलता है मतलब कि 12000 रु माह, पर लाखो कर्मचारियो की पेंशन 1000 रु के अंदर ही है जो की 35 रु दिन भी नहीं होती , गजब ही हैं सरकार की नीतियां , क्या सेवा निवृत लोगों को सरकार सामान्य भरण पोषण के लायक पेंशन नहीं दे सकती ?? कम से कम 500 रु दिन तो सामान्य जीवन यापन के लिये होना ही चाहिये ,कहाँ तो सरकार वोट के लिये मुफ्त खोरी मे हजारो करोड लुटा रही है और बुजुर्गों के सामान्य भरण पोषण के लिये तक पैसा नहीं दे रहे है ये किसी भी तरह से न्याय संगत नहीं है , क्या सीनियर सिटीजन इस बात के लिये भी आन्दोलन करें ?ये तो सबका साथ सबका विकाश वाली सरकार को गम्भीरता से सोचना चाहिये !!!
Andher nagri chopat raaja vo desh hai yah yahan 15 saal naukri karne vaala 30000/- penshion le raha hai aur private job me 30 saal naukri karne vaala 3000/- penshion le raha hai.
EPS 95 govt follow this is very important matter present time pension 1000 viksit bharat ki pahchan nahi honi chayey modi jee jarur rasta nikalengey jai hind
मा. सुप्रिया सुळे, हेमा मालिनी जी, और अशोक राउत आपही हमारे लिये इस पेन्शन के बारेमे न्याय दिला सकते हैं.
Unclaimed कर्मचारियों करोडों पैसा सरकार व पी एफ वाले हड़प लिया है । जो कर्मचारियो का पैसा है । Unclain पैसा कैसे पडा है वह details बता सकते है ।
Mujhe matr 945 Rs. Pension milti hai is me gujara kaise hoga bachcho ke bal par jee rahe hai
सरकार पुरी तरह से बेशर्म हो गयी है संघ परिवार का श्रमिक संगठन भारतीय मजदूर संघ का एक नारा है “शोषित पिडित दलित जनों का भाग्य बनाने वाले हम” फिर भी भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार बेशर्मो की तरह 10 बर्षों के बाद भी न्युनतम पेंशन बढ़ाने के लिए तैयार नहीं है
आशा करते हैं सरकार इस विषय पर गम्भीरतापूर्वक विचार करेगी, क्योंकि 1000 रूपए मासिक पेंशन का होना ना होना एक जैसा सा ही है।
आभार
मी निवृत्ती दादाराव साखरे 1973 ते 2010 या काळामध्ये मी कंपनीमध्ये काम केली तीन-चार कंपन्या बदलल्या प्रत्येक कंपनीमध्ये काम हे भरपूर खूप करून घेतले जाते गव्हर्मेंट सर्वांत जे आहेत त्यांच्यापेक्षा आम्ही दहापट काम केलेला असतं कंपन्यांमध्ये कंपनीसाठी योगदान देशासाठी योगदान हे खूप हे खूप मोठे योगदान आहे आणि हे असं असून तुम्ही जर या लोकांकडे दुर्लक्ष करत असाल ही दुर्दैवाची गोष्ट आहे तुम्ही असं म्हणताय की लोकांनी मोर्चे काढावेत सभा घ्याव्यात परंतु आता या लोकांचं वय काय आहे याचा विचार गव्हर्मेंट च्या डोक्यात येत नाही का आणि दुसरा असं की गव्हर्मेंट चे एम्प्लॉईज तुमचा गळा धरून पैसे मागून घेतात तेव्हा तुम्हाला झक मारत तुम्हाला पैसे द्यावे लागतात म्हणजे सरकार लोकांना चुतीयात काढत आहे हा कसला न्याय आहे गव्हर्मेंट चे सर्वांत आणि खाजगी कंपनीतील सर्वांत हे सर्व देशासाठीच करतात ना मग असा भेदभाव का आता थोडी तरी लाज वाटू द्या गव्हर्मेंटला हा आणि हा जो विषय आहे eps-95 चा पेन्शनचा ताबडतोब विचार करून संपवून टाकला पाहिजे आणि योग्य मोबदला सर्वे करून द्यायला पाहिजे ही विनंती
बहुत ही दु:ख भरी बात है की 35 -४० साल ईमानदारी से काम करने के बाद भी अगर पेन्शन इतनी कम मिले तो इंसान कैसे गुजारा करे बहुत ही गहराई से सोचने की बात है
GOI CONSIDERS ONLY GOVT SERVANTS AS RIGHTFUL PERSONEL TO DESERVE PENSION BENEFITS. STATE GOVT.TOO FOLLOW THE SAME LINE. GOVT. FORGETS THAT PRIVATE SECTOR TOO CONTRIBUTE IN NATION BUILDING. PRIVATE SECTOR IS CLEAN IN IMAGE WHILE GOVERNMENT EMPLOYEES HAVE NO CLEAN IMAGE. EVEN STATE PSU EMPLOYEES TOO ARE TREATED WIRST THAN PVT SECTOR EMPLOYEES. GOVT SPEAKES RUBBISH WHEN THEY CLAIM MINIMUM EPF PENSION IS RS.1000/- 35-40% PEOPLE DO NOT GET EVEN THE MINIMUM PENSION.
जिन्होंने उमरके 35,40साल प्रायव्हेट कंपनीमे इमानदारी से काम करके देशकी अर्थव्यवस्थाको सुधारने हरसाल इन्कमटॅक्स भरके अपना योगदान दिया है,. उन इन्सानोंको अपना गुजारा करनेके लिए एक हजार से ढाई हजार तक पेन्शन मिल रही है जो बताने को भी हमे शर्म आती है, लेकिन सरकारको थोडीभी शर्म नही. और शर्म की बात भी छोडो, उस पेंशन की पैसों से एक महिने के दुध का बील भी नही भर सकते हैं.
खुद के लिए पेंशन और अन्य मानधन बढ़ाने के लिए इन जनता के सेवकोंको सिर्फ हाथ उठाने पे सब कुछ आसानी से बढ़ाकर मिलता है. ऊपर से बाकी सब सुविधा भी मुफ्त मे मिलती है,लेकिन जिन्होंने सचमुच इमानदारी से इन्कम टॅक्स देकर देश की उन्नती को हाथभार लगाया है उनको सरकार के सामने गिडगिडाना पड रहा है, इससे घिनौनी बात क्या हो सकती है? मेरा भारत महान..!!!
प्राइवेट सेक्टर मे काम करने बाले कर्मचारी क़ो मिनिमम 7500+ दादा +मेडिकल सुभीधा दिया जाना चाहिए कियोकि ये लोग क़ो retarment के बाद 1000 रुपया मिलता है इससे दो बक्त की खाना भी एक आदमी क़ो मिलेगा हम सभी मानिये पधानमंत्री जी से अनुरोध करता हूँ की सभी pensson मे बृद्धि किया जाय.
EPFO 95 MINIMUM PENSION 1000 H GOVERNMENT KO SARM AANNI CHAHIYE AAJ KE SAMAY ME GHAR CHALTA HA KYA FIR AAP SABHI BHI 1000 ME BHAR CHALA KAR DEKHAO
If Modi BJP government does not increase pension then I will never vote for BJP in my life. This proves that BJP is anti-poor. सेंट्रल गवर्नमेंट को समझना चाहिए कि इतने कम पैसे मैं अपनी आजीविका कैसे चल सकता है चल सकता है?
Employees are ready to pay differnce amount.
Apex court already gives the direction and order, it is simply contempt of court.
Manniy pradhanmantri ji ko dhyan dena chahiye EPFO ke pension dharko ke liye kyoki kitne rajyo me vidhva aur bridha pension 3000 hai jabki EPFO pension 1000 .es mahangai me ye log kaise jiyege .jai hind sabka sath sabka vikash
It is very very shameful for the govt.that minimum wage for EPS95 is 1000/-. If we calculate intrest on our contribution then it is will be higher than what we are getting as pension as well our contribution amount will be ours. Opposition party will get benifit by raising this issue in parliament. If there is any real technical issue then government must disclose and discuss openly. Why ruling party giving this issue to opposition unnecessary.
If Govt.is not solving this EPS issue within 1/2 months,I myself alerting all my citizens of India those are the members of EPFO should bye cot
BJP Govt.
जिन्होंने पूरी जिंदगी देश और समाज के उत्थान में योगदान दिया उन्हीं से भैदभाव। जब सरकार में निम्नतम पेंशन 9०००/- है। तो हमारे साथ भेदभाव क्यों।
सरकार के पास महिलाओं को देने के लिए पैसा है मुफ्त राशन के लिए खरीदने को पैसा है किसानो के खाते में डालने के लिए पैसा है चाहे वो इसके योग्य हो या न हों सरकारी नौकरी वालो के पेंशन के लिए भी पैसा है वृद्धावस्था पेंशन के साथ और बाकी योजनाओं जो वोट बैंक के लिए पैसा है पर ई पी एस ९५ के सदस्य जो जिंदगी भर नौकरी कर अपनी आय का एक हिस्सा आयकर के रूप में सरकार को देते रहे उनका गुजारा कैसे हो इसके लिए कोई हमदर्दी भी नहीं है ।
बीजेपी की बेशर्म सरकार है जिसे सिर्फ कॉरपोरेट की चिंता है।इससे पेंशन बढ़ोतरी की उम्मीद नहीं है।
Yah kafi dukhad bat hai ki sabka sath, sabka Vikas ki bat karne vali Government of India chup kyo hai,kya old Age Group ke log samaj ke hissa nahin hain, Only 1000 Rs se medicine bhi pura nahin hoga, khana Dana aur pocket Expense ke liye bhikh mangne ke Alava koi Rasta nahi hai, aise to thik hota ki wah rs bhi Gov Apne pas rakh le,
RS 839 Family Pension mil rahi hai esme kaise gujara hoga wife ki medicine nahi mil pati baaki gujara kaise Bacho se mangne sharam ki baat hai Sarkar ko sochna chahiye
धन्यवाद
Sarkar ku request hai mera ki private sector me kam kernewala 25/30 salary wallaku kam se kam 12000/ painsion dena chahiye,