बीजेपी का EPS 95 पेंशन योजना पर बयान: 1000 रु. अपर्याप्त, मजदूर विरोधी सरकार

बीजेपी ने 2014 में EPS 95 पेंशन योजना के तहत न्यूनतम पेंशन को 3000 रुपये प्रति माह करने की मांग की थी BJP का कहना था की 1000 रुपये की पेंशन मजदूरों के साथ अन्याय है। लेकिन खुद की सरकार के २ कार्यकाल पूरा करने के बावजूद अभी तक उन्होंने यह नीति नहीं लागू की

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Written by Rohit Kumar

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बीजेपी का EPS 95 पेंशन योजना पर बयान: 1000 रु. अपर्याप्त,मजदूर विरोधी सरकार, 2014 में की गई मांग आज भी प्रासंगिक

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने EPS 95 (ईपीएफ पेंशन) के तहत न्यूनतम पेंशन को 3000 रुपये प्रति माह करने की मांग 15 जनवरी 2014 को बीजेपी द्वारा उठाई गई थी। यह मांग, जब उन्होंने सरकार के प्रस्तावित 1000 रुपये के पेंशन को केवल प्रतीकात्मक कदम बताते हुए खारिज कर दिया था। बीजेपी का तर्क था कि यह कदम देश के श्रमिक वर्ग के साथ अन्याय होगा।

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बीजेपी का कहना था कि सरकार को भी 8.33% का योगदान करना चाहिए ताकि न्यूनतम पेंशन 3000 रुपये की जा सके और इसे महंगाई से जोड़ा जा सके। तब BJP ने श्रमिक वर्ग को नौकरी-वेतन-सामाजिक सुरक्षा के रूप में नया सौदा देने का वादा किया था।

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2014 की मांग और मौजूदा स्थिति

बीजेपी ने 2014 में सरकार से 3000 रुपये की न्यूनतम पेंशन की घोषणा करने की मांग की थी। इस संबंध में श्री प्रकाश जावड़ेकर ने राज्यसभा पिटीशन कमिटी में याचिका दायर की थी, जिसमें महंगाई से जुड़े पेंशन की मांग की गई थी। कमिटी ने सभी मांगों को स्वीकार करते हुए सरकार को इस दिशा में कदम उठाने की सिफारिश की थी। हालांकि, सरकार ने इस रिपोर्ट को स्वीकारने के बजाय पुराने प्रस्ताव को पुनः लागू करने का विचार किया।

खुद के प्रस्ताव और मांग को भूली BJP

आज, 2024 में, यह मांग और भी महत्वपूर्ण हो गई है, क्योंकि 50 मिलियन से अधिक श्रमिक हर महीने अपनी मजदूरी का 8.33% प्रोविडेंट फंड में जमा करते हैं, जबकि नियोक्ता भी 8.33% का योगदान करते हैं। सरकार केवल 1.16% का योगदान देती है, जिससे 41 लाख पेंशनर्स में से 30 लाख को 1000 रुपये से कम पेंशन मिलती है।

वर्तमान में सरकार अपने योगदान को 1.16% से बढ़ाकर 1.79% करने की योजना बना रही है, जिसे बीजेपी ने तब अपर्याप्त बताया था लेकिन आज 2 कार्यकाल खुद की सरकार के पूरे होने के बाद भी भारतीय जनता पार्टी ने यह नीति लागू नहीं की।

कांग्रेस सरकार कि आलोचना

प्रेस वार्ता में बीजेपी के नेता प्रकाश जावड़ेकर ने UPA सरकार को सबसे अधिक मजदूर विरोधी सरकार बताया था। बीजेपी का कहना था कि वह श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष जारी रखेगी और न्याय की मांग करती रहेगी। लेकिन खुद की सरकार बनते ही बीजेपी यह बात भूल गई

43 thoughts on “बीजेपी का EPS 95 पेंशन योजना पर बयान: 1000 रु. अपर्याप्त, मजदूर विरोधी सरकार”

    • EPFO95 के जरिये सरकार संबंधित कामगारों को मूर्ख बनाते आई है।हमें तो BJP से बहुत आशा थी जिसे अपना सगा समझते थे।लेकिन ये पार्टी भी अन्य सभी से कम नहीं है।अब अपनी लाचारी कहाँ बतायें।अब तो सामुहिक आ* ह* की भी नौबत आ सकती है।माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी से विनती है कि इस मामले को भी देखें।

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    • सरकार EPS 95 पेंशनरों पर अन्याय कर रही है । जरा भी संवेदनशील सरकार नहीं है। यह मताधिकार से मान सकती है। 10 वर्ष आश्वासन घोका था कितने ही सर्वोच्च न्यायालय के आदेश आ जाये उच्चतम पेंशन नहीं देगी । गंभीर मामला पर भी सर्वोच्च न्यायालय तुरन्त राज्यनेतीक निर्णय देने पर तत्काल तैयार होता है लेकिन वरिष्ठ, लाचार पेंशनर्स के लिए भगवान भरोसे छोड़कर सभी अन्याय कर रहे हैं।

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  1. BJP अब तक की सबसे भ्रष्ट सरकार ।मनमाने ढंग से सरकार चलाकर समाज को पंगु किया है । सत्ता सुख में लिप्त है । अबकी बार तो किसी तरह सत्ता पा गए आगे बिपक्छ में बैठने लायक नही रहेंगे। अपने पेंशन पर ध्यान है बाकी जाए भांड में ।

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  2. अब इतकी सरकार तिसरी टर्म चला रही,तो भी ये उच्च न्यायालयाने निकाल देने के बाद, पेन्शन दे नहीं रहे, और हमारे निवृत्ती वेतन धारक एक एक करके परलोक वासी हो रहे,अगर ये नहीं दे सकते तो,जो जमा रक्कम उनकी नामपर है वह देने की कृपा करे!

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  3. सरकार तो सी बी टी की फरवरी 2020 की रूपए 2000 न्यूनतम पेंशन देने की सिफारिश भी लागू नहीं की। इनकी पार्टी की सांसद माननीय हेमा मालिनी वह लेवर व इंप्लायमेंट केंद्रीय मंत्री यादव पिछले 7-8 साल से ऐन ऐ सी के अध्यक्ष को वोट लेने के चक्कर में अशोक रानोत को मीठीयां गोली देते रहे और वो लेते रहे। करोड़ों सीनियर सिटीजन ने झूठे वादे पर मोदी शाह कंपनी को वोट डाल कर फिर सत्ता पे बिठा दिया। फिर करोड़ों और उनके परिवार ठगे गए।

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  4. भारतीय जनता पार्टी मजदूर विरोधी पार्टी है इस पार्टी को किसी भी चुनाव में बिल्कुल वोट नहीं दिया जाय ईपीएस पेंशनरों को सपरिवार समझाइश दी जानी चाहिए कि वे भारतीय जनता पार्टी की इस घमंडी सर्कार को सत्ता से हटाने की कार्रवाई करे

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  5. EPFO is a nodle canect with Govt. It is not for the welfare of Employees who contribute on the contrary EPFO provide Employees and Employer corpus to Govt at much cheaper rate than the market rate it’s employees also enjoying at the cost of employees who are contributing even it’s inefficiency are being cost to who contributes such organilsation should be closed and employees contributing should take up the management in their hands one will see the difference

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  6. इस सरकारकी नीयत में खोटं है l अब तो माननीय पंतप्रधान भी बुजुरगोंके साथ राजनीती खेल रही है l
    भगवान उन्हे सद्बुद्धी दे और उन्हे अपने किये हुवे वादे याद आये l मुफ्त की रेवडी बाटने के लिये इनके पास बहुत फंड है, बुजुर्गो को उनकाही पैसा देनेमे इन्हे दिक्कत है l

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  7. During the regime of BJP as chief face of opposition against UPA government demanded 3000/- monthly pension for EPS 95, now became as self ruling party in bulk and majority, forgot all their dialogues. Further, Koshyari Committee report support 7500/- +. D A and this recommendation has been approved by the Supreme court and gave his same decision, thus, it should be implemented 15 yrs before, now within past 15 yrs cost of necessary goods for survival of poor families have been increased in geometrical ratio. Thus, in present era 7500/- + D.A. as monthly pension is urgently need for EPS-95 and it should be accepted, approved and implemented for senior citizens of our country people. In this current budget F.M. has given all-round benefits for certain categories of people but EPS-95 have been totally ignored. Submitted for needful action to get sustainable support from the certain categories of Indians

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  8. BJP ki nitiya majdoor virodhi hamesa se rahi h. Ye punjipatio ki government h. EPS95 pension bhogio ko ab jaydha der nahi karte hue kathor aandolan ki aavyesakta h . Haath jodne se ye government kuch karne valid nahi h . Enhone apna asli chehra lek sabha main dikha diya h . BJP ko vote dene se koi fayda nahi . Aane vala election enko jarure sabak sikhayega ,ye enko up chunav main hi najar aa jayega . EPS95 ekta jindabad

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  9. बहुत उम्मीद थी मोदी सरकार से 1000 कोई बड़ा कर 7500 कर दें. नेताओं के पेंशन कितनी है क्योँ है? कोई है पूछनेवाला???

    शर्म करो निर्मला ज़ी. कुछ नहीं किया हमारे लिए…

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  10. l am not blaming BJP all political parties are to blame l am ashamed 1000/- per month हरियाणा govt pays 2750 per month to every Sr citizen where as they have not contributed single paisa we contributed for 38 years and in return 1000/- per month in this budget SR. CITIZEN word was not uttered once neither by ruling party nor by opposition shame on them

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  11. यह सच है कोश्यारी जी की रिपोर्ट क्यो नही बीजेपी सरकार लागू कर रही है ? क्यो नही कार्पोरेट,विधायक, सांसद आदी की पेंशन 1000/- ₹ करती जिनका 5 वर्ष मे बैंक बैलेंस, असेट का इजाफ़ा इतना अधिक होता है वह अगले चुनाव परचा भरते समय बता ते है । यह कैसे संभव होता है इसके बावजूद पेंशन मिलती है ।

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  12. श्रमिक वर्गाचे जर देशनिर्माण मधे,तुंम्ही योगदान च मान्य करत नाही आहात तर सगळ्या त जास्त खोटारडेपणा तुमचाच आहे BJP सरकार.परत दोन वर जाउ शकतात हे समजावून घ्या. तुम्ही भांडवल दारांचेच आहात हे सिद्ध करु नका. तुमचे अस्तित्व तुम्ही स्वतः संपवण्यासाठी जबाबदार असणार नंतर जनता तुम्हाला कधीच माफ करणार नाही.

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  13. 100% sahi kaha aapne sir. Kyonki pension pe hame vyaj (interest) nahi milta Hai. Only employee aur employer amounts per hi interest diya jataa hai. Aur doosree Baat vidhayak, saansad, corporator inkee pension only Rs. 1000/- kijiye vah bhi oonkaa Bank balance check karke dijiye. Kyonki har public employee yahi chahata hai ki oonko only 1 term ka hi pension milna chahiye. Naaki repeat term ka. Maananiya PM Modiji is Vishay per Dhyan dijiye. Aur jald hi iskaa faisala kijiye. Mr. Manjit Singh 2012 pensioner hai aur vah 1000/- pension le rahe hai ye kuch sahi nahi hai aur Sharm ki baat hai. Toh minimum pension waloko 7500/- pension milne hee chahiye.

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  14. Government sirf dikhawa ker rahi mujhe is government pe bahut bharosa tha lekin 10 sal me bharosa chaknachur ho gaya

    Jab ek bujurg neta ka kharcha ek din me 1000 me pura nahi ho pata hai to ek garib bujurg ka ek mahine me 1000 me kharcha kaise chalega

    Yah government bujurg birodhi hai bujurgo ka apman ker rahi hai

    Bujurgo ka shrap 2024 ke chunav me kam Laga tha ab our jyada lagega

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  15. Modiji
    Baten karna or kaam karne mein farak hota hai. Aap siraf dilasa dete hain koi action nahin lete. Leaders ke liye to faisla fatafat ho jata hai. Gareeb karamchariyon ko dene mein kya takleef hoti hai. agar aap is par koi faisla nahin kartey to kaun karega. Aap to desh ko gareebi rekha se uthane ki baat kartey hain par EPS pensioners ko Sr. Citizen se bhi kam pension de rahey hain. Jinhone EPF mein koi Contribution nahin kiya unhen Govt ki taraf se 3000/- Pension or jinhone PF Pension scheeme mein contribute full life kiya unhen 600 se 2000/- wah re Modi sarkar. Kya yahi hai Modi ka Pariwar.

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