केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए CGHS (Central Government Health Scheme) कार्ड संबंधी जरूरी अपडेट सामने आया है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की और से 27 जून को जारी एक कार्यालय विज्ञापन के अनुसार केंद्र सरकार के अधीन काम करने वाले सभी सरकारी कर्मचारियों और रिटायर्ड पेंशनर्स को स्वास्थ्य कार्ड जारी करने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। जिसके लिए केंद्रीय कर्मचारियों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा, जिसके बाद वह स्वास्थ्य योजना कार्ड के तहत मिलने वाली सुविधाओं का लाभ ले सकेंगे।
क्या है CGHS कार्ड?
केंद्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना कार्ड (CGHS कार्ड) केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों और रिटायर्ड पेंशनभोगियों के लिए जारी करती है, यह कार्ड लाभार्थी के लिए एक वित्तीय सुरक्षा के रूप में कार्य करता है। जिसमें लाभार्थी की फोटो और एक यूनीक बेनेफिशरी आईडी नंबर होता है। इस कार्ड के जरिए केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के ऊपर निर्भर रहने वाले सदस्यों को सूचीबद्ध अस्पतालों में निशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाती है।
CGHS कार्ड के लिए करना होगा ऑनलाइन आवेदन
CGHS कार्ड आवेदन के लिए मंत्रालय द्वारा जारी गाइड लाइंस के अनुसार केंद्रीय कर्मचारी को अस्थाई रिफ्रेंस नंबर बनाने के इस इसकी ऑफिशियल वेबसाइट www.cghs.nic.in पर जाना होगा। यहां से आवेदन फार्म भरकर उसे ऑनलाइन जमा करना होगा। आवेदन फॉर्म जमा होने के बाद इसका प्रिंटआउट निकालकर इसे संबंधित ऑफिस में जमा करना होगा। इस तरह आप CGHS कार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे।
इन दस्तावेजों की होगी आवश्यकता
CGHS कार्ड हेतु आवेदन के लिए आवेदक को निम्नलिखित जरूरी दस्तावेजों की आवश्यकता होगी।
- किसी सरकारी अस्पताल के मेडिकल बोर्ड द्वारा जारी विकलांगता प्रमाण पत्र की स्व-सत्यापित प्रति (आश्रित पुत्र की आयु 25 वर्ष से कम हो)
- बेटे का जन्म प्रमाण पत्र (यदि पुत्र आश्रित हो)
- पते का प्रमाण पत्र
- डिपेंडेंट परिवार के सदस्यों के पहचान प्रमाण की प्रति
- परिवार के सदस्यों की निर्भरता साबित करने वाले दस्तावेज
- कार्यरत कर्मचारी की सैलरी स्लिप
किन्हें माना जाएगा CGHS कार्ड में आश्रित
- इस कार्ड के तहत कर्मचारी या पेंशनर्स के पति/पत्नी आश्रित होंगे।
- यदि पति की एक से अधिक पत्नियां हैं तो केवल पहली पत्नी।
- कर्मचारी के पास आश्रित माता-पिता या आश्रित माता-पिता-ससुर को शामिल करने का विकल्प होता है. हालांकि इसके लिए निर्भरता और निवास की शर्तें पूरी होनी चाहिए।
- कानूनी रूप से गोद लिए गए बच्चों, सौतेले बच्चों और वार्ड के रूप में लिए गए बच्चों में यदि बेटा 25 वर्ष की आयु प्राप्त तक या जब तक कामना शुरू नही करता या शारीरिक या मानसिक रूप से विकलांग है तब तक उसे आश्रित माना जाएगा। वहीं बेटी जब तक खुद से कामना शुरू नही करती या उसकी शादी नही हो जाती उन्हे लाभ दिया जाएगा।