उत्तर प्रदेश सरकार के कर्मचारियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। राज्य सरकार ने कर्मचारियों को एक बार फिर पुरानी पेंशन योजना (OPS) चुनने का मौका देने का निर्णय लिया है। संसदीय कार्य एवं वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने घोषणा की कि राज्य मंत्रिमंडल ने इस निर्णय को मंजूरी दे दी है। इस फैसले से लगभग 50,000 कर्मचारियों को लाभ होगा।
पुरानी पेंशन स्कीम पर सरकार का बयान
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा, “28 मार्च 2005 की अधिसूचना के अनुसार, 1 अप्रैल 2005 या उसके बाद सेवा में आने वाले प्रदेश सरकार और उसकी स्वायत्त संस्थाओं तथा सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं के कर्मचारी नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के अंतर्गत आएंगे।” उन्होंने यह भी बताया कि केंद्र सरकार ने 3 मार्च 2023 को आदेश जारी किया था कि 22 दिसंबर 2003 की अधिसूचना से पहले केंद्र सरकार द्वारा विज्ञापित रिक्तियों के तहत 1 जनवरी 2004 या उसके बाद नियुक्त होने वाले कर्मचारियों को भी पुरानी पेंशन योजना चुनने का मौका दिया जाएगा।
50,000 से अधिक सरकारी कर्मचारियों को मिलेगी राहत
उत्तर प्रदेश के 50,000 से अधिक कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना का लाभ उठाने की मांग कर रहे थे। अब उन्हें बड़ी राहत मिलने वाली है। शनिवार को अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। आदेश के अनुसार, जो कर्मचारी सेवानिवृत्ति फायदा नियम 1961 की शर्तों को पूरा करते हैं, उन्हें प्रशासकीय विभाग के अनुमोदन के बाद नियुक्ति अधिकारी द्वारा आदेश जारी किए जाएंगे।
OPS या NPS का चुनाव करना होगा इस डेट से पहले
पुरानी पेंशन योजना का चुनाव करने वाले कर्मचारियों का NPS खाता 30 जून 2025 से बंद कर दिया जाएगा और उसमें जमा राशि को सामान्य भविष्य निधि खाते में ट्रांसफर कर दिया जाएगा। आदेश में यह भी कहा गया है कि 31 अक्तूबर 2024 तक विकल्प नहीं चुनने वाले कर्मचारी नेशनल पेंशन प्रणाली के अधीन रहेंगे।
इस निर्णय से उत्तर प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को उनके भविष्य को सुरक्षित करने में सहायता मिलेगी और उन्हें आर्थिक रूप से अधिक स्थिरता प्रदान करेगी।
Modi sarkar ne sarkari karmchariyon k liye koi bhi suvidha nahi di ,
Yahi karan he jo purnmat se sarkar nahi ban saki,