EPF मामले में कॉर्पोरेट जगत को लूट की अनुमति: एक्टू
केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय की और से 15 जून, 2024 को एक नया नोटिफिकेशन जारी किया गया है।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन
केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय की और से 15 जून, 2024 को एक नया नोटिफिकेशन जारी किया गया है।
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में आज पेंशनधारकों के लिए बड़ी राहत की घोषणा की है। अब रिटायरमेंट के बाद इन कर्मचारियों को 15 साल नहीं, बल्कि 12 साल के बाद ही पूरी पेंशन प्राप्त करने का अधिकार होगा। यह फैसला पेंशन बेचने के विकल्प को भी मजबूत करता है।
EPFO के नियमों के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति किसी कंपनी में लगातार 10 साल तक काम करता है, तो वह EPS पेंशन का हकदार होता है। नौकरी बदलने या ब्रेक लेने पर भी, यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) के माध्यम से पिछली सेवा अवधि को जोड़कर 10 साल पूरे किए जा सकते हैं। पेंशन लाभ के लिए 58 वर्ष की आयु आवश्यक है। 10 साल पूरे करने से पहले पीएफ राशि निकाली जा सकती है, लेकिन उस पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा।
दिल्ली हाईकोर्ट में EPS 95 हायर पेंशन पर सुनवाई 23 अगस्त को होगी। EPFO ने दो याचिकाओं को क्लब करने का आवेदन दिया है। एफसीआई कर्मियों ने उच्च पेंशन के लिए याचिका दायर की है। सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही हायर पेंशन के पक्ष में आदेश दिया है।
EPS 95 पेंशनभोगियों ने केंद्रीय बजट 2024 में पेंशन बढ़ोतरी का प्रावधान न होने पर नाराजगी जताई है। वे सरकार और EPFO से अपने अंशदान का सार्वजनिक हिसाब-किताब मांग रहे हैं, ताकि धन के उपयोग की जानकारी मिल सके।
EPF 95 पेंशनधारकों की न्यूनतम पेंशन राशि 2015 में ₹1000/- निर्धारित की गई थी, लेकिन नौ साल बाद भी कोई संशोधन नहीं हुआ है। अदालत के आदेश के बावजूद सरकार ने इसे अनदेखा किया है, जिससे पेंशनधारक असंतुष्ट और नाराज हैं। सरकार से तर्कसंगत निर्णय की मांग की जा रही है।
ईपीएस 95 पेंशनभोगियों ने आगामी विधानसभा चुनावों से पहले न्यूनतम पेंशन बढ़ाने की मांग को लेकर अभियान तेज कर दिया है। पेंशनर्स भाजपा और केंद्र सरकार पर दबाव बना रहे हैं, जिससे चुनावी समीकरण प्रभावित हो सकते हैं।
कलबुर्गी में EPS पेंशनधारकों का सम्मेलन हुआ, जिसमें पेंशन बढ़ाने की मांग पर जोर दिया गया। 31 अगस्त तक समाधान न मिलने पर आंदोलन तेज होगा और आगामी चुनावों में बीजेपी का बहिष्कार करने की चेतावनी दी गई।
ईपीएस 95 के तहत पेंशनर्स ने पैरा 11(3) को भेदभावपूर्ण बताया और पेंशन में सुधार की मांग की। न्यूनतम पेंशन 5,000 से 10,000 रुपये करने की अपील की गई है। पेंशनर्स ने सरकार से समस्या समाधान की उम्मीद जताई है।
EPS पेंशन धारक पेंशन प्राप्त करने में संघर्ष कर रहे हैं, पैसे की सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं, और योजना के लाभ पर संदेह है। वे पेंशन राशि के रिफंड, वैकल्पिक निवेश विकल्प, और मृत्यु के बाद रिफंड की मांग कर रहे हैं। योजनागत सुधार की आवश्यकता है।