OPS New Update: पुरानी पेंशन योजना लागू करने के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें अर्धसैनिक बलों (CAPF) पर पुरानी पेंशन योजना (OPS) लागू करने का निर्देश दिया गया था। कोर्ट ने भारत संघ को अपील करने की अनुमति देते हुए इस मामले में अंतरिम स्थगन की पुष्टि की है।

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Written by Rohit Kumar

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OPS New Update: पुरानी पेंशन योजना लागू करने के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई

दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) और अर्धसैनिक बलों पर पुरानी पेंशन योजना (OPS) लागू करने के आदेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने भारत संघ को इस मामले में अपील करने की अनुमति देते हुए इस रोक की पुष्टि की।

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हाईकोर्ट का आदेश और पृष्ठभूमि

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में कहा था कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) के कर्मियों पर पुरानी पेंशन योजना (OPS) लागू होगी। हाईकोर्ट ने पवन कुमार और अन्य बनाम भारत संघ मामले में यह निर्णय दिया, जिसमें CRPF, BSF, CISF, और ITBP जैसे बलों के कर्मियों को OPS का लाभ देने से इनकार करने वाले आदेशों को रद्द करने की मांग की गई थी।

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सुप्रीम कोर्ट की कार्रवाई

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार, और जस्टिस आर महादेवन की पीठ ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ भारत संघ की अपील को सुनते हुए यह रोक लगाई। एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने सरकार की ओर से पेश होते हुए बताया कि CAPF कर्मी देश के रक्षा बलों के समानता की मांग कर रहे हैं और हाईकोर्ट ने OPS को सभी CAPF कर्मियों पर लागू करने का आदेश दिया था।

प्रतिवादियों की दलीलें

CAPF कर्मियों के वकील अंकुर छिब्बर ने मामले में शीघ्र सुनवाई की मांग की, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि मामला इतना जरूरी नहीं है और इसकी सुनवाई में समय लगेगा। इसके साथ ही कोर्ट ने हाईकोर्ट के निर्देश पर लगे अंतरिम स्थगन की पुष्टि की और मामले को आगे सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।

पृष्ठभूमि और हाईकोर्ट का तर्क

हाईकोर्ट ने अपने फैसले में यह माना था कि CRPF, BSF, CISF, ITBP जैसे बल संघ के सशस्त्र बलों का हिस्सा हैं और इसलिए उन्हें पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिलना चाहिए। हाईकोर्ट ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 246 और VII अनुसूची की सूची 1 के साथ-साथ 22 दिसंबर 2003 की अधिसूचना और 6 अगस्त 2004 के स्पष्टीकरण पत्र का भी उल्लेख किया था, जिसमें केंद्रीय सशस्त्र बलों को संघ के सशस्त्र बलों के रूप में मान्यता दी गई थी।

सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की आगे की सुनवाई में यह देखा जाएगा कि CAPF कर्मियों पर OPS लागू किया जाएगा या नहीं। इस मुद्दे पर सरकार और अन्य पक्षकारों के बीच कानूनी लड़ाई जारी रहेगी। फिलहाल, सुप्रीम कोर्ट की रोक के चलते CAPF कर्मियों को OPS का लाभ मिलने में देरी होगी।

इस फैसले का असर हजारों CAPF कर्मियों पर पड़ेगा, जो पुरानी पेंशन योजना के तहत सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। अब सभी की नजरें सुप्रीम कोर्ट की अंतिम सुनवाई और फैसले पर टिकी हैं।

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5 thoughts on “OPS New Update: पुरानी पेंशन योजना लागू करने के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई”

  1. Jab Apne CRPF ke 40 Jawan Shahid hue use time nahin bola Dantewada mein 76 Jawan Shahid hue yah nahin dikhta hai ine logon Ko Bus inko chahie Suraksha Loksabha vidhansabha Charon taraf CAPF ke Jawan mantriyon ke Suraksha ke liye CAPF Jawan border mein bhi aur election mein v CAPF kahin danga ho to CRPF BSF ITBP SSB kahin bhi naxalvaad khatm karna ho to CAPF chahiye bus inko use waqt Suraksha ke waqt unko Jawan dikhte Hain ham pahle ham Shastra Bal mein ginti aate the Abhi Central armed police force mein ginti aate Hai inko yah nahin pata ki jab koi bhi Jawan Shahid hota hai to unke Ghar walon par kya bitata hai kisi ke मां-बाप to apni beton ke sahare rahte hain jab unke bete Shahid Ho jaaye to fir kiske sahare rahenge vah kam se kam pension ke sahare to rahenge budhe ma baap sab 60 sal mein jab retirement jata hai to unka ek he Sahara hota hai pension budhape ka Sahara pension please OPS lagu karo.

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