कोविड-19 महामारी के दौरान रोके गए 18 महीने के महंगाई भत्ते (DA) और महंगाई राहत (DR) के बकाया के भुगतान पर भारतीय केंद्रीय कर्मचारियों की लंबे समय से लटकी उम्मीदों पर वित्त मंत्रालय ने अंतिम रूप से पानी फेर दिया है। वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि महामारी के दौरान की गई कटौतियों को वापस करने की कोई योजना नहीं है, जिससे केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनर्स की निराशा गहरा गई है।
वित्त मंत्रालय का निर्णय
राज्यसभा में पूछे गए सवालों के जवाब में, वित्त राज्य मंत्री श्री पंकज चौधरी ने कहा कि सरकार कोविड प्रकोप के दौरान रोके गए DA/DR के तीन किस्तों को जारी करने की संभावना से इनकार करती है। यह निर्णय आर्थिक व्यवधान के चलते लिया गया था ताकि सरकारी वित्त व्यवस्था पर पड़ रहे दबाव को कम किया जा सके।
उम्मीदों पर पानी
इस फैसले के साथ, 18 महीने के DA एरियर की उम्मीद कर रहे केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को गहरी निराशा हाथ लगी है। इस निर्णय से उनकी आर्थिक स्थिति पर और अधिक बोझ पड़ने की संभावना है, खासकर जब इन्फ्लेशन के चलते जीवनयापन की लागत पहले से ही उच्च स्तर पर है।
आगे की राह
हालांकि, एक सकारात्मक खबर यह भी है कि जुलाई 2024 से DA में 3% की वृद्धि होने जा रही है, जिससे महंगाई भत्ता 53% तक पहुंच जाएगा। यह वृद्धि केंद्रीय कर्मचारियों को कुछ राहत प्रदान करेगी, हालांकि यह 18 महीने के बकाया DA की भरपाई नहीं कर सकती।
वित्त मंत्रालय का यह फैसला केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए एक कठिन संदेश है कि महामारी के दौरान की गई कटौतियों को वापस करने की कोई योजना नहीं है। इससे यह स्पष्ट होता है कि सरकारी नीतियां कभी-कभी अपरिहार्य आर्थिक परिस्थितियों के अनुरूप ढल जाती हैं, जिससे कर्मचारियों को अपनी उम्मीदों को नए सिरे से समझने की आवश्यकता होती है।
2026 main ko yaad rakhna hoga
Ma mtnl sa vrs optte hu hamre passion cat ka fasla ka bad bhi 2017 sa nhi mile kya yahi modi ji ka sabka sath sabka vikas ha hamare kon se galte ha ke hamare panssion nhi de karpya isa bhi dakha kuki ham bhi govt sa bharte tha bad ma mtnl ma ccs panssion rule sa bhaj diya gaya