EPS 95: जीर्ण बैंक बैलेंस और मामूली पेंशन में कैसे होगी बीमार जीवनसाथी की देखभाल?

पेंशनभोगी सोशल मीडिया पर ईपीएफओ और सरकार की पेंशन नीतियों से निराशा व्यक्त कर रहे हैं। जहां उन्होंने वित्तीय उपेक्षा और सामाजिक असमानताओं पर प्रकाश डाला, जिससे उनके जीवन पर प्रभाव पड़ता है।

rohit

Written by Rohit Kumar

Published on

EPS 95 जीर्ण बैंक बैलेंस और मामूली पेंशन में कैसे होगी बीमार जीवनसाथी की देखभाल?

EPS 95: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) और केंद्र सरकार की पेंशन नीतियों से निराश पेंशनभोगी अपने अनुभव सोशल मीडिया पर साझा कर रहे हैं। इस बहस में कन्नन रामानुजम ने अपनी भावनाएं व्यक्त की हैं, जिसमें उन्होंने भारतीय समाज की विसंगतियों पर प्रकाश डाला है।

हमारे व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp

रामानुजम का कहना है कि भारत में जन्मे लोग या तो धनी होते हैं या अत्यधिक गरीब; मध्यम वर्ग का कोई अस्तित्व नहीं होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि मध्यम वर्ग के लोगों को 60 से 62 साल की उम्र में स्वर्ग भेज देना चाहिए क्योंकि सिर्फ राजनेता और मंत्री ही उस उम्र के बाद आनंद ले सकते हैं।

हमारे व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp

पेंशनभोगियों की सामाजिक स्थिति

इस मामले पर सुखेंदु मंडल ने टिप्पणी की है कि पेंशनभोगी अक्सर अपने जीर्ण बैंक बैलेंस और बीमार जीवनसाथी की देखभाल के लिए छोड़ दिए जाते हैं, जब उनके विवाहित बच्चे उन्हें अकेला छोड़ देते हैं। रविन्द्रन मेनन और त्रिपुरारी सरन ने भाजपा सरकार के प्रति निराशा व्यक्त की, उनका कहना है कि पिछले चुनावी परिणामों ने वरिष्ठ EPFO पेंशनभोगियों के प्रति सरकार की उपेक्षा को दर्शाया है।

मध्यवर्गीय जीवन की कठिनाइयां

रामानुजम के अनुसार, भारतीय समाज की व्यवस्था मध्यम वर्ग के लोगों को उनके जीवन के अंत तक कष्ट सहने के लिए मजबूर करती है, जो कि स्वतंत्रता के उद्देश्यों के विरुद्ध है।

ये विचार न केवल पेंशन प्रणाली की कमियों को उजागर करते हैं, बल्कि यह भी दर्शाते हैं कि कैसे वरिष्ठ नागरिकों के सामाजिक और आर्थिक समर्थन की कमी है। इन व्यक्तिगत अनुभवों को सोशल मीडिया पर साझा किया जाना एक गहरा सामाजिक संदेश देता है, जिसे नीति निर्माताओं द्वारा ध्यान में रखा जाना चाहिए।

5 thoughts on “EPS 95: जीर्ण बैंक बैलेंस और मामूली पेंशन में कैसे होगी बीमार जीवनसाथी की देखभाल?”

  1. Private company retirement person ka kuch kijiye please. Monthly pension minimum rs 10000/ plus medical facility dena chahiye government ko. Jitna pension milta hai ek admi ka 15 din ka khana nehi hota hai wife ko khane keya kaheyega. Middle class family jiyega kaise government ka pass koi jabab hai? MLA ,MP ko kiu pension milta hai? Unlog to samaj ka seba Dene keliye ata. But ekbar MLA, MP ban jata hai to 5 piri baithke khayega. Public keya milta? Tour to MLA, MP ko apna paise se hona chahiye.

    प्रतिक्रिया
  2. No doubt middle class is the best source of Govt income. During his job he paid so much income tax , but after the retirement, govt not paid any attetion to themand they are suppose to get the pension of Rs 1000/-. The Govt pension formula also not correct. The epfo show last 60 month calculation but actaully the calculation carry in two slab upto 2014 and after 2014. Which is not fair. If last 60 month formula then who retired on 2020 then pendion to be calculated on rs 15000/- for whole of the service.Secondly there is great inflation on comodities and accedi g to that govt has to take the stepand seperately pay DA to these employees also.
    In 1995 the gold rate is 3600 per 10 gram now it is 65000/-. So govt should take step immediately.

    प्रतिक्रिया

Leave a Comment

हमारे Whatsaap चैनल से जुड़ें