EPS-95 पेंशनर्स ने न्यूनतम पेंशन की मांग को लेकर किया प्रदर्शन, 31 से होंगे आंदोलनरत

EPS-95 पेंशनर्स ने 110 ईपीएफओ कार्यालयों पर प्रदर्शन कर न्यूनतम मासिक पेंशन 7,500 रुपये और महंगाई भत्ता की मांग की। वर्तमान पेंशन 1,000 रुपये है। पेंशनर्स ने श्रम मंत्री को ज्ञापन सौंपा और आश्वासन के बावजूद कोई घोषणा नहीं होने पर अनशन की चेतावनी दी।

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Written by Rohit Kumar

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EPS-95 पेंशनर्स ने न्यूनतम पेंशन की मांग को लेकर किया प्रदर्शन, 31 से होंगे आंदोलनरत

नई दिल्ली: कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (EPS-95) के तहत पेंशनधारकों ने देशभर के कई EPFO कार्यालयों पर न्यूनतम मासिक पेंशन 7,500 रुपये और महंगाई भत्ता (DA) की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। वर्तमान में, EPS-95 के तहत न्यूनतम मासिक पेंशन 1,000 रुपये है, जो 1 सितंबर 2014 से दी जा रही है।

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केंद्रीय श्रम मंत्री को ज्ञापन सौंपा

EPFO के डैशबोर्ड के अनुसार, देश में 78 लाख पेंशनर्स हैं। ‘EPS-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति’ के आह्वान पर, पेंशनधारकों ने EPFO कार्यालयों पर प्रदर्शन किया और केंद्रीय श्रम मंत्री को ज्ञापन सौंपा। कमेटी के बयान के अनुसार, मंत्रालय और EPFO की “न्यूनतम पेंशन बढ़ाने में उदासीनता” के खिलाफ यह प्रदर्शन किया गया।

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दिल्ली में प्रदर्शन

दिल्ली के भिकाजी कामा प्लेस स्थित EPFO कार्यालय पर राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर अशोक राउत और राष्ट्रीय महासचिव वीरेंद्र सिंह राजावत के नेतृत्व में विभिन्न विभागों के पेंशनधारकों ने प्रदर्शन में भाग लिया। राउत ने बयान में कहा कि पिछले छह वर्षों से पेंशनर्स 7,500 रुपये मासिक पेंशन, डीए और पेंशनर एवं उनके जीवनसाथी के लिए मुफ्त चिकित्सा सुविधाओं की मांग कर रहे हैं।

आश्वासन के बावजूद कोई घोषणा नहीं

बयान में आरोप लगाया गया कि मंत्रियों द्वारा बार-बार आश्वासन दिए जाने और प्रधानमंत्री द्वारा दो बार आश्वासन देने के बावजूद अभी तक कोई घोषणा नहीं की गई है। हाल ही में, श्रम मंत्री के आश्वासन के बाद जंतर-मंतर पर अनशन रोक दिया गया था, लेकिन अब पेंशनर्स का धैर्य टूट रहा है।

अनशन और आंदोलन की चेतावनी

बयान में चेतावनी दी गई कि “अगर मोदी जी ने मानवता के आधार पर पुराने पेंशनरों की मांगों को तुरंत पूरा नहीं किया, तो 31 जुलाई से अनशन फिर से शुरू होगा और मांगें पूरी होने तक जारी रहेगा।” इसमें यह भी कहा गया कि श्रम मंत्री बार-बार आश्वासन दे रहे हैं, लेकिन सरकार और ना ही EPFO कोई रुचि नहीं दिखा रहा है।

इस प्रदर्शन से पेंशनर्स की नाराजगी और उनकी लंबी लंबित मांगों की गूंज फिर से सुनाई दी है। अब देखना यह है कि सरकार इस पर क्या कदम उठाती है।

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