
EPS-95 Pension: देशभर में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के खिलाफ पेंशनभोगियों की नाराजगी बढ़ती जा रही है। कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (EPS-95) के तहत पेंशनभोगी अपनी पेंशन बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। वर्तमान में, औसत पेंशन केवल 1450 रुपये प्रति माह है, जिसमें से 36 लाख पेंशनभोगी 1000 रुपये प्रति माह से भी कम पेंशन प्राप्त कर रहे हैं।
पेंशनभोगियों की मांग
गुलबर्गा, कर्नाटक के पेंशनर विश्वनाथ वली ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि न्यूनतम पेंशन वृद्धि के लिए 78 लाख पेंशनभोगियों की आवाज सरकार तक पहुंच रही है। उन्होंने बताया कि आंदोलन का नेतृत्व करने वाले पदाधिकारी केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री मनसुख मंडाविया से मुलाकात कर चुके हैं। इसमें न्यूनतम पेंशन को 7500 रुपये करने पर चर्चा हुई।
सरकार का आश्वासन
EPS 95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति (NAC) ने बताया कि केंद्र सरकार ने न्यूनतम पेंशन वृद्धि 7500 रुपये करने का आश्वासन दिया है। मंत्री मंडाविया ने यह भी बताया कि इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चर्चा की जाएगी।
पेंशनभोगियों की राय
पेंशनभोगी सनत रावल ने कहा कि EPS-95 पेंशनर्स और वरिष्ठ नागरिक आशा कर सकते हैं कि सरकार जल्द ही न्यूनतम पेंशन स्वीकृत कर सकती है। रामकृष्ण पिल्लई ने टिप्पणी की कि वर्तमान व्यवस्था के तहत अधिकतम पेंशन 7500 रुपये है, इसलिए न्यूनतम पेंशन 7500 रुपये कैसे हो सकती है? उन्होंने सुझाव दिया कि यदि पेंशन योग्य वेतन सीमा बढ़ाई जाती है, तो अधिकतम पेंशन संभव हो सकती है, विशेषकर भविष्य के पेंशनभोगियों के लिए।
निष्कर्ष
पेंशनभोगियों की मांगें और सरकार का आश्वासन एक महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दा बन गया है। पेंशन में वृद्धि से न केवल पेंशनभोगियों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा बल्कि यह उन्हें गरिमा के साथ जीवन यापन करने में भी सक्षम बनाएगा। सरकार को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि पेंशनभोगियों की समस्याओं का स्थायी समाधान हो सके।
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