EPS 95 Pension: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के प्रति आक्रोश की लहर एक बार फिर से उठ खड़ी हुई है। इस संगठन से यह उम्मीद की जाती है कि वह कर्मचारियों की आवश्यकताओं और मांगों का समाधान प्रदान करे, परंतु अब तक के परिणामों के अभाव ने पेंशनर्स को गहरी निराशा और क्रोध में डाल दिया है। सोशल मीडिया पर इसकी प्रतिध्वनियाँ सुनाई दे रही हैं, जहाँ पेंशनर्स ने अपनी बचत को वापस पाने की मांग की है।
पेंशन की राशि अपर्याप्त
पेंशनर्स का आरोप है कि EPFO उनकी वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने में विफल रहा है। EPS 95 (Employees’ Pension Scheme 1995) के अंतर्गत, पेंशनभोगी कर्मचारी अपने जमा पैसे पर उचित लाभ पाने में असमर्थ हैं। राम शकल गौतम का कहना है कि पेंशन के रूप में मिलने वाली राशि ना केवल अपर्याप्त है, बल्कि यह उनके जीवन की आवश्यकताओं को संतुष्ट करने में भी विफल रही है। इसके विपरीत, वे मांग कर रहे हैं कि EPFO उनकी जमा राशि को वापस करे।
EPFO के खिलाफ कार्रवाई की मांग
सनत रावल ने EPFO के खिलाफ एक “गंभीर घोटाले” का आरोप लगाया है, जिसके लिए उन्होंने सख्त कार्रवाई की मांग की है। यह बताता है कि पेंशनर्स ने किस प्रकार से EPFO की नीतियों और प्रबंधन के प्रति अपना विश्वास खो दिया है। इस बीच, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के एडमिन त्रिपुरारी सरन ने आह्वान किया है कि वरिष्ठ नागरिकों को इस संघर्ष में अपनी ऊर्जा बचानी चाहिए, जो अब जीवन के इस पड़ाव में निराशा का सामना कर रहे हैं।
Rajendra P. Srivastava और दक्षिणामूर्ति एच ने भी अपनी चिंताएं व्यक्त की हैं, जहाँ वे कहते हैं कि प्रधानमंत्री के वादे और नारे उन्हें समाधान प्रदान करने में असफल रहे हैं। वे मांग कर रहे हैं कि सरकार को अपने आदेशों को जारी करना चाहिए और पेंशनर्स की आवाज़ को सुनना चाहिए।
निष्कर्ष
यह स्थिति न केवल पेंशनर्स की आर्थिक स्थिति का मामला है, बल्कि उनकी गरिमा और सम्मान का भी प्रश्न है। यदि सरकार और EPFO जल्दी ही कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाते हैं, तो यह विरोध प्रदर्शन और भी गहरा सकता है। अंततः, इस विषय पर सरकार की प्रतिक्रिया और कार्यवाही ही इस समस्या का समाधान निर्धारित करेगी।
Andolan kari neta log ab kaha chale gaye
Bahut bada bhrashtachar hai ham log ki koi nahin sunta ismein Aksar bahut tanashahi hai
Esme karmchari Hain Jo apne aap ko Bhagwan mante hi tanashahi karte Hain ki logon ki baat hi sunte Hain
Haryana ke PF office mein is samay itne paise logon ne Jo claim Karen sabke kisi 10 card lekar se 15 card lekar 20 Kale karodon rupaye ghotala kar chuke ek number mein kaise karte hain humne nahin pata main vahan Vikram se baat karte kisi se Garib aadami hote hain Garib aadami se vasul karte hain aap soch nahin sakte
Center ke karmchari itne bhrashtachar Ho chuke hain aane Wale time mein Desh barbad ho jaega
सरकार को अगर नहीं सुनना है तो हमारे जमा पैसे वापस कर दे। ये 1224 रुपए हर माह से कुछ नहीं होने वाला है।
Paisa abilamb vapas karo
In ten years of tenure if government could not settle such a pension relief then doubt on capability of such government
Ye sarkar ko kam Krna chaiye janta vase mood kharab ho to unko Da or pansion sath me diya jaye sir jinke foam bhi jama ho gye h sir unko bhi diya jaye sir uttrakhand govt.
Na pension ke amount pe interest milta hai na barabar pension isliye sarkar ne pension scheme band kar ke rd pe jaise interest milta hai vyasa deke puri pension ki rashi vapis kar dena chahiye yehi sahi hai
I have objected regarding wrong date of birth mentioned when I received scheme certificate, I furnished my school leaving certificate along with form 10D, but epfo only argued that we consider form 9 for date of birth. So many times I have written letters to epfo for dob correction, but no result.
सरकार को वरिष्ट नागरिकों को सम्मान जनक राशि प्रदान करनी चाहिए
सोशल सिक्योरिटी प्रदान करना सरकार का
दायित्व है
इन लोगों ने सर्विस के दौरान इन्कम टैक्स देकर
सरकार के खजाने को भरा है
इनकी मांग बाजिब है
इस बार पेन्शन नही बढी तो विधानसभा मे NO BJP
NO MODI GOVERNMENT. थोडी तो शरम करो
मोदीजी. 500/600 पेन्शन मे लोग कैसे गुजारा करेंगे.
सबकी पेन्शन बंद करो और आमदार/ खासदार को दे दो
वो बेचारे बहुत गरीब है!
Agar Pention nahi de sakte to sabhi Pentioner ka jama Paisa bapas karo