EPS 95 न्यूनतम पेंशन से मोदी-EPFO को एलर्जी क्यों, पढ़िए रिपोर्ट

EPS 95 पेंशन को 1000 रुपये से बढ़ाकर 7500 रुपये करने की मांग पर पेंशनर्स जोर दे रहे हैं। वेतन सीमा बढ़ाने और सरकारी योगदान में वृद्धि की मांग है। मोदी सरकार ने 2014 में पेंशन योग्य वेतन 6500 से बढ़ाकर 15000 कर दिया था। पेंशन बढ़ाने की संभावनाओं पर चर्चा जारी है।

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Written by Rohit Kumar

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EPS 95 न्यूनतम पेंशन से मोदी-EPFO को  एलर्जी क्यों, पढ़िए रिपोर्ट

नई दिल्ली: EPS 95 न्यूनतम पेंशन को 1000 रुपये से बढ़ाकर 7500 रुपये करने की मांग पर चर्चा जारी है। पेंशनर्स के अनुसार, मौजूदा पेंशन राशि बढ़ाने की जरूरत है, क्योंकि महंगाई बढ़ने के बावजूद पेंशन में वृद्धि नहीं हुई है।

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मौजूदा पेंशन व्यवस्था

1971 से 1975 तक की पारिवारिक पेंशन योजना और EPS के तहत सरकार का योगदान वेतन का 1.16% रहा। बाजपेयी सरकार के दौरान पेंशन योग्य वेतन 5000 से 6500 तक बढ़ाया गया। 2014 में मोदी सरकार ने इसे 6500 से बढ़ाकर 15000 कर दिया, जिससे पेंशन राशि दोगुनी से भी अधिक हो गई।

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पेंशन बढ़ाने की मांग

पेंशनर्स की मांग है कि:

  1. पेंशन योग्य वेतन सीमा 21000 रुपये की जाए।
  2. सरकारी योगदान 1.16% से बढ़ाकर 2% किया जाए।
  3. नियोक्ता का अंशदान 8.33% से बढ़ाकर 10% किया जाए।
  4. न्यूनतम पेंशन 1000 से बढ़ाकर 2000/3000 की जाए।

पेंशनर्स का दर्द

पेंशनर्स का कहना है कि हर दिन औसत 200 EPS पेंशन धारक पेंशन की उम्मीद में दुनिया छोड़ रहे हैं। सरकार को पेंशन बढ़ाने के लिए नए सिरे से बीमांकिक मूल्यांकन करने की जरूरत है।

पेंशनर्स को उम्मीद है कि सरकार उनकी मांगों पर विचार करेगी और पेंशन राशि बढ़ाकर उन्हें राहत देगी। पेंशन योग्य वेतन बढ़ाने और सरकारी योगदान में वृद्धि जैसे कदम इस दिशा में सहायक हो सकते हैं।

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16 thoughts on “EPS 95 न्यूनतम पेंशन से मोदी-EPFO को एलर्जी क्यों, पढ़िए रिपोर्ट”

  1. इपीएफओ कार्यालय से इपीएस ९५‌ पेन्शनरों के बारेमे‌ सरकार को गलत इन्फॉर्मेशन दी जा रही है.इपीस९५ पेन्शनरोंका असली दुषमन इपीएफओ कार्यालय ही है.अब धरना आंदोलन इपीएफओ कार्यालय पर करना चाहिए.जंतरमंतर पे ना सरकार देखेगी ना इपीएफओ कार्यालय देखेगा.

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  2. I was a public sector employee, retired in the year 2011.
    Presently am getting a meagre amount of Rs 1873 only, still after 13 years of my retirement, under EPS 95.
    My wife, who is also a Sr. Citizen, stays with me.
    Is this amount is sufficient to run a family ?
    My humble request to the concerned Hon’ble Minister and authorities to increase the minimum pension amount, under EPS 95.

    Regards,

    Ashok Kumar Gupta.
    Ghatsila, Jharkhand.

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  3. I think this govt. Is not serious about minimum pension increased. I wish to ask govt. What is the difference between govt. Employees and pvt. Employees. Both are Indian. Private employees are giving their contribution to develop the country ,100 time more than govt. Employees. The pension to govt. Employees are giving by the tax of private employers and employees.why pvt. Employees are not getting pension equal to govt. Employees. All the taxes are beng paid mostly pvt. Properitor not govt. Properitor. In this situation pvt. Employees must get pension more than govt. Employees. Can govt. Give the reason why govt. Employees are getting pension and d.a. 100 times more from pvt. Employees.

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  4. आमच्या सारख्या असंख्य कामगार बंधुंना केवळ ८८२रू.पेंशन कित्येक वर्ष मिळत आहे त्यात स्वाभिमानाने कसं जगायचं हेच कळत नाही.खाजगी कामगार बंधुंना कोणीच वाली नाही हेच खरं.किमान दोन वेळ अन्न खाता येईल एवढी तरी पेंशन मिळावी..उर्वरीत आयुष्य आनंदात जाईल.

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  5. आज महगाई इतनी ज्यादा हो गई है 7500 से कम मे तो कोई भरपेट भोजन भी नही खा सकता। धर्म कर्म के काम कैसे करेगा। इज्जत से जीने के लिए 7500 तो सरकार को कर ही देना चाहिए। कयी बुजुर्ग मर जाते है उनका पैसा रह जाता है।

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