EPS 95 News: अब से पहले इतने निराश नही थे पेंशनभोगी, 78 लाख पेंशनभोगियों की मांग हुई अनसुनी

कर्मचारी पेंशन योजना 1995 के तहत, पेंशनभोगियों ने न्यूनतम पेंशन 1000 रुपए से बढ़ाकर 7500 रुपए करने की मांग की है। इस मांग को अनसुनी करने पर वे जुलाई 2024 में दिल्ली में आंदोलन करेंगे।

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Written by Rohit Kumar

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EPS 95 पेंशन पर अब से पहले इतने निराश नही थे 78 लाख पेंशनभोगी

कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (EPS 95) के अंतर्गत, भारत में लगभग 78 लाख पेंशनभोगियों का जीवन उनकी पेंशन राशि पर निर्भर करता है। वर्षों से, ये पेंशनभोगी न्यूनतम पेंशन की राशि 1000 रुपए से बढ़ाकर 7500 रुपए करने की मांग कर रहे हैं। यह मांग उनकी बढ़ती हुई जीवन यापन लागत और महंगाई के अनुरूप है। हालांकि, इस मुद्दे पर सरकार से अब तक कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं मिली है, जिससे पेंशनभोगियों में गहरी निराशा और असंतोष पैदा हो रहा है।

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व्यक्तिगत संघर्ष और सामूहिक आवाज़

अनिल कुमार नामदेव, एक पेंशनभोगी, ने हाल ही में सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री मोदी और EPFO को आड़े हाथ लेते हुए एक पोस्ट साझा किया। इस पोस्ट में उन्होंने उल्लेख किया कि सरकार द्वारा उनकी मांगों को लगातार अनदेखा किया जा रहा है। उनका मानना है कि सरकार को लगता है कि पेंशनभोगियों की कोई उपयोगिता नहीं है और वे उनका कुछ बिगाड़ नहीं सकते।

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सरकारी प्रतिक्रिया का अभाव

वर्षों से, इन बुजुर्ग पेंशनभोगियों ने अपनी बढ़ती हुई दिक्कतों को व्यक्त करते हुए कई बार राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदर्शन किया है। जुलाई 2024 में, वे एक बार फिर से पेंशनर महा आंदोलन के लिए दिल्ली पहुंचने वाले हैं, जिसमें वे अपनी आवाज़ को बुलंद करने का प्रयास करेंगे। यह आंदोलन उनके लिए एक आखिरी संघर्ष की तरह हो सकता है, जिसमें वे सरकार से अपनी मांगों को पूरा करने की उम्मीद कर रहे हैं।

आशा की किरण और जीने का सहारा

इस सब के बीच, पेंशनभोगियों में अब भी एक उम्मीद की किरण बाकी है। वे आशा करते हैं कि शायद एक दिन सरकार उनकी स्थितियों को समझेगी और उनके जीवन में सुधार होगा। यह उम्मीद ही उन्हें जिंदा रखने का सहारा बनी हुई है।

इस संघर्ष के मध्य नजर, यह देखा जा सकता है कि पेंशनभोगियों की मांगें सिर्फ वित्तीय सहायता नहीं बल्कि सम्मान और जीवनयापन की बेहतर स्थिति की ओर भी इशारा करती हैं। आगे का रास्ता कठिन है, लेकिन पेंशनभोगियों की एकजुटता और संघर्ष उन्हें एक नई दिशा प्रदान कर सकता है।

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14 thoughts on “EPS 95 News: अब से पहले इतने निराश नही थे पेंशनभोगी, 78 लाख पेंशनभोगियों की मांग हुई अनसुनी”

  1. सरकार कभी नहीं मानेगी क्युकी ये इसके हकदार नहीं है।कभी कोई आंदोलन नही कभी सड़क जाम नही कभी कोई सड़क पर नही उतरता क्यू सरकार सुनेगी।भविष्य में किसी को वोट नही करुंगा।

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  2. इपीएफ 95 पेंशन स्कीम की पूरी समीक्षा होनी चाहिए क्योंकि यह बिल्कुल अनुपयोगी स्कीम है और इसमें सरकारी और पीएसयू उसके बीच में भयंकर भेदभाव है क्या आप कल्पना कर सकते हैं की bhel का एक क्वालिफाइड इंजीनियर उसे रुपए ढाई हजार मंथली पेंशन मिलती है और सरकारी विभाग के इंजीनियर को₹60000 महीना पेंशन मिलती है जबकि दोनों की शिक्षा का level same ही है और दोनों पर सरकारी नियंत्रण रहता है ।कितनी बड़ी विडंबना है की बहुत बार पेंशनर्स का डेलिगेशन प्रधानमंत्री मोदी जी से मिला जिनका बचपन गरीबी और संघर्ष में बीता कि आप बताइए की ढाई हजार रुपए के अंदर एक महीने में एक व्यक्ति का गुजारा कैसे हो सकता है उन्होंने मामलों को देखने का वायदा किया उनसे बहुत उम्मीद थी की वह गरीब और बुजुर्ग और लाचार पेंशनर्स के बारे में कुछ सोचेंगे लेकिन कोई भी वादा पूरा नहीं किया बुजुर्ग पेंशनर्स₹7५00 प्लस दिए की मांग कर रहे हैं जो किसी भी हालत में गलत नहीं बल्कि सरकार को इससे दुगना देना चाहिए इससे लोग जो बुजुर्ग हो गए हैं और जिनके हाथ पैर काम नहीं कर रहे हैं उन्हें दो टाइम का भोजन मिल सके लेकिन यह काबिले तारीफ है की बुजुर्ग लोग जिनकी अवस्था 70 साल से ऊपर पहुंच गई उन में गजब का जोश है और वह सरकार से अपनी मांग में मंगवाने के लिए आंदोलन करने के लिए तैयार है। आप सभी अपनी शुभकामनाओं के साथ इन बुजुर्गों का साथ दे।

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  3. सरकार नेताओं को जितनी बार चुने जाते हैं, उनकी पेंशन लाखों में फिक्स की जाती है। चाहे वो एक दिन के लिए चुने जाएं। और उनकी संपत्ति भी दिनों दिन फलती फूलती है।

    लेकिन जो कर्मचारी अपनी सारी जिंदगी सेवा करते हैं। उन्हें न्यूनतम पेंशन Rs.1,000/- कहां तक उचित है। क्या इस पेंशन में गुजारा कर सकते हैं? सरकार की नाइंसाफी है।

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  4. ये सरकार रिटायर्ड एम्प्लाइज को बेकार की चीज़ मानती हे इसलिए eps पेंशन 1000/-रूपये हे. मुझे तो डर हे कि ये सरकार इस पेंशन को भी बंद न कर दे. इनके लिए रिटायर्ड एम्प्लाइज की कोई जरूरत नहीं होती अगर मरता हे तो मरे.

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