विधायक अख्तरूल इस्लाम शाहीन ने केंद्र सरकार से कर्मचारी पेंशन योजना, 1995 (EPS-95) के तहत आने वाले पेंशनभोगियों की न्यूनतम मासिक पेंशन में बढ़ोतरी की मांग की है। इस संबंध में उन्होंने केंद्रीय श्रम मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया को पत्र लिखा है।
पेंशनभोगी कर रहे कठिनाइयों का सामना
शाहीन ने पेंशनभोगियों की वर्तमान दयनीय स्थिति पर प्रकाश डालते हुए कहा है कि मौजूदा पेंशन योजना सेवानिवृत्त कर्मचारियों और उनके परिवारों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में असमर्थ है। कम पेंशन के कारण पेंशनभोगियों को जीवनयापन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। नियमित पेंशन फंड में योगदान के बावजूद पेंशनभोगियों को अपर्याप्त पेंशन मिल रही है, जिससे उनकी परेशानी बढ़ती जा रही है।
न्यूनतम पेंशन में वृद्धि की मांग
देश भर के 78 लाख पेंशनभोगी पिछले आठ सालों से न्यूनतम पेंशन में वृद्धि की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है। वर्तमान में, पेंशनभोगियों को औसतन 1,450 रुपये मासिक पेंशन मिलती है। विधायक ने इस राशि को महंगाई भत्ते के साथ 7,500 रुपये प्रति माह करने और पेंशनभोगियों के जीवनसाथी को मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं देने का आग्रह किया है। उन्होंने मांग की पूर्ति नहीं होने पर आंदोलन करने की चेतावनी भी दी है।
केंद्रीय श्रम मंत्री ने दिया आश्वासन
EPS-95 नेशनल अगिटेशन कमेटी के अनुसार, पेंशनभोगियों को वर्तमान में मिलने वाली पेंशन इतनी कम है कि वे जीवनयापन की बुनियादी जरूरतें भी पूरी नहीं कर सकते। पेंशन में वृद्धि की मांग को लेकर देशभर में प्रदर्शन किए जा रहे हैं, जिसमें दिल्ली के जंतर मंतर पर हाल ही में बड़ा प्रदर्शन हुआ था। केंद्रीय श्रम मंत्री ने प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया है कि सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से ले रही है और प्रधानमंत्री भी इस पर ध्यान दे रहे हैं।
वास्तविक आधार पर दी जाए पेंशन
इसके अलावा, समिति ने यह भी मांग की है कि पेंशनभोगियों को वास्तविक वेतन के आधार पर पेंशन दी जाए और उन्हें नियमित अंतराल पर महंगाई भत्ता भी दिया जाए। समिति ने यह भी कहा कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो वे राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन करेंगे, जिसमें रेल और सड़क परिवहन को रोकना और भूख हड़ताल जैसी कदम शामिल होंगे।
सरकार द्वारा पेंशनभोगियों की मांगों पर विचार किया जा रहा है और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही इस पर कोई ठोस निर्णय लिया जाएगा।
पेंशन रिवू की बात हर तीसरे साल करने की बात की गई थी पर सरकार बताये २९ सालों मे क्या किया गया। सरकारी कर्मचारी की बड़ी चिंता रहती है। देश को वित्तीय सहायता सबसे ज्यादा किसने प्रदान की है।
लवकरत लवकर पेन्शन वृद्धी व्हावी तशी सद्बुद्धी सरकारला व्हावी ही ईश्वरचरणी प्रार्थना
ये अत्यंत ही दर्दनाक ऐवम विचारणीय विषय है, सरकार को गंभीरता से और सहानुभूति पूर्वक विचार करना चाहिए और अविलंब पेंसन की राशि में बृद्धि सुनिश्चित करते हुए लागू भी कर देना चाहिए ताकि सभी बुजुर्गों में एक नयी आशा दिखे और जीवन के बचे हुए काल का आनंद ले पाएँ, धन्यवाद !! 🙏🙏
MODI JI EPS 95 par mehawani karo
Yess….
आमचे जमा रुपये व्याजासह परत करावे. अशी खास विनंती आहे.
Dear sir
Pension to badhani chahie 1000 se lekar 1450 rupaye pension bahut hi kam hai jo jivan yapan karne mein bahut kaatnaiyan ho rahi hai aur apne bacchon ki lale per na pad raha aur unke upar bahut sari jimmedaariyan hai vah hamare kharche kahan se denge kripya sar Mera Pukar ko suniye aur pension ko badhai hai 7500.
सभी पेंशन योजना में शामिल होने वाले सदस्यों को नूनतम पेंशन राशि 7500 हजार होना चाहिए।
इस से गरीब मध्यम वर्गीय कर्मचारियों परिवार को आर्थिक सहायता के रूप में जीवन यापन करने में मदद मिलेगी अभी जो पेंशन राशि मिल रहा हैं उस राशि से आज के समय में 10 दिन की राशन नहीं मिल रहा हैं। सरकार को इस विषय को गंभीरता से लेना चाहिए।
EPS 95 pension center govt. ko jarur badani chahiye kyunki es samay EPS Amount bartman me bahut hi kam mil raha he.
PM. Sir se request he ki esaka koi samadhan Aap jaroor nikal lege jee
Regards
Sabbal singh rawat
This is a genuine demand of senior citizens who worked in public and private sector and contribute to epfo . Government should think of it and raise the pension reanably.
Nirnay me deri karna uchit nahi,kai sal se sunne v dekhne me Aa raha kya hai Neta mantri ops lekar karmchari ko NPS de diye unhe bhi nps lete, samanta ho vaise to inka vetan bhi nahi hona chahiye
When Santosh Gangwar was in opposition,he used to fight to raise epf minimum pension. BJP came in Government and luckily Gangwar became labour minister. He forgot his promise and been replaced also. Now,it is humble request to Govt.and finance minister to consider the matter on priority basis for the welfare of poorer EPF pensioners. Thanks
Pension की मांग तो, हमारा हक्क है. सरकारे तो seniors के लिए बहुत सी योजनायें चलते रहती हैं, और सभी सरकारें मुफ्त में रेवड़ी bat रही हैं, और हम लोगों को भिकारी समझ कर 1000 रुपये की Pension की भीख मिल रही हैं. हमारे लिए एक बहुत ही शर्मनाक बात है. नेताओं को कुछ नहीं कर ने के बाद भी, सिर्फ चुनकर आने के बाद,मरने तक सभी सुविधाओं के साथ पेंशन मिलती हैं. और जब तक वह नेता हैं देश को लूटते रहते हैं. और हम इस हक की पेंशन में सिर्फ सब्जियां ही नहीं ला सकते हैं.
न्यूनतम पेंशन का मुद्दा तो गंभीर है ही ,महंगाई को देखते हुए सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए। दूसरा मुद्दा मेडिकल सुविधाओं का है जिसे भी सरकार को देखना चाहिए कि कर्मचारी जब तक सर्विस करता है तब तक तो उसे मेडिकल सुविधा मिलती है इसके बाद सुविधाएं बंद हो जाती हैं जबकि जरूरत है मेडिकल सुविधाओं की बुढ़ापे पर जो नौकरी छूटने के बाद बंद हो जाती हैं। यह सुविधा भी जीवन पर्यंत लागू रहना चाहिए।
न्यूनतम पेंशन का मुद्दा तो गंभीर है ही ,महंगाई को देखते हुए सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए। दूसरा मुद्दा मेडिकल सुविधाओं का है जिसे भी सरकार को देखना चाहिए कि कर्मचारी जब तक सर्विस करता है तब तक तो उसे मेडिकल सुविधा मिलती है इसके बाद सुविधाएं बंद हो जाती हैं जबकि जरूरत है मेडिकल सुविधाओं की बुढ़ापे पर जो नौकरी छूटने के बाद बंद हो जाती हैं। यह सुविधा भी जीवन पर्यंत लागू रहना चाहिए।
Majduron ka hak chinne wali Bjp Sarkar ke Tinon sur band ho Gaye kyo Kyoki Sarkar bot Lene ke bad andhi ho Gayi kuch Nahi sunna .Pahle kangres ko ghamand tha Abhi Bjp Sarkar ko aham (56″ka Sina)Bhara Hua Hai. Samay Sabka aata hai majduron ka Dard Bhagwan sunega.Bjp walon chullu bhar pani me dub maro.Aapka shubh chintak?
मी एक मिल कामगार असून, मला पेन्शन 844 ₹ मिळते
मला महिन्याला 2000 ₹ औषधसाठी लागतात,
तर ह्या 844 ₹ मध्ये कसे जीवन जगायचे त्यासाठी पेन्शन वाढणे गरजेचे आहे.
वडिलांच्या नावांमध्ये स्पेलिंग मिस्टिक आहे कृपया दुरुस्ती करावी,रवू नाही राऊ असे आहे.
इंग्रजीमध्ये, Bharma Rawoo Chougule असे आहे.
इस सरकार को सिर्फ जनता को मूर्ख बनाने के अलावा कोई काम नहीं है
पेंशन के नाम पर ऐसा करते हैं जैसे इसके घर से पैसे जा रहे हो यह कभी जनता की भलाई के हितेषी नहीं हो सकते आम जनता को निचोड़ने में लगे हुए हैं
माननीय मोदीजी हम ग़रीबों की ओर थोड़ा आपका ध्यान आया तो बुढ़ापा ठीक से गुजर जायेगा अन्यथा तो ठोकरों में जीवन जारहा हे। जय श्री राम।
Bahut dukhi man se kah raha hu ki jinda rahte hire pension nhi milegi, aur marne ke baad Sara Paisa epfo Wale khaake dhanwan ho rahe hai.
सरकार जवळ जर पैसे शिल्लक नसती तर सगळ्या खासदारांची पेन्शन व पगार कमी करून ती रक्कम eps 95 pension साठी वापरावी. यांच्या पगारासाठी येतात पैसे पेन्शन साठी नाहीत. यांची पेन्शन अगोदर बंद करा मग समजेल त्यांना काय हाल होतात ते ,30-35 वर्ष service करून 1000 देतात आणि हे 5 वर्षात लाखात पेन्शन घेतायेत. जनतेचे सेवक आहेत की देशाचे लुटारू. मतलबी कुठले.