EPS-95: विधायक ने कर दी मांग न्यूनतम मासिक पेंशन में की जाये बढ़ोतरी

विधायक अख्तरूल इस्लाम शाहीन ने केंद्र सरकार से EPS-95 के तहत न्यूनतम मासिक पेंशन को वर्तमान 1,450 रुपये से बढ़ाकर 7,500 रुपये करने की मांग की है। उन्होंने पेंशनभोगियों की दयनीय स्थिति और उनकी बुनियादी जरूरतों की पूर्ति में असमर्थता पर जोर दिया, और आंदोलन की चेतावनी दी है।

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Written by Rohit Kumar

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EPS-95: विधायक ने कर दी मांग न्यूनतम मासिक पेंशन में की जाये बढ़ोतरी

विधायक अख्तरूल इस्लाम शाहीन ने केंद्र सरकार से कर्मचारी पेंशन योजना, 1995 (EPS-95) के तहत आने वाले पेंशनभोगियों की न्यूनतम मासिक पेंशन में बढ़ोतरी की मांग की है। इस संबंध में उन्होंने केंद्रीय श्रम मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया को पत्र लिखा है।

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शाहीन ने पेंशनभोगियों की वर्तमान दयनीय स्थिति पर प्रकाश डालते हुए कहा है कि मौजूदा पेंशन योजना सेवानिवृत्त कर्मचारियों और उनके परिवारों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में असमर्थ है। कम पेंशन के कारण पेंशनभोगियों को जीवनयापन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। नियमित पेंशन फंड में योगदान के बावजूद पेंशनभोगियों को अपर्याप्त पेंशन मिल रही है, जिससे उनकी परेशानी बढ़ती जा रही है।

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देश भर के 78 लाख पेंशनभोगी पिछले आठ सालों से न्यूनतम पेंशन में वृद्धि की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है। वर्तमान में, पेंशनभोगियों को औसतन 1,450 रुपये मासिक पेंशन मिलती है। विधायक ने इस राशि को महंगाई भत्ते के साथ 7,500 रुपये प्रति माह करने और पेंशनभोगियों के जीवनसाथी को मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं देने का आग्रह किया है। उन्होंने मांग की पूर्ति नहीं होने पर आंदोलन करने की चेतावनी भी दी है।

EPS-95 नेशनल अगिटेशन कमेटी के अनुसार, पेंशनभोगियों को वर्तमान में मिलने वाली पेंशन इतनी कम है कि वे जीवनयापन की बुनियादी जरूरतें भी पूरी नहीं कर सकते। पेंशन में वृद्धि की मांग को लेकर देशभर में प्रदर्शन किए जा रहे हैं, जिसमें दिल्ली के जंतर मंतर पर हाल ही में बड़ा प्रदर्शन हुआ था। केंद्रीय श्रम मंत्री ने प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया है कि सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से ले रही है और प्रधानमंत्री भी इस पर ध्यान दे रहे हैं।

इसके अलावा, समिति ने यह भी मांग की है कि पेंशनभोगियों को वास्तविक वेतन के आधार पर पेंशन दी जाए और उन्हें नियमित अंतराल पर महंगाई भत्ता भी दिया जाए। समिति ने यह भी कहा कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो वे राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन करेंगे, जिसमें रेल और सड़क परिवहन को रोकना और भूख हड़ताल जैसी कदम शामिल होंगे।

सरकार द्वारा पेंशनभोगियों की मांगों पर विचार किया जा रहा है और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही इस पर कोई ठोस निर्णय लिया जाएगा।

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22 thoughts on “EPS-95: विधायक ने कर दी मांग न्यूनतम मासिक पेंशन में की जाये बढ़ोतरी”

  1. पेंशन रिवू की बात हर तीसरे साल करने की बात की गई थी पर सरकार बताये २९ सालों मे क्या किया गया। सरकारी कर्मचारी की बड़ी चिंता रहती है। देश को वित्तीय सहायता सबसे ज्यादा किसने प्रदान की है।

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  2. लवकरत लवकर पेन्शन वृद्धी व्हावी तशी सद्बुद्धी सरकारला व्हावी ही ईश्वरचरणी प्रार्थना

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  3. ये अत्यंत ही दर्दनाक ऐवम विचारणीय विषय है, सरकार को गंभीरता से और सहानुभूति पूर्वक विचार करना चाहिए और अविलंब पेंसन की राशि में बृद्धि सुनिश्चित करते हुए लागू भी कर देना चाहिए ताकि सभी बुजुर्गों में एक नयी आशा दिखे और जीवन के बचे हुए काल का आनंद ले पाएँ, धन्यवाद !! 🙏🙏

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  4. सभी पेंशन योजना में शामिल होने वाले सदस्यों को नूनतम पेंशन राशि 7500 हजार होना चाहिए।
    इस से गरीब मध्यम वर्गीय कर्मचारियों परिवार को आर्थिक सहायता के रूप में जीवन यापन करने में मदद मिलेगी अभी जो पेंशन राशि मिल रहा हैं उस राशि से आज के समय में 10 दिन की राशन नहीं मिल रहा हैं। सरकार को इस विषय को गंभीरता से लेना चाहिए।

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  5. Pension की मांग तो, हमारा हक्क है. सरकारे तो seniors के लिए बहुत सी योजनायें चलते रहती हैं, और सभी सरकारें मुफ्त में रेवड़ी bat रही हैं, और हम लोगों को भिकारी समझ कर 1000 रुपये की Pension की भीख मिल रही हैं. हमारे लिए एक बहुत ही शर्मनाक बात है. नेताओं को कुछ नहीं कर ने के बाद भी, सिर्फ चुनकर आने के बाद,मरने तक सभी सुविधाओं के साथ पेंशन मिलती हैं. और जब तक वह नेता हैं देश को लूटते रहते हैं. और हम इस हक की पेंशन में सिर्फ सब्जियां ही नहीं ला सकते हैं.

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  6. न्यूनतम पेंशन का मुद्दा तो गंभीर है ही ,महंगाई को देखते हुए सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए। दूसरा मुद्दा मेडिकल सुविधाओं का है जिसे भी सरकार को देखना चाहिए कि कर्मचारी जब तक सर्विस करता है तब तक तो उसे मेडिकल सुविधा मिलती है इसके बाद सुविधाएं बंद हो जाती हैं जबकि जरूरत है मेडिकल सुविधाओं की बुढ़ापे पर जो नौकरी छूटने के बाद बंद हो जाती हैं। यह सुविधा भी जीवन पर्यंत लागू रहना चाहिए।

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  7. न्यूनतम पेंशन का मुद्दा तो गंभीर है ही ,महंगाई को देखते हुए सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए। दूसरा मुद्दा मेडिकल सुविधाओं का है जिसे भी सरकार को देखना चाहिए कि कर्मचारी जब तक सर्विस करता है तब तक तो उसे मेडिकल सुविधा मिलती है इसके बाद सुविधाएं बंद हो जाती हैं जबकि जरूरत है मेडिकल सुविधाओं की बुढ़ापे पर जो नौकरी छूटने के बाद बंद हो जाती हैं। यह सुविधा भी जीवन पर्यंत लागू रहना चाहिए।

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  8. इस सरकार को सिर्फ जनता को मूर्ख बनाने के अलावा कोई काम नहीं है
    पेंशन के नाम पर ऐसा करते हैं जैसे इसके घर से पैसे जा रहे हो यह कभी जनता की भलाई के हितेषी नहीं हो सकते आम जनता को निचोड़ने में लगे हुए हैं

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  9. माननीय मोदीजी हम ग़रीबों की ओर थोड़ा आपका ध्यान आया तो बुढ़ापा ठीक से गुजर जायेगा अन्यथा तो ठोकरों में जीवन जारहा हे। जय श्री राम।

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  10. सरकार जवळ जर पैसे शिल्लक नसती तर सगळ्या खासदारांची पेन्शन व पगार कमी करून ती रक्कम eps 95 pension साठी वापरावी. यांच्या पगारासाठी येतात पैसे पेन्शन साठी नाहीत. यांची पेन्शन अगोदर बंद करा मग समजेल त्यांना काय हाल होतात ते ,30-35 वर्ष service करून 1000 देतात आणि हे 5 वर्षात लाखात पेन्शन घेतायेत. जनतेचे सेवक आहेत की देशाचे लुटारू. मतलबी कुठले.

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