EPS 95 पेंशन में बड़ा अपडेट: क्या मिलेगी ₹7500 न्यूनतम पेंशन, जानिए पेंशनभोगियों की घटती संख्या का असर

ईपीएस 95 के तहत पेंशनभोगियों की मांगें बढ़ीं, सरकार की चुप्पी से नाराजगी। महंगाई और जीवन यापन के दबाव के बीच, क्या बजट 2025 लाएगा राहत?

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Written by Rohit Kumar

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EPS 95 पेंशन में बड़ा अपडेट: क्या मिलेगी ₹7500 न्यूनतम पेंशन, जानिए पेंशनभोगियों की घटती संख्या का असर

कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (Employee Pension Scheme 1995) के तहत न्यूनतम पेंशन ₹7500 किए जाने की मांग एक बार फिर सुर्खियों में है। पेंशनभोगियों का कहना है कि मौजूदा समय में ₹1000 की न्यूनतम पेंशन किसी भी रूप में जीवनयापन के लिए पर्याप्त नहीं है। आगामी बजट 2025 में इस विषय पर कोई घोषणा होगी या नहीं, यह सवाल अभी अनुत्तरित है। हालांकि, सरकार की ओर से पहले भी इस मुद्दे पर कई बार वादे किए गए हैं, लेकिन पेंशनभोगियों का मानना है कि इन वादों का हकीकत में कोई असर नहीं दिखा।

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पेंशनभोगियों की नाराजगी और उनकी मांगें

ईपीएस 95 (EPS 95) के तहत पेंशन प्राप्त करने वाले कई पेंशनभोगियों ने अपनी नाराजगी जताई है। पेंशनभोगी रामकृष्ण पिल्लई ने कहा, “मैं सरकार पर तब तक भरोसा नहीं करूंगा जब तक मुझे ईपीएस 95 के तहत न्यूनतम ₹7500 पेंशन नहीं मिलती। यह सरकार वादे करके उन्हें पूरा करने में असफल रही है।”

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उन्होंने 22 दिसंबर 2018 की एक घटना का जिक्र करते हुए बताया कि उस समय संसद में निजी सदस्य विधेयक पर नौ घंटे की चर्चा के बाद सरकार ने एक उच्च शक्ति समिति गठित करने का आश्वासन दिया था। उस समिति ने न्यूनतम पेंशन को ₹1000 से बढ़ाकर ₹2000 करने की सिफारिश की थी, लेकिन इसे लागू नहीं किया गया।

महंगाई और वेतन वृद्धि का दबाव

पिछले दस वर्षों में महंगाई और वेतन वृद्धि के बावजूद पेंशन योग्य वेतन सीमा को ₹15000 तक बढ़ाने का कोई प्रयास नहीं किया गया है। इस योजना की शुरुआत करने वाली कांग्रेस पार्टी भी इस विषय पर चुप्पी साधे हुए है। पेंशनभोगियों का कहना है कि सरकार के इस रवैये ने उन्हें असहाय बना दिया है।

पेंशनर सुखेंदु मंडल ने कहा, “ऐसा लगता है कि सरकार वृद्ध पेंशनभोगियों की संख्या कम होने का इंतजार कर रही है, ताकि भविष्य में पेंशन वृद्धि का कोई दावा ही न बचे।”

ईपीएफओ और पेंशन फंड पर उठे सवाल

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के तहत पेंशन फंड में योगदान देने वाले पेंशनभोगियों ने संगठन की पारदर्शिता पर भी सवाल उठाए हैं। पेंशनभोगी हराधन बनर्जी ने पूछा कि आखिर उनका पेंशन फंड कहां जा रहा है। वहीं, पीके कपूर ने कहा कि मौजूदा पेंशन प्रणाली में कोई तर्कसंगतता नहीं दिख रही है।

उन्होंने कहा, “पेंशन वृद्धि की मांग करना हमारे अधिकारों का हिस्सा है, लेकिन सरकार इस पर ध्यान देने को तैयार नहीं है।”

बजट 2025 से पेंशनभोगियों को उम्मीदें

आगामी बजट 2025 से पेंशनभोगियों को उम्मीद है कि सरकार इस बार न्यूनतम पेंशन बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाएगी। हालांकि, पिछले अनुभवों को देखते हुए पेंशनभोगियों के मन में निराशा का भाव भी है। उनका कहना है कि सरकार ने पहले भी वादे किए, लेकिन उन्हें लागू करने में असफल रही।

सरकार और राजनीतिक दलों की चुप्पी

पेंशनभोगियों का आरोप है कि सभी राजनीतिक दल इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं। पेंशन योजना की शुरुआत करने वाली कांग्रेस पार्टी भी इस विषय पर कोई स्पष्ट रुख नहीं दिखा रही है। पेंशनभोगी इस बात को लेकर नाराज हैं कि उनके मुद्दे को बार-बार अनदेखा किया जा रहा है।

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