8वें वेतन आयोग का तोहफा! कम्युटेशन पेंशन बहाली अब 15 की बजाय 12 साल में

केंद्रीय कर्मचारी चाहते हैं कि कम्युट पेंशन बहाली का समय 15 साल से घटाकर 12 साल किया जाए। यह बदलाव सेवानिवृत्त जीवन को कैसे बदल सकता है, जानिए इस लेख में।

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Written by Rohit Kumar

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8वें वेतन आयोग का तोहफा! कम्युटेशन पेंशन बहाली अब 15 की बजाय 12 साल में

केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों ने एक बार फिर से सरकार के समक्ष कम्युट की गई पेंशन (Commuted Pension) की बहाली की अवधि को 15 साल से घटाकर 12 साल करने की मांग को प्राथमिकता से उठाया है। यह चर्चा केंद्रीय बजट 2025 के करीब आने के साथ ही फिर से तूल पकड़ रही है। इस प्रस्ताव को लेकर कर्मचारियों और यूनियनों ने सरकार से गुहार लगाई है कि यह कदम न केवल वित्तीय न्याय सुनिश्चित करेगा, बल्कि पेंशनभोगियों के जीवन स्तर में भी सुधार करेगा।

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कम्युट पेंशन बहाली पर उठे सवाल

वर्तमान में, सरकार पेंशन की कम्युट की गई राशि को सेवानिवृत्ति के 15 साल बाद पुनः बहाल करती है। हालांकि, नेशनल काउंसिल जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (NC JCM) के स्टाफ साइड के सचिव गोपाल मिश्रा ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखे पत्र में इस समयावधि को घटाकर 12 साल करने की मांग की है।

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गोपाल मिश्रा के अनुसार, सरकार 11 साल के भीतर ब्याज सहित कम्युट पेंशन की राशि वसूल कर लेती है। ऐसे में पेंशनभोगियों से 15 साल तक वसूली जारी रखने का कोई औचित्य नहीं है। इसके अलावा, कई राज्य सरकारें पहले ही 12 साल की अवधि में कम्युट पेंशन बहाल करने का नियम लागू कर चुकी हैं।

पेंशन कम्युटेशन नियम: सुधार की आवश्यकता

केंद्रीय कर्मचारियों के प्रतिनिधियों का कहना है कि कम्युट पेंशन की बहाली की समय सीमा को घटाने की मांग नई नहीं है। 5वें वेतन आयोग ने भी इस संबंध में सिफारिश की थी कि पेंशन बहाली का समय 12 साल तक सीमित किया जाना चाहिए।

वर्तमान संदर्भ में, केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन कम्युटेशन) नियम, 1981 में संशोधन की जरूरत महसूस की जा रही है। इन नियमों के तहत, 15 साल की अवधि को तय किया गया था, लेकिन तब से अब तक ब्याज दर, जीवन प्रत्याशा, और वित्तीय जोखिम जैसे कारक काफी बदल चुके हैं।

वित्तीय असमानता का मुद्दा

कर्मचारी संघों ने यह भी तर्क दिया है कि वर्तमान कम्युटेशन नीति से वित्तीय असमानता पैदा हो रही है। केंद्रीय कर्मचारी समाप्त पेंशन पर 8% ब्याज का भुगतान करते हैं, जबकि एलआईसी और अन्य संस्थानों के पेंशनभोगी 6.1% की दर पर ब्याज चुकाते हैं। यह अंतर सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए अनुचित वित्तीय बोझ का कारण बनता है।

सरकार से उम्मीदें और बजट 2025 का महत्व

NC JCM और अन्य केंद्रीय कर्मचारी यूनियनों ने वित्त मंत्रालय से कम्युटेशन टेबल में बदलाव और 12 साल में पेंशन बहाली का प्रस्ताव लागू करने की अपील की है। उनका कहना है कि यह कदम न केवल कर्मचारियों की वर्तमान जरूरतों को पूरा करेगा, बल्कि उन्हें मानसिक और आर्थिक राहत भी प्रदान करेगा।

केंद्रीय बजट 2025 के मद्देनजर, यह मुद्दा महत्वपूर्ण हो गया है। कर्मचारियों और विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह मांग पूरी होती है, तो यह न केवल कर्मचारियों के हित में होगा, बल्कि उनके सेवानिवृत्ति जीवन को भी सुरक्षित बनाएगा।

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