नई दिल्ली: कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (EPS 95) के तहत न्यूनतम पेंशन को 7500 रुपए करने की मांग जोर पकड़ रही है। पेंशनभोगियों की यह मांग लंबे समय से चली आ रही है, लेकिन अब सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को लेकर पेंशनभोगियों में गहरा आक्रोश दिखाई दे रहा है। वे अपनी आवाज़ को श्रम मंत्रालय, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO), और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंचाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं।
सोशल मीडिया पर पेंशनर्स की भड़ास
पेंशनभोगियों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अपनी नाराजगी खुलकर जाहिर की है। कई वर्षों से कोर्ट में याचिकाएं दायर होने के बावजूद, पेंशन में वृद्धि नहीं होने पर वे सवाल उठा रहे हैं। जॉन सी. सानंदम ने लिखा, “भारत सरकार को पेंशन बढ़ाने के लिए कई याचिकाएं कोर्ट में दायर की गईं, लेकिन कई सालों तक इंतजार के बाद भी पेंशनभोगियों के लिए कुछ नहीं किया गया। कई बुजुर्ग पेंशनभोगी वेतन वृद्धि पाने के इंतजार में ही दुनिया छोड़ गए।”
पेंशन वृद्धि की मांग को लेकर आक्रोश
पेंशनभोगियों का गुस्सा इस बात पर भी है कि यह मुद्दा सदन में बार-बार उठाया जाता है, लेकिन परिणाम ‘शून्य’ ही रहता है। देवराज जोसेफ ने कमेंट में लिखा, “EPS पेंशनभोगियों की पेंशन वृद्धि के मुद्दे को सदन में कब तक दोहराया जाना चाहिए? ‘ज़ुमला पीएम’ इस मामले पर प्रतिक्रिया क्यों नहीं दे रहे हैं?”
सरकार पर लगे आरोप
पेंशनभोगियों ने सरकार और EPFO पर आरोप लगाए हैं कि वे केवल अपने लाभ के लिए काम कर रहे हैं और पेंशनभोगियों की समस्याओं को अनदेखा कर रहे हैं। गौतम नामक एक पेंशनर ने लिखा, “EPS 95 से संबंधित सभी पेंशनभोगी कर्मचारी EPFO से पैसे लेने का वादा करें। सरकार की जरूरत पूरी हो रही है, लेकिन कर्मचारियों को उसका लाभ पेंशन के रूप में नहीं मिल रहा है।”
मोदी सरकार पर सवाल
मुकेश अवस्थी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए लिखा, “यह दुर्भाग्य की बात है कि श्री नरेंद्र मोदी जैसा यशस्वी प्रधानमंत्री ने EPF 95 के तहत सेवानिवृतों की न्यूनतम पेंशन 1000 रुपए करने का श्रेय लिया है, जबकि यह फैसला 2013 में कांग्रेस सरकार ने लिया था।
मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र में बनी सरकार से उम्मीद थी कि वे इंसाफ करेंगे और कोश्यारी कमेटी की सिफारिशें लागू करेंगे.. चुनाव के दौरान सभी भाजपा नेताओं ने पेंशनरों से वादा भी किया था कि केंद्र में भाजपा की सरकार बनी तो एक महीने में ही कोश्यारी कमेटी की सिफारिशें लागू करेगी.. लेकिन मोदी जी ने कांग्रेसी सरकार के उसी फैसले को लागू किया, जो कांग्रेस ने कोश्यारी कमेटी की सिफारिशों को दरकिनार कर किया था.. यह तो भाजपा के लिए शर्म की बात होनी चाहिए. लेकिन मोदी जी ने शान बघारते हुए इस कांग्रेसी फैसले को लागू करने का श्रेय ले रहे हैं..
आगे की राह
EPS 95 पेंशनभोगियों की न्यूनतम पेंशन को 7500 रुपए करने की मांग अब एक गंभीर मुद्दा बन गई है। पेंशनभोगियों का गुस्सा और निराशा सोशल मीडिया पर स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है। वे चाहते हैं कि सरकार उनकी मांगों को सुने और जल्द से जल्द इस पर कार्रवाई करें। इस मुद्दे पर पीएम मोदी और श्रम मंत्रालय की प्रतिक्रिया का अब सभी को बेसब्री से इंतजार है।
Lag raha hai ki epf 95 ko hire pension jinda rahne tak nhi milegi.
Pension badhane ke liye voting se pehele bjp ne zumla pheka tha.
EPS-95 पेन्शन की न्यूनतम सीमा वर्ष 2014 में रूपये 1000/_ मात्र निर्धारित करी गई थी अब 10 वर्ष बाद 2024 में इस योजना में पेन्शन की न्यूनतम सीमा रूपये 10000/_ मात्र प्रतिमाह कर दी जानी चाहिए।
क्या मोदी जी पेन्सनर्श के हक काटकर भारत को विश्व की तीसरी आर्थिक इकोनोमी बना रहे हैं न तो नोशनल इन्क्रीमेंट न 65 वर्ष की आयु पर 5% न कम्यूटेटिक कटौती का हिसाब किताब अच्छा है 65 से 70 वर्ष में यूँ ही टपक लेते हैं वरिष्ठ नागरिक आपकी बचत भी तथा जनसंख्या नियंत्रण भी ऑटोमेटिक आप तो 80 करोड़ को फ्री में खिलाये जाओ फिर भी वो ह ..मी आपको वोट नहीं देते हम दुनिया को समझाते समझाते मर रहे हैं मोदी इज द फ्यूचर आफ भारत
It seems that after my death the EPS 95 pension might increse provided there is a non-BJP govt.
Modi ji aur unke ministers to sabhi benefit chaiye aur jo employees din raat ek karke govt.ka kam karte hai onto only 1000/pension aur ministers ko other benefits ke sath lakho rs.pension vare loktanter
Right
सरकार फ्री की घोषणा तो वोट बैंक के लिए बहुत करती हैं
लेकिन वरिष्ठ नागरिकों को उनके जीवनयापन के लिए ईपीएफ पैंशन को नहीं बढ़ा रही हैं
सरकार की चुनावो के बाद नियत बदल जाती हैं।
पूरा देश कहता है कि मोदी जी यशस्वी प्रधान मंत्री हैं तो एक देश का यशवी प्रधान मंत्री रिटायर बजुर्गो का अपना निजी हक जो कि केवल उनके बुढ़ापे का सहारा है उन्होंने अपनी तनखाह से पैसा पैसा जोड़ कर पैंशन फंड में कटवाया है उनकी पैंशन का हिस्सा काट कर अमीरों में बांट रहा है 2014 में हमने सोचा था मोदी जी आए हैं और उन्होंने कहा था कि अच्छे दिन आयेंगे अब हम सब बहुत खुश हुए थे लेकिन मोदी जी अच्छे दिनों को देखते देखते हम में से कई बाजुर्ग दुनियां भी छोड़ गए लेकिन मोदी जी ने हमारा हक नहीं दिया, यह हमारा अपना हक है कोई भीख नहीं है
Pension fund five lakh ten lakh hone par one’ thausend pension mile to kia hisab se byaj milta hai usashe achha hai poora Pasha nikal ke fics diposit kar dena chahiye
Government schemes free ration,free electricity, free water, free gas,free medical and others all are running through money by the people of the people to the people. But why government is not taking interest of the
senior citizen . As per as government pension is concern minister are not eligible for that, but why they are not stopping their own pension???.
Pension Jaldi se Jaldi 7500/Rs Ki Jaye Nahin Tohh Sare Netaaon Ki Pension Band Ki Jaye.
सभी ने सोचा था कि मोदी जी के आने के बाद अच्छे दिन आयेंगे लेकिन सरकारी कर्मचारियों के साथ जो हो रहा है वह ठीक नही हैं इसका खामियाजा उनको देखने को अगले विधान सभा के इलेक्शन में मिल सकता है जो भी पार्टी कर्मचारियों के पेंशन लागू करेगी उसे ही सपोर्ट किया जाएगा ।