EPS 95 Pension: पेंशनहोल्डर्स के संगठन EPS-95 राष्ट्रीय आंदोलन समिति (NAC) ने शुक्रवार को जानकारी दी कि केंद्र सरकार ने अधिक पेंशन की मांग पर विचार करने का आश्वासन दिया है। ईपीएस-95 योजना के तहत आने वाले करीब 78 लाख पेंशनभोगी लंबे समय से न्यूनतम मासिक पेंशन को बढ़ाकर ₹7,500 करने की मांग कर रहे हैं।
समिति ने बताया कि केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मंसुख मांडविया ने उनके प्रतिनिधियों से मुलाकात कर पेंशनधारकों की समस्याओं को हल करने के लिए जरूरी कदम उठाने का भरोसा दिया है। यह बैठक दिल्ली में बुधवार को एक विरोध प्रदर्शन के बाद हुई, जिसमें देशभर से आए पेंशनधारकों ने अपनी आवाज बुलंद की।
केवल ₹1,450 औसत मासिक पेंशन पर जीवन यापन
ईपीएस-95 पेंशनधारकों की शिकायत है कि उन्हें औसतन सिर्फ ₹1,450 मासिक पेंशन मिल रही है, जो इस महंगाई के दौर में पर्याप्त नहीं है। समिति के अनुसार, लगभग 36 लाख पेंशनधारक ऐसे हैं, जिन्हें केवल ₹1,000 या उससे भी कम पेंशन मिलती है। यह स्थिति पेंशनधारकों के लिए वित्तीय संकट का कारण बन रही है।
ईपीएस-95 एनएसी के अध्यक्ष अशोक राउत ने कहा कि नियमित पेंशन फंड में दीर्घकालिक योगदान के बावजूद इतनी कम पेंशन से बुजुर्ग दंपतियों के लिए दैनिक जीवन की जरूरतों को पूरा करना मुश्किल हो जाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान पेंशन राशि वृद्धावस्था में गरिमापूर्ण जीवन जीने की न्यूनतम आवश्यकता को भी पूरा नहीं करती है।
विरोध प्रदर्शन के बाद सरकार ने दिया आश्वासन
बुधवार को आयोजित विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में पेंशनभोगियों ने हिस्सा लिया और सरकार से अपनी मांगों पर ध्यान देने की अपील की। प्रदर्शन के बाद, श्रम मंत्री ने प्रदर्शनकारियों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और समस्या का समाधान निकालने का भरोसा दिया।
अशोक राउत ने कहा, “श्रम मंत्री ने हमें बताया कि सरकार हमारी समस्याओं के प्रति गंभीर है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री इस मामले में व्यक्तिगत रुचि ले रहे हैं और जल्द ही कोई ठोस निर्णय लिया जाएगा।”
न्यूनतम पेंशन ₹7,500 के साथ महंगाई भत्ता की मांग
ईपीएस-95 एनएसी की प्रमुख मांग है कि न्यूनतम मासिक पेंशन ₹7,500 की जाए। साथ ही, इसमें महंगाई भत्ता जोड़ा जाए और पेंशनभोगियों के जीवनसाथी को मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जाएं।
राउत ने कहा, “यह सिर्फ वित्तीय सहायता की मांग नहीं है, बल्कि बुजुर्गों को गरिमापूर्ण जीवन जीने का अधिकार देने की अपील है।”
विपक्षी दलों का भी समर्थन
इस आंदोलन को विपक्षी दलों का भी समर्थन मिल रहा है। राउत ने बताया कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के कई सांसदों ने प्रदर्शन में भाग लिया और उनकी मांगों को समर्थन देने का आश्वासन दिया।
उन्होंने आगे कहा कि यह आंदोलन राजनीतिक नहीं है, बल्कि बुजुर्ग पेंशनभोगियों के जीवन को बेहतर बनाने की एक सामूहिक कोशिश है। समिति ने सरकार से जल्द से जल्द ठोस कदम उठाने की अपील की है।
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मौजूदा स्थिति का समाधान जरूरी
ईपीएस-95 योजना के तहत पेंशनभोगी लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं। मौजूदा औसत पेंशन न केवल अपर्याप्त है, बल्कि यह देश के वृद्ध नागरिकों के लिए एक बड़ा सामाजिक और आर्थिक मुद्दा बन चुकी है।
सरकार द्वारा दिए गए भरोसे के बाद पेंशनभोगियों को उम्मीद है कि जल्द ही उनकी मांगें पूरी होंगी। समिति ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो उनका आंदोलन और तेज होगा।
लाखो पेंशनर्स को राहत मिली
ईपीएस-95 पेंशनभोगियों की मांगें केवल वित्तीय राहत के लिए नहीं हैं, बल्कि यह उनकी गरिमा और अधिकारों का सवाल है। सरकार के आश्वासन से लाखों पेंशनधारकों को राहत तो मिली है, लेकिन अब यह देखना होगा कि इस दिशा में कब और क्या ठोस कदम उठाए जाते हैं।