EPS 95 (कर्मचारी पेंशन योजना, 1995) के तहत पेंशन भोगियों की समस्याओं और उनकी लंबित मांगों पर हाल के दिनों में महत्वपूर्ण बैठकों का आयोजन हुआ। लगभग 77 लाख ईपीएस 95 पेंशनर्स अपनी न्यूनतम पेंशन में वृद्धि की मांग कर रहे हैं, जिसमें प्रमुख मुद्दे न्यूनतम पेंशन 7500 रुपये प्रति माह, महंगाई भत्ते की समायोजन और चिकित्सा सुविधाएं शामिल हैं। इन मांगों पर केंद्र सरकार और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के साथ चर्चा की जा रही है
EPFO की पेंशनरों के साथ बैठक
27 अगस्त, 2024 को EPFO ने EPS 95 पेंशनरों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक आयोजित की। इस बैठक में केंद्रीय भविष्य निधि आयोग के प्रतिनिधि रमेश कृष्णमूर्ति ने पेंशनरों की समस्याओं को सुना और न्यूनतम पेंशन में वृद्धि, महंगाई भत्ता, और चिकित्सा सुविधाओं पर विस्तार से चर्चा की। इस बैठक में NSC (EPS 95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति) के अध्यक्ष अशोक रावत ने भी भाग लिया। उन्होंने 7500 रुपये की न्यूनतम पेंशन और पति-पत्नी को मुफ्त चिकित्सा सुविधा जैसी मांगें रखीं।
यह भी मांग की गई कि EPFO के पेंशन फंड में सरकार का अंशदान वर्तमान 1.16 प्रतिशत से बढ़ाया जाए, जबकि नई पेंशन योजना (NPS) में सरकार का अंशदान 18.5 प्रतिशत है। पेंशनरों ने इसे असमानता करार देते हुए मांग की कि EPS 95 में भी यह प्रतिशत बढ़ाया जाए।
वित्त मंत्रालय में चर्चा
30 अगस्त को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ भी EPS 95 पेंशनरों की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में भी पेंशन वृद्धि, महंगाई भत्ता, और चिकित्सा सुविधा के मुद्दे उठाए गए। वित्त मंत्री ने इस मुद्दे पर सकारात्मक रुख दिखाते हुए कहा कि सरकार वृद्ध पेंशनरों के प्रति संवेदनशील है और इस दिशा में उचित कदम उठाए जाएंगे।
पेंशनरों ने यह भी स्पष्ट किया कि वे वर्षों से इस मांग को उठा रहे हैं, परंतु कोई ठोस निर्णय न आने से उनमें रोष व्याप्त है। पेंशनरों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए ईपीएफओ के साथ एक और बैठक की योजना बनाई गई है, जिसमें समस्याओं का ठोस समाधान निकालने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे।
राहुल गांधी का समर्थन
EPS 95 पेंशनरों की मांगों को लेकर अब विपक्ष के नेता राहुल गांधी का समर्थन भी प्राप्त हो रहा है। पेंशनर्स ने राहुल गांधी को पत्र लिखकर उनकी आवाज़ उठाने की मांग की है। 10 अगस्त को राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर ध्यान दिया और पेंशनरों की मांगों का समर्थन किया। उन्होंने इस मुद्दे को मजदूर विरोधी सरकार के खिलाफ उठाने का आह्वान किया है।
EPS 95 पेंशनरों की समस्याओं पर हालिया बैठकों और राहुल गांधी के समर्थन के बाद उम्मीद की जा रही है कि सरकार जल्द ही इस मुद्दे पर कोई ठोस निर्णय लेगी। सरकार की इस पहल से पेंशनरों की लंबित मांगें पूरी होने की संभावना बढ़ गई है, जिससे उन्हें आर्थिक संकट से उबरने में मदद मिल सकती है।