
भारत में नौकरी करने वाले प्रत्येक कर्मचारी का पीएफ (Provident Fund) खाता होता है, जो कर्मचारी की सैलरी से एक हिस्सा हर महीने कटकर उसमें जमा होता है। यह राशि न केवल भविष्य में उपयोग के लिए एक संचित निधि होती है, बल्कि कुछ नियमों के तहत यह पेंशन का भी हिस्सा बन सकती है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा चलाए जाने वाली एंप्लाइज पेंशन स्कीम (EPS) के तहत कर्मचारियों को एक निश्चित सेवा अवधि और वेतन के आधार पर पेंशन दी जाती है। इस योजना के तहत, 10 साल की नौकरी पूरी करने के बाद पेंशन का लाभ लिया जा सकता है, लेकिन इसके लिए कुछ शर्तों को पूरा करना जरूरी होता है। आइए, जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।
10 साल की नौकरी पर मिलेगी पेंशन
ईपीएफओ द्वारा चलाए जाने वाली एंप्लाइज पेंशन स्कीम (EPS) कर्मचारियों को उनके सेवा काल और वेतन के आधार पर पेंशन प्रदान करती है। यह योजना 16 नवंबर 1995 से लागू हुई थी और इसके तहत किसी कर्मचारी को 10 साल की नौकरी पूरी करने पर पेंशन का हकदार माना जाता है। हालांकि, पेंशन केवल 58 साल की उम्र पूरी करने के बाद ही मिलने लगती है। यह एक महत्वपूर्ण शर्त है जिसे कर्मचारियों को ध्यान में रखना चाहिए।
EPS पेंशन के लाभ को प्राप्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण नियम है कि कर्मचारी को कम से कम 10 साल की नौकरी करनी होगी। यदि कोई कर्मचारी 10 साल से अधिक समय तक काम करता है, तो उसे पेंशन मिलने की संभावना बढ़ जाती है। लेकिन 10 साल से कम सेवा करने वाले कर्मचारियों को इस योजना का लाभ नहीं मिलता है।
पीएफ खाते में कैसे जमा होता है पैसा?
अगर आप किसी प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं, तो आपकी सैलरी का 12% हिस्सा हर महीने आपके पीएफ खाते में जाता है। इसमें से 8.33% हिस्सा पेंशन फंड में जाता है, जबकि 3.67% हिस्सा सामान्य पीएफ खाते में जमा होता है। इस तरीके से हर महीने कुछ राशि आपके भविष्य के लिए बचती रहती है, और यह राशि धीरे-धीरे बढ़ती रहती है। पीएफ का यह फंड रिटायरमेंट के बाद पेंशन के रूप में कर्मचारी के लिए काम आता है।
नौकरी में गैप होने पर क्या मिलेगा पेंशन?
अब सवाल यह उठता है कि अगर कर्मचारी की नौकरी बीच में चली जाए और बाद में उसे फिर से नौकरी मिल जाए, तो क्या वह पेंशन का हकदार रहेगा? इस बारे में EPFO के नियम स्पष्ट हैं। यदि आपने 10 साल की नौकरी पूरी की है और बीच में अगर आपकी नौकरी में गैप आता है, तो भी आपको पेंशन मिलने का अधिकार होगा। हालांकि, इसके लिए यह जरूरी है कि कर्मचारी ने अपना यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) नहीं बदला हो। अगर UAN नंबर एक ही रहेगा, तो पेंशन का हक जारी रहेगा और कर्मचारी के पहले के पीएफ अकाउंट से जुड़ी राशि भी उसी UAN नंबर से जुड़ी रहेगी।
पेंशन सर्टिफिकेट लेने का महत्व
अगर किसी कर्मचारी ने 10 साल की नौकरी छोड़ दी है और भविष्य में फिर से नौकरी करने की योजना बनाई है, तो उसे पेंशन सर्टिफिकेट लेना चाहिए। यह सर्टिफिकेट कर्मचारियों को भविष्य में पेंशन के लाभ को अपने नए रोजगार में जोड़ने में मदद करता है। जब आप नई नौकरी जॉइन करेंगे, तो आप इस सर्टिफिकेट के माध्यम से अपने पुराने पेंशन अकाउंट को अपने नए खाते से जोड़ सकते हैं।