EPS 95 पेंशनरों द्वारा न्यूनतम पेंशन को ₹7500 मासिक किए जाने की मांग को लेकर पिछले आठ वर्षों से संघर्ष जारी है। EPS 95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति (NAC) इस मुद्दे को विभिन्न दलों के सांसदों तक पहुंचा रही है। पेंशनरों की समस्याओं को लेकर ज्ञापन देने का सिलसिला जारी है, जिसमें कई सांसदों ने समर्थन जताया है।
बीजेपी, कांग्रेस, शिवसेना एनसीपी के कई सांसदों का समर्थन
NAC के अनुसार, उनके प्रयासों के परिणाम अब सामने आने लगे हैं। 31 जुलाई 2024 को दिल्ली के जंतर मंतर पर हुए आंदोलन में बीजेपी, कांग्रेस, शिवसेना, उद्धव शिवसेना, शिंदे एनसीपी और शरद पंवार आदि पार्टियों के 12 सांसद शामिल हुए। इन सांसदों ने धरना स्थल पर संबोधित करते हुए वायदा किया कि वे संसद में पेंशनरों की आवाज उठाएंगे और श्रम मंत्री व प्रधानमंत्री से मिलकर न्यूनतम पेंशन बढ़वाने का प्रयास करेंगे।
महाराष्ट्र में बैठक
महाराष्ट्र के सांसदों ने संसद भवन में एक बैठक की, जिसमें सभी पार्टियों के सांसद शामिल हुए। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के सभी 40 सांसद दलगत राजनीति से ऊपर उठकर पेंशनरों के हक की लड़ाई में साथ देंगे। उनका एक प्रतिनिधि मंडल प्रधानमंत्री से मिलकर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले इस समस्या का हल निकालने की अपील करेगा। महाराष्ट्र में EPS 95 पेंशनरों की संख्या बहुत अधिक है और इस मुद्दे का विधानसभा चुनाव पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा।
EPFO और CPF के साथ बैठक
पेंशनरों के दिल्ली में हो रहे आंदोलन के दौरान भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने समिति के नेताओं के साथ उच्च स्तरीय वार्ता की और रिपोर्ट सरकार के सम्मुख प्रस्तुत करने का आश्वासन दिया है। उत्तर प्रदेश के प्रांतीय अध्यक्ष ओम शंकर तिवारी और प्रांतीय महासचिव राजशेखर नागर ने बताया कि अब पेंशनर हर प्रकार का आंदोलन करने को तैयार हैं और उत्तर प्रदेश के 10 विधानसभा चुनाव क्षेत्र में भी अपनी सभाएं कर पेंशनरों को जागरूक करेंगे।
EPS 95 हायर पेंशन और पीएफ ट्रस्ट विवाद
EPS 95 हायर पेंशन को लेकर एक बार फिर चर्चा तेज हो गई है। पेंशनभोगी 7500 प्लस महंगाई भत्ते की मांग और हायर पेंशन मिलने में हो रही देरी को लेकर कई बार प्रदर्शन कर चुके हैं। जॉइंट ऑप्शन फॉर्म जमा किए जा चुके हैं और डिमांड लेटर भी जारी हुआ है। हालांकि, पीएफ ट्रस्ट के विवाद के कारण पेंशन मिलना मुश्किल हो रहा है। सरकार की ओर से इस मामले पर राहत की उम्मीद की जा रही है।
न्यूनतम पेंशन की मांग
EPS 95 के पेंशनभोगी, जिन्हें वर्तमान में न्यूनतम पेंशन 1000 मिल रही है, काफी लंबे समय से न्यूनतम पेंशन को ₹7500 और महंगाई भत्ते की मांग कर रहे हैं। मोदी सरकार द्वारा दो बार आश्वासन मिलने के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकला है। ऐसे में सरकार कर्मचारियों की मांगों को कब तक पूरा करती है, यह देखने वाली बात होगी।
जंतर मंतर पर बड़ा प्रदर्शन
31 जुलाई को जंतर मंतर पर NAC राष्ट्रीय संघ समिति के नेतृत्व में एक बड़ा आंदोलन हुआ। पेंशनभोगियों ने अपनी मांगों को लेकर अधिक से अधिक संख्या में वहां पहुंचकर प्रदर्शन किया। इन सभी घटनाक्रमों से स्पष्ट है कि EPS 95 पेंशनधारक अपनी मांगों को लेकर सक्रिय हैं और विभिन्न सांसदों और नेताओं से मिलकर अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं। आने वाले बजट सत्र में इन मांगों को सदन में उठाने के लिए जोर दिया जा रहा है।
Bhaut teekh hey.