EPFO Pension: ईपीएफओ सदस्यों को मिलती है 7 तरह की पेंशन, प्राइवेट जॉब वाले जान लें ये नियम

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को प्रॉविडेंट फंड, इंश्योरेंस और पेंशन की सुविधाएं प्रदान करता है। EPFO के तहत, कर्मचारियों को विभिन्न प्रकार के पेंशन लाभ मिलते हैं, जिससे उनकी वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित होती है।

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Written by Rohit Kumar

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EPFO सदस्यों को मिलती है 7 तरह की पेंशन, प्राइवेट जॉब वाले जान लें ये नियम

EPFO Pension: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) भारत में संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करता है, जिसमें प्रॉविडेंट फंड, इंश्योरेंस, और पेंशन शामिल हैं। EPFO की प्रमुख पहलों में कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) 1995 है, जो कर्मचारियों को उनकी सेवानिवृत्ति के बाद वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इस स्कीम के तहत, कर्मचारी और नियोक्ता दोनों का वेतन का एक निश्चित हिस्सा पीएफ फंड में योगदान करते हैं, जिसमें से कुछ हिस्सा पेंशन फंड में जाता है।

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कब मिलता है पेंशन का लाभ?

कर्मचारियों को इस पेंशन का लाभ उनके निरंतर सेवा के 10 वर्ष पूरे करने के बाद मिलता है, और यह पेंशन 58 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद शुरू होती है। हालांकि, विशेष परिस्थितियों में, जैसे कि अगर कोई कर्मचारी 50 वर्ष की आयु से पहले सेवानिवृत्त हो जाता है, तो उन्हें कम पेंशन मिलेगी जो कि उनकी सेवानिवृत्ति की उम्र से प्रत्येक वर्ष 4% कम होती जाएगी।

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पेंशन के प्रकार

EPFO के अंतर्गत विभिन्न प्रकार की पेंशन योजनाएं आती हैं, जो विभिन्न परिस्थितियों में लाभ प्रदान करती हैं:

  • सुपरएन्युएशन पेंशन: यह पेंशन उन कर्मचारियों को मिलती है, जिन्होंने 10 साल या उससे अधिक संगठित क्षेत्र में काम किया हो और 58 साल की उम्र में रिटायर हुए हों।
  • अर्ली पेंशन: यदि कोई कर्मचारी 58 साल से पहले रिटायर होता है और उसने 10 साल से अधिक नौकरी की है, तो वह अर्ली पेंशन का हकदार होता है। इसमें पेंशन राशि कम हो जाती है और उम्र से पहले पेंशन लेने पर हर साल 4% की दर से कटौती होती है।
  • विकलांगता पेंशन: यह पेंशन उन कर्मचारियों को मिलती है, जो अपने कार्यकाल के दौरान स्थायी रूप से विकलांग हो जाते हैं। इससे विकलांग कर्मचारियों को वित्तीय सहायता मिलती है।
  • विधवा और बच्चों की पेंशन: अगर किसी कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तो उसके जीवित जीवनसाथी और बच्चों को मंथली पेंशन मिलती है। विधवा या विधुर को जीवनभर पेंशन मिलती है, जबकि बच्चों को 25 साल की उम्र तक यह लाभ मिलता है।
  • अनाथ पेंशन: यदि कर्मचारी की मृत्यु के बाद उसके जीवनसाथी भी नहीं होते, तो बच्चों को अनाथ पेंशन मिलती है, जिससे उनकी शिक्षा और परवरिश में मदद होती है।
  • आश्रित माता-पिता की पेंशन: अगर कोई परिवार सदस्य न हो और कर्मचारी ने किसी को नामांकित नहीं किया हो, तो आश्रित माता-पिता इस पेंशन का लाभ उठा सकते हैं।
  • नॉमिनी पेंशन: अगर कर्मचारी की कोई संतान या जीवनसाथी नहीं है, तो उसके द्वारा नामित नॉमिनी को पेंशन मिलती है। इसमें माता-पिता भी शामिल हो सकते हैं।

पेंशन के लिए दावा कैसे करें?

EPF खाते से पेंशन प्राप्त करने के लिए फॉर्म 10D भरना होता है। यह फॉर्म EPFO द्वारा जारी किया जाता है और इसके माध्यम से कर्मचारी पेंशन योजना के तहत मासिक पेंशन का दावा किया जा सकता है। कर्मचारी की मृत्यु होने की स्थिति में, परिवार के सदस्य, जैसे जीवनसाथी, बच्चे या माता-पिता, इस फॉर्म को भरकर पेंशन का दावा कर सकते हैं।

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