EPFO: इस राज्य के 13 जिलों में EPFO से जुड़े 5.5 लाख कर्मचारी, संविदा पर काम कर रहे कर्मी भी शामिल, जाने डिटेल

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) बिहार के 13 जिलों के कर्मचारियों के वेतन से भविष्य निधि जमा कर रहा है। कंपनियों के पंजीकरण और शिविरों द्वारा जागरूकता बढ़ाई जा रही है। पेंशन और समस्याओं के समाधान के लिए क्षेत्रीय कार्यालय भी स्थापित हैं।

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Written by Rohit Kumar

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EPFO: इस राज्य के 13 जिलों में EPFO से जुड़े 5.5 लाख कर्मचारी, संविदा पर काम कर रहे कर्मी भी शामिल

बिहार के 13 जिलों के लगभग साढ़े पांच लाख कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित करने के उद्देश्य से कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। मुजफ्फरपुर के अलावा सीवान, वैशाली, गोपालगंज, पूर्वी चंपारण, शिवहर, छपरा, सीतामढ़ी, दरभंगा, मधुबनी, बेगूसराय, समस्तीपुर और पश्चिमी चंपारण जिलों के कर्मचारी इस योजना के तहत कवर किए जा रहे हैं। इसमें निजी कंपनियों में काम कर रहे कर्मचारी और सरकारी विभागों में संविदा पर कार्यरत कर्मी भी शामिल हैं।

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वेतन से कटौती और योगदान

EPFO के तहत काम कर रहे कर्मचारियों के वेतन का एक निश्चित हिस्सा भविष्य निधि खाते में जमा होता है। यह न केवल कर्मचारी के वेतन से कटौती के रूप में जमा होता है, बल्कि नियोक्ता भी उतनी ही राशि का योगदान देता है। इस प्रक्रिया का उद्देश्य कर्मचारियों को उनके सेवानिवृत्ति के बाद एक वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है।

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कंपनियों के लिए अनिवार्य पंजीकरण

कंपनियों और कर्मचारियों के बीच EPFO के महत्व को बढ़ाने के लिए संगठन द्वारा नियमित रूप से जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। हर महीने की 27 तारीख को संगठन द्वारा एक शिविर आयोजित किया जाता है, जिसमें उन कंपनियों को पंजीकरण कराने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, जिनमें 20 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं। यह पंजीकरण आवश्यक है ताकि कर्मचारियों के वेतन का एक हिस्सा उनके भविष्य निधि खाते में जमा किया जा सके। यह न केवल कर्मचारी के लिए लाभदायक है, बल्कि नियोक्ता के लिए भी यह एक जिम्मेदारी का संकेत है।

साढ़े नौ साल की सेवा पर प्रमाण-पत्र जारी

एक महत्वपूर्ण विशेषता जो EPFO प्रदान करता है वह यह है कि जिन कर्मचारियों ने किसी कंपनी में साढ़े नौ वर्ष तक सेवाएं दी हैं, उन्हें संगठन से एक आधिकारिक प्रमाण-पत्र प्राप्त होता है। यह प्रमाण-पत्र उनकी सेवा और योगदान की पहचान करता है। पेंशन की प्रारंभिक राशि कर्मचारी के प्रोविडेंट फंड में जमा धनराशि पर निर्भर करती है, और इसकी शुरुआत तब होती है जब कर्मचारी की आयु 58 वर्ष हो जाती है। EPFO ने न्यूनतम पेंशन के रूप में एक हजार रुपये की राशि निश्चित की है, जिससे कर्मचारियों को वित्तीय सुरक्षा की गारंटी मिलती है।

समस्या समाधान के लिए क्षेत्रीय कार्यालय

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए क्षेत्रीय स्तर पर भी व्यवस्था की है। मुजफ्फरपुर के कंपनीबाग स्थित दूरसंचार विभाग परिसर में संगठन का क्षेत्रीय कार्यालय शिफ्ट किया गया है। इस कार्यालय में आने वाले कर्मियों की समस्याओं का समाधान किया जाता है, जिससे उन्हें अपनी वित्तीय और पेंशन संबंधित परेशानियों का तत्काल निवारण प्राप्त होता है।

निष्कर्ष

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) बिहार के हजारों कर्मचारियों के लिए एक मजबूत वित्तीय सुरक्षा का ढांचा तैयार कर रहा है। चाहे वह वेतन का एक हिस्सा हो जो भविष्य निधि खाते में जमा हो रहा है, या फिर पेंशन योजना के माध्यम से भविष्य में मिलने वाली आर्थिक सहायता, EPFO का उद्देश्य कर्मचारियों को उनकी सेवानिवृत्ति के बाद एक सुरक्षित जीवन प्रदान करना है।

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