EPF Withdrawal: PF खाते से पैसा निकालने पर भी देना पड़ सकता है टैक्‍स, कब और क्यों? जानिए

EPF Withdrawal: आज के समय हर नौकरीपेशा व्यक्ति रिटायरमेंट के बाद खुद को वित्तीय तौर पर सुरक्षित रखने के लिए PF में निवेश करता है।

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Written by Rohit Kumar

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EPF Withdrawal: आज के समय हर नौकरीपेशा व्यक्ति रिटायरमेंट के बाद खुद को वित्तीय तौर पर सुरक्षित रखने के लिए PF में निवेश करता है। वहीं ऐसी कंपनियां जहां 20 या उससे अधिक कर्मचारी काम करते हैं, उनका कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) में रजिस्ट्रेशन होना जरूरी है।

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EPF Withdrawal : पीएफ खाते से पैसा निकालने पर भी देना पड़ सकता है टैक्‍स, कब और क्‍यों? जानिए

ऐसे में सभी संगठित क्षेत्र के अधिकतर लोगों का PF कटता है। PF एक तरह का फंड है जिसमें कर्मचारी और कंपनी दोनों ही हर महीने निवेश करते हैं, जब PF फंड मैच्योर हो जाता है तब कर्मचारी को एकमुश्त राशि और मासिक पेंशन का लाभ मिलता है।

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हालांकि EPFO के नियमों के तहत कुछ मामलों में कर्मचारी समय से पहले भी अपने अकाउंट से आंशिक निकासी कर सकते हैं। लेकिन बहुत से कर्मचारी इस बात से अनजान रहते हैं की PF अकाउंट से निकासी करने पर टैक्स भी देना पड़ सकता है। तो चलिए जानते है EPF Withdrawal पर कब और क्यों देना होगा आपको टैक्स से जुड़ी पूरी जानकारी।

क्या हैं टैक्स चुकाने को लेकर नियम

बता दें EPFO नियमों के हिसाब से यदि कर्मचारी नियमित रूप से पांच साल तक EPF में कंट्रीब्यूशन देता है, तो उन्हें कोई टैक्स नहीं देना पड़ता। हालांकि इसके बीच में आपने एक ही कंपनी में काम किया है या एक से अधिक इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।

वहीं यदि आपने इन 5 सालों तक कोई काम नहीं किया है और अपने अकाउंट से पैसे निकाल रहे हैं तो आपको इस स्थिति में टैक्स चुकाना पड़ सकता है। जबकि कुछ परिस्थितियों जैसे कर्मचारी की तबीयत खराब होना, कारोबार बंद होना या किसी कारण नौकरी छूट जाना तो इसमें उन्हें पांच साल से पहले निकासी पर टैक्स छूट का लाभ मिल जाता है।

कब देना होगा टैक्स

कर्मचारी के PF में योगदान को 5 साल पूरा होने से पहले पैसें निकालने पर टैक्स लागू होता है, यह टैक्स आपके द्वारा जिस वर्ष अकाउंट से पैसे निकाले जाते हैं उसी वर्ष देना होता है। वहीं जिस वर्ष आप PF में योगदान देते हैं उसी वर्ष आपकी कुल आमदनी पर लागू टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स की गणना की जाएगी।

जमा राशि के चार हिस्सों पर देना होगा टैक्स

बता दें PF में जमा रकम के चार हिस्से होते हैं जिसमें कर्मचारी का अंशदान, नियोक्ता का अंशदान, एंप्लॉटर के कंट्रीब्यूशन पर मिलने वाला ब्याज और कर्मचारी के कंट्रीब्यूशन पर मिलने वाला ब्याज। ऐसे में कर्मचारी के 5 साल से पहले PF में जमा राशि निकालने पर सभी चारों हिस्सों पर टैक्स लगता है।

जाने टैक्स की देनदारी की मुख्यता

PF अकाउंट में कर्मचारी के कंट्रीब्यूशन पर देनदारी मुख्यता दो बातों पर निर्भर करती है। जिनमें यदि कर्मचारी अपने कंट्रीब्यूशन पर आयकर अधिनियम 1961 के 80सी के तहत मिलने वाले टैक्स छूट का लाभ उठाता है तो उसके PF कंट्रीब्यूशन को सैलरी का एक हिस्सा माना जाएगा।

वहीं यदि वह 80 सी के तहत डेडक्शन का लाभ नहीं ले रहे हैं तो कर्मचारी का कंट्रीब्यूशन को टैक्स के दायरे में नहीं आएगा। हालांकि कर्मचारी का कंट्रीब्यूशन और उसपर मिलने वाला ब्याज उसकी सैलरी का ही हिस्सा माना जाता है।

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