EPF पर खुशखबरी! अब मिलेगा ज्यादा ब्याज – जानें नई गाइडलाइंस और कैसे बढ़ेगा आपका फंड

EPF Interest Update में संशोधन से अब खाताधारकों को उनके बैलेंस पर अंतिम निपटान तक ब्याज मिलेगा। यह नियम वित्तीय स्थिरता बढ़ाने और अतिरिक्त लाभ प्राप्त करने का एक उत्कृष्ट अवसर प्रदान करता है।

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Written by Rohit Kumar

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EPF पर खुशखबरी! अब मिलेगा ज्यादा ब्याज – जानें नई गाइडलाइंस और कैसे बढ़ेगा आपका फंड

कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) खाताधारकों के लिए यह खबर राहत लेकर आई है। अब उनके EPF बैलेंस पर ब्याज अंतिम निपटान की तारीख तक दिया जाएगा। पहले यह ब्याज केवल उस महीने के अंत तक दिया जाता था, जो निपटान की प्रक्रिया से पहले का था। इस परिवर्तन से सदस्य अब तक खो रहे अतिरिक्त ब्याज को प्राप्त कर पाएंगे, जिससे उनके रिटायरमेंट फंड में बढ़ोतरी होगी।

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नए नियम की स्वीकृति और प्रभावी प्रक्रिया

EPF योजना 1952 के पैरा 60(2)(b) में संशोधन का प्रस्ताव केंद्रीय न्यासी बोर्ड द्वारा पारित कर दिया गया है। यह संशोधन तब प्रभावी होगा जब सरकार इसे गजट अधिसूचना के माध्यम से लागू करेगी।

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इस परिवर्तन के माध्यम से, खाताधारकों को उनके संचित बैलेंस पर न केवल अधिक ब्याज मिलेगा, बल्कि यह उनके वित्तीय भविष्य को मजबूत करने में मदद करेगा।

अतिरिक्त ब्याज का उदाहरण

यदि किसी सदस्य के खाते में ₹1 करोड़ की राशि है और वह 20 तारीख को अंतिम निपटान का आवेदन करता है, तो 8.25% ब्याज दर के अनुसार उसे 20 दिनों का अतिरिक्त ब्याज ₹44,355 मिलेगा। इसी तरह, ₹2 करोड़ के बैलेंस पर यह ब्याज ₹88,710 होगा। यह बदलाव खाताधारकों के लिए बहुत बड़ा लाभ साबित होगा।

नए नियम कब लागू होंगे?

यह नया नियम विशेष स्थितियों में पूर्ण EPF निकासी पर लागू होगा, जैसे:

  • 55 वर्ष की आयु के बाद सेवा से सेवानिवृत्ति।
  • विकलांगता के कारण सेवानिवृत्ति।
  • विदेश में रोजगार के लिए जाना।
  • दो महीने की बेरोजगारी के बाद EPF खाता बंद करना।

निष्क्रिय खातों पर ब्याज का नियम

यदि किसी सदस्य ने सेवानिवृत्ति के बाद अपने EPF खाते से निकासी नहीं की, तो खाता तीन वर्षों तक सक्रिय रहेगा और उस पर ब्याज मिलता रहेगा। तीन वर्षों के बाद खाता निष्क्रिय हो जाएगा, और उस पर ब्याज मिलना बंद हो जाएगा।

EPF पर कर नियम और लाभ

EPF खाते पर अर्जित ब्याज तब तक कर मुक्त होता है, जब तक कि सदस्य का योगदान सक्रिय हो। हालांकि, सेवानिवृत्ति के बाद जमा ब्याज कर योग्य हो जाता है। यदि कोई सदस्य 58 वर्ष की उम्र के बाद काम करता है, तो EPF योगदान जारी रहेगा, लेकिन EPS (कर्मचारी पेंशन योजना) में योगदान बंद हो जाएगा।

EPS में पेंशन की गणना

EPS पेंशन का निर्धारण एक फार्मूले के आधार पर किया जाता है:
योगदान के वर्षों की संख्या × अंतिम पाँच वर्षों का औसत वेतन (₹15,000 की सीमा) ÷ 70।
35 वर्षों के योगदान पर अधिकतम ₹7,500 मासिक पेंशन प्राप्त हो सकती है। न्यूनतम पेंशन ₹1,000 तय की गई है।

EPF और VPF का लाभ

EPF में योगदान के लिए धारा 80C के तहत ₹1.5 लाख तक की कर छूट मिलती है। कर्मचारी VPF (स्वैच्छिक भविष्य निधि) में भी योगदान कर सकते हैं, जिस पर ब्याज दर EPF के समान रहती है। यह राशि कर मुक्त है, हालांकि ₹2.5 लाख से ऊपर के योगदान पर आयकर लागू होता है।

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