
EPF यानी कर्मचारी भविष्य निधि (Employees’ Provident Fund) से जुड़ी एक लापरवाही आपको भारी नुकसान में डाल सकती है। खासकर अगर आप Private Sector में काम करते हैं और एक से दूसरी नौकरी में शिफ्ट हो रहे हैं, तो PF Transfer प्रक्रिया को हल्के में लेना महंगा साबित हो सकता है। हाल ही में एक मामला सामने आया है, जिसमें एक कर्मचारी की 15 साल की नौकरी एक छोटी सी गलती के कारण रिकॉर्ड से गायब हो गई।
Exempted Trust वाली कंपनियों में होती है तकनीकी जटिलता
यदि आप ऐसी कंपनी में काम करते हैं, जिसका अपना PF Trust होता है, यानी Exempted Trust, तो EPF के ट्रांसफर में अतिरिक्त सतर्कता जरूरी है। ये कंपनियां कर्मचारी के EPF कॉन्ट्रीब्यूशन को खुद मैनेज करती हैं, जबकि EPS यानी पेंशन स्कीम का हिस्सा EPFO को भेजती हैं।
नौकरी बदलने पर Exempted Trust पूरा PF बैलेंस एकमुश्त EPFO को ट्रांसफर करता है। इस ट्रांजेक्शन को ‘Accumulated Funds’ कहा जाता है। इसके साथ-साथ कंपनी सर्विस हिस्ट्री का डेटा भी भेजती है ताकि कर्मचारी के सर्विस पीरियड में कोई ब्रेक न आए। आमतौर पर सिस्टम इन दोनों डेटा को मिला कर सही से अपडेट कर देता है, लेकिन यदि इनमें कोई तकनीकी त्रुटि रह जाए, तो समस्या पैदा हो सकती है।
जॉइनिंग डेट में गलती से खत्म हो गया 15 साल का रिकॉर्ड
एक ताजा उदाहरण में देखा गया कि एक कर्मचारी की ओरिजिनल जॉइनिंग डेट (DoJ) कंपनी द्वारा ट्रांसफर करते समय EPFO को अपडेट नहीं की गई। परिणामस्वरूप, EPFO सिस्टम ने ट्रांसफर की तारीख को ही जॉइनिंग डेट मान लिया। इसके चलते कर्मचारी का पिछला 15 साल का सर्विस रिकॉर्ड सिस्टम से खत्म हो गया।
इस गलती का असर कर्मचारी की EPS Pension Eligibility, PF Transfer Continuity और Withdrawal Claim पर पड़ा। पेंशन स्कीम में लाभ लेने के लिए कम से कम 10 साल की सेवा अनिवार्य होती है। जब रिकॉर्ड से 15 साल की सेवा ही हट गई, तो न सिर्फ पेंशन का अधिकार चला गया, बल्कि भविष्य में क्लेम प्रोसेस भी जटिल हो गया।
गलत डेट ऑफ बर्थ से भी हो सकता है बड़ा नुकसान
जन्मतिथि यानी Date of Birth में गलती भी EPF प्रोसेस में बड़ी बाधा बन सकती है। कई बार डेट ऑफ बर्थ गलत दर्ज होने से क्लेम रिजेक्ट हो जाता है या उसमें देरी होती है। EPFO ने अब डेट ऑफ बर्थ सुधारने की प्रक्रिया को आसान बना दिया है। इसके लिए कर्मचारी को EPFO की वेबसाइट पर जाकर अपनी डिटेल्स वेरिफाई करनी होती है।
अगर जन्मतिथि गलत है, तो उसका प्रमाण जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि अपलोड कर उसे सही कराना जरूरी है। गलत जानकारी भविष्य में न सिर्फ क्लेम रिजेक्शन बल्कि पेंशन खाते में भी रुकावट बन सकती है।
पासबुक में विवरण चेक करना जरूरी
EPF पासबुक एक ऐसा दस्तावेज है, जो आपके PF खाते की हर गतिविधि का रिकॉर्ड रखता है। इसमें योगदान की पूरी हिस्ट्री, ब्याज, सर्विस पीरियड, पेंशन स्टेटस आदि दिखता है। एक्सपर्ट्स की मानें तो नौकरी बदलते समय सबसे पहले अपने EPF पासबुक को चेक करना चाहिए।
इसमें आपको यह देखना चाहिए कि आपकी पिछली कंपनी से ट्रांसफर की गई राशि और सर्विस पीरियड सही तरीके से दर्शाए गए हैं या नहीं। इसके साथ ही जन्मतिथि और अन्य व्यक्तिगत विवरण भी चेक करें ताकि आगे कोई क्लेम करते समय दिक्कत न हो।
ट्रांसफर प्रक्रिया में हो रही चूक से सीखने की जरूरत
यह मामला एक चेतावनी है उन सभी कर्मचारियों के लिए, जो Exempted Trust वाली कंपनियों में काम करते हैं और बाद में नौकरी बदलते हैं। PF ट्रांसफर एक बेहद तकनीकी प्रक्रिया है और इसमें जरा सी लापरवाही से सर्विस हिस्ट्री मिट सकती है। इससे न सिर्फ पेंशन बल्कि PF Withdrawal और Loan पर भी असर पड़ सकता है।
विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि अगर आपने नौकरी बदली है और पिछली कंपनी का PF Exempted Trust में था, तो यह सुनिश्चित करें कि:
- आपकी जॉइनिंग डेट सही से EPFO को भेजी गई है।
- सर्विस डेटा और फंड ट्रांसफर की जानकारी पासबुक में दर्ज हो चुकी है।
- जन्मतिथि और नाम जैसे व्यक्तिगत विवरण सही हैं।
EPFO ने शुरू की सुधार की पहल
EPFO इस तरह की गड़बड़ियों को रोकने के लिए कई सुधारात्मक कदम उठा रहा है। डेट ऑफ बर्थ बदलने के लिए ऑनलाइन प्रोसेस को आसान बनाया गया है। साथ ही ट्रांसफर क्लेम ट्रैकिंग की सुविधा भी पोर्टल पर दी गई है ताकि कर्मचारी हर स्टेज की जानकारी रख सके।
आखिर में क्या समझें?
EPF ट्रांसफर केवल एक फॉर्म भरने या ऑनलाइन रिक्वेस्ट देने से पूरा नहीं होता। इसमें आपकी सर्विस हिस्ट्री, पेंशन योग्यता और भविष्य की फाइनेंशियल प्लानिंग जुड़ी होती है। इसीलिए इसमें हर स्टेप पर सावधानी जरूरी है। एक छोटी सी भूल आपके वर्षों की मेहनत और सेविंग को व्यर्थ कर सकती है।