EPF 95 पेंशन स्कीम: सरकारी और पीएसयू कर्मचारियों के बीच भयंकर भेदभाव

EPF 95 पेंशन स्कीम में सरकारी और पीएसयू कर्मचारियों के बीच भेदभाव से पेंशनर्स असंतुष्ट हैं। पेंशनर्स ₹7500 प्लस पेंशन की मांग कर रहे हैं और आंदोलन के लिए तैयार हैं। EPS 95 स्कीम की समीक्षा आवश्यक है।

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Written by Rohit Kumar

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EPF 95 पेंशन स्कीम: सरकारी और पीएसयू कर्मचारियों के बीच भयंकर भेदभाव

EPF 95 पेंशन स्कीम की पूरी समीक्षा की जानी चाहिए क्योंकि यह स्कीम पेंशनर्स के लिए अनुपयोगी साबित हो रही है। इस स्कीम में सरकारी और पीएसयू कर्मचारियों के बीच भयंकर भेदभाव देखा जा रहा है।

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उदाहरण के तौर पर, BHEL का एक क्वालिफाइड इंजीनियर केवल ₹2500 मासिक पेंशन प्राप्त करता है, जबकि सरकारी विभाग का इंजीनियर ₹60000 महीना पेंशन पाता है। यह विडंबना है कि दोनों की शिक्षा का स्तर समान है और दोनों पर सरकारी नियंत्रण रहता है, फिर भी पेंशन में इतना बड़ा अंतर है।

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पेंशनर्स की प्रधानमंत्री से मुलाकात

कई बार पेंशनर्स का डेलिगेशन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से मिल चुका है। प्रधानमंत्री का बचपन गरीबी और संघर्ष में बीता है, इसलिए पेंशनर्स को उनसे उम्मीद थी कि वे उनकी समस्याओं को समझेंगे और उन्हें हल करने का वायदा करेंगे। हालांकि, पेंशनर्स का मानना है कि प्रधानमंत्री ने अब तक अपने वादे पूरे नहीं किए हैं।

पेंशनर्स की मांग

बुजुर्ग पेंशनर्स ₹7500 प्लस पेंशन की मांग कर रहे हैं। यह मांग न केवल उचित है, बल्कि सरकार को इससे दुगना देना चाहिए ताकि बुजुर्ग लोग, जिनके हाथ-पैर अब काम नहीं कर रहे, उन्हें दो समय का भोजन मिल सके। यह चिंता का विषय है कि वर्तमान में मिल रही ₹2500 की पेंशन में एक व्यक्ति का महीने भर का गुजारा कैसे हो सकता है।

पेंशनर्स का आंदोलन

बुजुर्ग पेंशनर्स, जिनकी उम्र 70 साल से ऊपर हो गई है, उनमें गजब का जोश है। वे अपनी मांगों को मनवाने के लिए आंदोलन करने के लिए तैयार हैं। यह काबिले तारीफ है कि इतनी उम्र में भी वे अपने हक के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

EPF 95 पेंशन स्कीम की समीक्षा आवश्यक है। पेंशनर्स की मांग न केवल उचित है बल्कि उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए महत्वपूर्ण भी है। सरकार को इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और पेंशनर्स को सम्मानजनक पेंशन प्रदान करनी चाहिए ताकि वे अपनी बुजुर्ग अवस्था में भी आत्मनिर्भर और सम्मानित जीवन जी सकें।

4 thoughts on “EPF 95 पेंशन स्कीम: सरकारी और पीएसयू कर्मचारियों के बीच भयंकर भेदभाव”

  1. मान्य हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र दास मोदी जी से विनर निवेदन है कि हमारे देश की बुजुर्गों के लिए पेंशन जो मिलती है वह बहुत ही काम है जिसमें इनका जीवन यापन नहीं हो पता है और यह वृद्धावस्था में दर्द की ठोकरे खाने पर मजबूर हैं हम हाथ जोड़कर निवेदन करते हैं कि आप इन बुजुर्गों के बारे में एक बार विचार करें और उनकी जो पेंशन आए हैं उसमें बढ़ोतरी करके कम से कम 7500 हजार रुपए पर मंथ की जाए वृद्धा अवस्था में शारीरिक परेशानी होती है जिससे दवाई इलाज ज्ञात बहुत सारी खर्च हैं जिसमें ₹2500 में गुजारा नहीं हो पता है माननीय मोदी जी से निवेदन है कि जो बुजुर्ग है उनके लिए कम से कम 7500 पेंशन करने की कृपया करें मेरा नाम अखिलेश कुमार है बुजुर्गों
    का हाल देखकर अत्यंत दुखी हैं मुझे पूरा भरोसा है कि पूरा भरोसा है कि आप इन बुजुर्गों के बारे में कोई ना कोई विकल्प जरूर निकालेंगे जय श्री राम

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  2. We all together fight against injustice , we have to shown our unity .we all know in privet sector we don’t get much fund after retirement. And this pension is our own saving amount not given by EPFO. Be side from our tax government employees get. Much much higher.
    We all to support this movement and ready to give all support to our leader who fight against injustice.

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