राजस्थान के कर्मचारी केंद्र सरकार की नई पेंशन स्कीम (UPS) के विरोध में उतर आए हैं, और भजनलाल सरकार को चेतावनी दी है कि अगर राज्य में इसे लागू किया गया, तो 8 लाख कर्मचारी विरोध करेंगे।
अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी महासंघ का ऐलान
महासंघ के अध्यक्ष गजेंद्र सिंह ने कहा कि ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) को राज्य में लागू रखा जाए। यदि UPS लागू की गई, तो आंदोलन किया जाएगा।
UPS लागू होने से नाराजगी
UPS में महंगाई भत्ता जुड़ा होगा और सरकार का योगदान 18.5% होगा, पर कर्मचारियों का मानना है कि यह OPS जितना लाभकारी नहीं है।
OPS की मांग
कर्मचारी संगठनों की मांग है कि केंद्र और राज्य सरकारें ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) ही लागू करें, क्योंकि यह अधिक लाभकारी और सुरक्षित है।
NPS के मुकाबले UPS
NPS निवेश आधारित है और पेंशन की गारंटी नहीं देती, जबकि UPS और OPS में निश्चित पेंशन दी जाती है, जिससे कर्मचारियों की प्राथमिकता OPS बनी हुई है।
राज्य सरकार पर दबाव
राजस्थान की नई सरकार पर केंद्र के फैसले को लागू करने का दबाव है, लेकिन कर्मचारी संगठनों ने चेतावनी दी है कि वे UPS को स्वीकार नहीं करेंगे।
महंगाई से राहत
OPS और UPS में महंगाई भत्ता जुड़ा है, जबकि NPS में यह सुविधा नहीं है, जिससे OPS और UPS अधिक आकर्षक लगते हैं।
भविष्य की अनिश्चितता
राजस्थान के कर्मचारियों को डर है कि राज्य सरकार केंद्र के UPS को लागू कर सकती है, जिससे उनके रिटायरमेंट के बाद की पेंशन असुरक्षित हो सकती है।