कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने पीएफ खातों से संबंधित नीतियों में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जो सब्सक्राइबर्स के लिए बेहद लाभकारी साबित होंगे। ये बदलाव विशेष रूप से उन खातों के लिए किए गए हैं जिनमें लंबे समय से कोई लेन-देन नहीं हुआ है। इन परिवर्तनों का उद्देश्य न केवल सब्सक्राइबर्स को उनके व्यक्तिगत विवरण में सुधार करने का मौका देना है, बल्कि धोखाधड़ी को रोकना और नकदी निकासी की प्रक्रिया को सरल बनाना भी है।
नाम में सुधार के लिए नई सुविधा
EPFO ने सब्सक्राइबर्स के व्यक्तिगत विवरणों, जैसे पिता, माता, और पत्नी के नाम में सुधार के लिए प्रक्रियाओं को सरल बनाया है। पहले, नाम में दो अक्षरों से अधिक के बदलाव को बड़ा बदलाव माना जाता था, लेकिन अब इस सीमा को बढ़ाकर तीन अक्षर कर दिया गया है। साथ ही, स्पेलिंग में बदलाव के लिए पूरा नाम दर्ज करने की अक्षर सीमा को भी हटा दिया गया है।
यह सुविधा विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए फायदेमंद है जो शादी के बाद अपना सरनेम बदलना चाहती हैं। अब, यह बदलाव मामूली संशोधन के रूप में स्वीकार किया जाएगा, जिससे प्रक्रिया और भी सरल हो जाएगी।
ई-केवाईसी बायोमेट्रिक सत्यापन
EPFO ने धोखाधड़ी को रोकने और लंबे समय से निष्क्रिय पड़े पीएफ खातों से नकदी निकालने की कठिनाइयों को दूर करने के लिए ई-केवाईसी बायोमेट्रिक सत्यापन को अनिवार्य कर दिया है।
अधिकांश गैर-लेन-देन वाले पीएफ खातों में यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) नहीं होता है, जिसके कारण खाताधारकों को संबंधित कार्यालयों में जाना पड़ता है। इन खातों में बायोमेट्रिक सत्यापन पूरा करने के लिए ईपीएफआईजीएमएस पोर्टल के माध्यम से अपॉइंटमेंट लेना पड़ता है।
लोगों के लिए विशेष सुविधा
वरिष्ठ नागरिकों और अन्य चिकित्सा समस्याओं से पीड़ित लोगों के लिए EPFO ने विशेष सुविधा प्रदान की है। अब, वे पोर्टल के माध्यम से अपॉइंटमेंट लेकर अपने दरवाजे पर EPFO कर्मियों से संपर्क कर सकते हैं। इस प्रक्रिया से वे अपने यूएएन की जानकारी दे सकते हैं, केवाईसी पूरा कर सकते हैं और नकदी का दावा कर सकते हैं।
पीएफ खाते की राशि के आधार पर निर्णय
यदि किसी पीएफ ग्राहक के खाते में राशि 1 लाख रुपये से कम है, तो इस परिस्थिति में संबंधित लेखा अधिकारी (AO) को निर्णय लेने का अधिकार होगा। वहीं, यदि खाते में राशि 1 लाख रुपये से अधिक होती है, तो सहायक पीएफ आयुक्त (APFC) या क्षेत्रीय पीएफ आयुक्त (RPFC) निर्णय लेंगे।
यदि किसी सब्सक्राइबर की कंपनी बंद हो जाती है और उनके पास यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) नहीं होता है, तो वे इसे पीएफ कार्यालयों से प्राप्त कर सकते हैं। सब्सक्राइबर की मृत्यु हो जाने पर, फॉर्म-2 में उल्लिखित नामांकित व्यक्ति ई-केवाईसी के माध्यम से नकदी का दावा कर सकते हैं। यदि नामांकित व्यक्ति का नाम नहीं दिया गया है, तो कानूनी उत्तराधिकारी EPF का दावा कर सकते हैं।
निष्कर्ष
EPFO द्वारा किए गए ये बदलाव सब्सक्राइबर्स के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि यह न केवल उनके व्यक्तिगत विवरणों में सुधार की सुविधा प्रदान करता है, बल्कि धोखाधड़ी रोकने और नकदी निकासी की प्रक्रिया को भी सरल बनाता है। इन नई प्रक्रियाओं से EPFO के सदस्य अपनी भविष्य निधि को और अधिक सुरक्षित और सुलभ बना सकेंगे।
सही बात है पेंशन तो बढ़ कर ही मिलनी चाइये प्राइवेट कंपनी म कोन सा रिटायर होने पर सिरफ grauguty मिलती हे बाकी तो पेंशन पर ही निर्भर हे कम से कम पेंशन /5000रुपय से 7500,तक होनी चाइये