उत्तर प्रदेश के विकास प्राधिकरणों के कर्मचारियों की पेंशन से जुड़े मुद्दों पर लंबे समय से शिकायतें आ रही थीं, विशेष रूप से नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) के तहत होने वाली अनियमितताओं को लेकर। कर्मचारियों की पेंशन कटौती और अंशदान जमा करने की प्रक्रिया में हो रही देरी ने इस मसले को और गंभीर बना दिया था। इन गड़बड़ियों को ध्यान में रखते हुए, राज्य सरकार ने अब इस दिशा में कड़ा कदम उठाया है और स्पष्ट आदेश जारी किया है कि पेंशन अंशदान की प्रक्रिया पारदर्शी और समयबद्ध होनी चाहिए।
NPS में अनियमितताओं पर सख्त कार्रवाई
हाल ही में एक समीक्षा बैठक के दौरान पाया गया कि कई विकास प्राधिकरण, जैसे गाजियाबाद, मुरादाबाद, अलीगढ़, और रायबरेली, में NPS के तहत कर्मचारियों के पेंशन अंशदान को समय पर जमा नहीं किया जा रहा था। इस देरी का सीधा असर कर्मचारियों की पेंशन पर पड़ रहा था, जिससे उनके वित्तीय सुरक्षा और भविष्य की योजनाओं में बाधाएं उत्पन्न हो रही थीं।
सरकार ने इन अनियमितताओं पर कड़ा रुख अपनाते हुए आदेश दिया है कि पेंशन अंशदान को तय समय सीमा—जनवरी और जुलाई में—जमा किया जाना चाहिए, जिससे कर्मचारियों को समय पर पेंशन लाभ मिल सके।
कर्मचारियों के लिए नई व्यवस्थाएँ
इस नए आदेश के अनुसार, विकास प्राधिकरणों के कर्मचारियों की पेंशन राशि का अंशदान अब बिना किसी देरी के नियमित रूप से जमा किया जाएगा। ताकि कर्मचारियों को वित्तीय सुरक्षा का सही समय पर लाभ मिल सके। सरकार के इस कदम से लगभग 2,000 पेंशनभोगी लाभान्वित होंगे, जिन्हें पहले अनियमितताओं का सामना करना पड़ता था।
7वें वेतनमान के तहत पेंशन
इसके अतिरिक्त, योगी आदित्यनाथ की सरकार ने राज्य कर्मचारियों और विकास प्राधिकरणों के कर्मचारियों के बीच पेंशन में समानता लाने का भी निर्णय लिया है। अब विकास प्राधिकरणों के कर्मचारी, जिन्हें पहले छठे वेतनमान के अनुसार पेंशन मिलती थी, उन्हें सातवें वेतन आयोग के आधार पर पेंशन दी जाएगी। इससे कर्मचारियों को आर्थिक रूप से अधिक राहत मिलेगी, और वे राज्य के अन्य कर्मचारियों के समान लाभ प्राप्त कर सकेंगे।
कर्मचारियों को मिलेगी वित्तीय सुरक्षा
उत्तर प्रदेश सरकार का यह कदम विकास प्राधिकरणों के कर्मचारियों के पेंशन अधिकारों की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। NPS के तहत होने वाली गड़बड़ियों पर नियंत्रण और सातवें वेतनमान के अनुसार पेंशन का वितरण कर्मचारियों को न केवल वित्तीय सुरक्षा प्रदान करेगा, बल्कि पेंशन प्रणाली में भी पारदर्शिता और विश्वसनीयता को बढ़ाएगा।