भारतीय खाद्य निगम (FCI) और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के बीच चल रहे विवाद ने कई सेवानिवृत्त कर्मचारियों को चिंता में डाल दिया है। खासकर 2014 से पहले रिटायर हुए कर्मचारियों को उच्च पेंशन के दावों की अस्वीकृति से गहरा झटका लगा है। EPS 95 राष्ट्रीय एजीटेशन समिति के रायपुर अध्यक्ष, अनिल कुमार नामदेव ने इस मुद्दे पर गहरी चिंता व्यक्त की है और इसे कर्मचारियों के लिए निराशाजनक बताया है।
पेंशनरों के लिए निराशा का दौर
बता दें, हाईकोर्ट में चल रही कानूनी लड़ाई के बीच, यह खबर आई है कि EPFO ने FCI के 2014 से पहले सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों के उच्च पेंशन दावों को खारिज कर दिया है। इससे पेंशनरों के लिए उच्च पेंशन की उम्मीदें धूमिल हो गई हैं। नामदेव ने बताया कि यह फैसला कर्मचारियों के लिए बड़ा झटका है, जो पहले से ही तनावपूर्ण स्थिति का सामना कर रहे थे।
अदालत के फैसले की भिन्न व्याख्या
EPFO ने सर्वोच्च न्यायालय के 22 नवंबर 2022 के निर्णय का हवाला देते हुए पेंशन दावों को अस्वीकृत किया है। FCI प्रबंधन ने इस फैसले पर 13 जून 2024 को चार पृष्ठों का एक पत्र जारी किया, जिसमें उन सभी आपत्तियों का स्पष्ट जवाब दिया गया, जो EPFO द्वारा उठाई गई थीं। इसके बावजूद, EPFO अधिकारियों ने इसे स्वीकार नहीं किया और अपने हिसाब से अदालत के आदेशों की व्याख्या कर, 2014 से पहले रिटायर हुए कर्मचारियों को उच्च पेंशन के अधिकार से वंचित कर दिया।
शीर्ष अधिकारियों की बैठक स्थगित
यह भी सामने आया है कि जुलाई 2024 के आखिरी सप्ताह में दिल्ली में EPFO और FCI के शीर्ष अधिकारियों के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक होनी थी, जिसमें इस मुद्दे पर आमने-सामने चर्चा की जानी थी। हालांकि, यह बैठक अनिश्चित कारणों से स्थगित कर दी गई और अब तक इस पर कोई समाधान नहीं निकला है। इसके बजाय, FCI के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को उच्च पेंशन के लिए अयोग्य घोषित करने वाले आदेश लगातार जारी किए जा रहे हैं।
भविष्य की उम्मीदें धूमिल
इस पूरे घटनाक्रम ने FCI के सेवानिवृत्त कर्मचारियों के बीच निराशा पैदा कर दी है। उच्च पेंशन की उम्मीदें धूमिल होती नजर आ रही हैं। एक सेवानिवृत्त कर्मचारी ने निराशा जताते हुए कहा, “अब ऐसा लग रहा है कि हमें उच्च पेंशन की उम्मीद छोड़ देनी चाहिए। भगवान भी आ जाएं, तो शायद वे भी EPFO को यह समझाने में नाकाम रहेंगे कि FCI के कर्मचारियों के वैध अधिकारों की रक्षा की जानी चाहिए।”
निष्कर्ष
इस स्थिति ने FCI के सेवानिवृत्त कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए अनिश्चितता की स्थिति पैदा कर दी है। इस मुद्दे का हल निकालने के लिए उच्च स्तरीय चर्चा और कानूनी समर्थन की आवश्यकता है। जब तक समाधान नहीं निकलता, तब तक कर्मचारियों की उम्मीदें और धैर्य दोनों ही परिक्षण की स्थिति में रहेंगे।
FCI और EPFO के बीच यह टकराव न केवल कर्मचारियों के आर्थिक भविष्य को प्रभावित कर रहा है, बल्कि इसे एक बड़े सामाजिक और मानवाधिकार के मुद्दे के रूप में भी देखा जा रहा है।